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किसान भाई खेतों में नैनो यूरिया का उपयोग कर फसल बढ़ाएं और पर्यावरण बचाएं

किसान भाई खेतों में नैनो यूरिया का उपयोग कर फसल बढ़ाएं और पर्यावरण बचाएं

कृषि मंत्री श्री पटेल ने किसानों से की अपील


लोकमतचक्र.कॉम।

हरदा : कृषि मंत्री विकास एवं किसान कल्याण मंत्री श्री कमल जी पटेल ने मंगलवार रात्रि में कृषि विकास कार्यक्रम के क्रियान्वयन की समीक्षा। समीक्षा के दौरान उन्होने उपसंचालक कृषि श्री चन्द्रावत से कहा कि जिले में नैनो यूरिया के प्रयोग को बढ़ावा देने के लिये जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करें। उन्होने बताया कि नैनो यूरिया के उपयोग से पर्यावरण बेहतर बना रहता है और यूरिया उपयोग की क्षमता में भी वृद्धि होती है तथा मृदा स्वास्थ्य बेहतर रहता है। कृषि मंत्री श्री पटेल ने बैठक में कहा कि, जिले में न तो उर्वरक की कोई कमी है और न ही कोई कमी भविष्य में परिलक्षित होगी। किसान भाई निश्चिंत रहे। उन्होने बताया कि भविष्य में मांग अनुसार यूरिया एवं डी.ए.पी. उर्वरक के प्लान किये गये है जो कि, निरंतर प्रवाह में हरदा रैक पाईंट पर आते रहेगी। उन्होने कृषक भाईयों से अपील की है कि, पहला टॉप डेªसिंग दानेदार यूरिया उर्वरक से करें तथा इसके बाद नैनो यूरिया, जिसमें यूरिया नैनो पार्टिकल के रूप मे यूरिया उपलब्ध है, का छिड़काव करें। एक मिलीमीटर यूरिया का 55 लाख वां भाग एक नैनो पार्टिकल होता है, जो नग्न आंखो से नही देखा जा सकता है और पौधे की पत्तियां इस नैनो पार्टिकल को अवशोषित कर पौधे को नाइट्रोजन के पोषण की पूर्ति करती है। उपसंचालक, किसान कल्याण तथा कृषि विकास श्री चन्द्रावत ने बताया कि जिले में नैनो यूरिया की 36 हजार बोतल उपलब्ध है जो कि 36 हजार एकड़ क्षेत्र के लिए पर्याप्त है तथा मांग अनुसार नैनो यूरिया उपलब्ध कराया जाता रहेगा।

बैठक में उपसंचालक, कृषि श्री एम.पी.एस. चन्द्रावत ने बताया कि, अद्यतन स्थिति तक जिले में अनुमानित 65 हजार 400 हेक्टयर में चना एवं 61 हजार 700 हेक्टयर में गेहूँ की बोनी का कार्य संपन्न हो चूका है, साथ ही सरसो, मसूर एवं अलसी की बोनी भी पूर्ण हो चुकी है। इस प्रकार जिले में 1 लाख 91 हजार 800 हेक्टयर लक्ष्य के विरूद्ध 1 लाख 27 हजार 215 हेक्टयर क्षेत्र में बोनी का कार्य संपन्न हो चूका है, जो कि लक्ष्य का 66 प्रतिशत है एवं निरंतर बोनी का कार्य अविरल गति से प्रगति पर है। उर्वरक व्यवस्था की समीक्षा के दौरान बताया गया कि जिले में किसी भी प्रकार के उर्वरक की कोई कमी नही है एवं कृषको को वितरण का कार्य सुचारू व्यवस्था बनाकर किया जा रहा है। वर्तमान में जिले में 1825 मैट्रिक टन यूरिया उर्वरक एवं 1114 मैट्रिक टन डी.ए.पी. उर्वरक उपलब्ध है। इसके अतिरिक्त एन.पी.के. कॉम्प्लेक्स की 252 मैट्रिक टन उपलब्ध है एवं ईटारसी रैक पाईंट से निजी क्षेत्र में मांग अनुसार निरंतर उपलब्ध हो रहा है। साथ ही सिंगल सुपर फास्फेट 8524 मैट्रिक टन एवं 253 मैट्रिक टन म्यूरेट ऑफ पोटाश उर्वरक उपलब्ध है। इसके अलावा 19 नवम्बर को ईफको कंपनी की लगभग 3100 मैट्रिक टन यूरिया उर्वरक की रैक हरदा रैंक पाईंट पर लगना प्रस्तावित है तथा इसके पश्चात डी.ए.पी. उर्वरक की एक रैक हरदा रैंक पाईंट पर लगने जा रही है। आगामी 02 सप्ताह में यूरिया उर्वरक रैक का प्लान मध्यप्रदेश शासन, द्वारा किया गया है।

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