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टंट्या मामा का बलिदान दिवस मनाया अजाक्स ने

टंट्या मामा का बलिदान दिवस मनाया अजाक्स ने


लोकमतचक्र.कॉम।

हरदा- अजाक्स जिला कार्यालय हरदा में आदिवासी जन नायक, भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महान क्रांतिकारियो  में से एक इंडियन रॉबिनहुड टंट्या भीम का बलिदान दिवस आयोजित किया गया। कार्यक्रम में टंट्या भील के छाया चित्र में अजाक्स हरदा जिला अध्यक्ष रमेश मर्सकोले द्वारा दीप प्रज्वलित एवं माल्यार्पण कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया उनके द्वारा अवगत कराया गया कि अंग्रेजी दमन को ध्वस्त करने वाली जिद तथा संघर्ष की मिसाल है जननायक टंट्या भील । ब्रिटिश हुकूमत द्वारा ग्रामीण आदिवासी जनता के साथ शोषण और उनके मौलिक अधिकारों के साथ हो रहे अन्याय-अत्याचार की खिलाफत की। दिलचस्प पहलू यह है कि स्वयं प्रताड़ित अंग्रेजों की सत्ता ने जननायक टंट्या को “इण्डियन रॉबिनहुड’’ का खिताब दिया। मध्यप्रदेश के खंडवा जिले की पंधाना तहसील में 26 जनवरी 1842 को जन्मे जननायक टंट्या भील को 04 दिसम्बर 1889 में कुछ जयचंद की वजह से गिफ्तार कर फाँसी दे दी गई।

आकास जिला अध्यक्ष राजकुमार मर्सकोले, अजाक्स महिला प्रकोष्ठ की जिलाध्यक्ष श्रीमती सीमा निराला  ने टंट्या भील के जीवन पर प्रकाश डाला व उनके बताए सदमार्गो पर चलने व सामाजिक एकता की बात कही। इस अवसर पर आदिवासी छात्र संगठन जिला अध्यक्ष लोकेश कलमे, जयस प्रभारी सुनील चौहान, बालाराम आहाके, रामचन्द्र सावरे, सुरेश धुर्वे पल्लवी धुर्वे सहित अन्य  सामाजिक लोग उपस्तित थे। कार्यक्रम का संचालन पी सी पोर्ते द्वारा किया गया ।

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