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कोर्ट में फजीहत के बाद अब पंचायतों का परिसीमन कराएगी सरकार, कांग्रेस ने किया विरोध

कोर्ट में फजीहत के बाद अब पंचायतों का परिसीमन कराएगी सरकार, कांग्रेस ने किया विरोध

भोपाल : सुप्रीम कोर्ट में पंचायत चुनाव को लेकर फजीहत करा चुकी राज्य सरकार ने पंचायत चुनाव निरस्त होने के बाद अब नए सिरे से परिसीमन और आरक्षण की तैयारी शुरू कर दी है। इसी के मद्देनजर पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के प्रस्ताव पर राज्यपाल ने पंचायतों के परिसीमन को मंजूरी दे दी है। इसका नोटिफिकेशन भी जारी हो गया है। उधर दोबारा परिसीमन कराए जाने के सरकार के फैसले पर वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक तंखा ने आपत्ति की है और कहा है कि जब पहले से ही परिसीमन हो चुका है तो इस तरह का आदेश जारी कर सरकार जानबूझकर चुनाव प्रक्रया को और लेट करने की तैयारी में है।


 मध्यप्रदेश के राज्यपाल द्वारा गुरुवार को मध्यप्रदेश पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज (द्वितीय संशोधन) अध्यादेश, 2021 प्रख्यापित किया गया है। इस अध्यादेश के द्वारा मध्यप्रदेश पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम, 1993 में एक नयी धारा 10 क जोड़ी गई है। इसके द्वारा यह प्रावधान किया गया है कि यदि पंचायतों के कार्यकाल के समाप्ति के पूर्व किए गए पंचायतों अथवा उनके वार्डों अथवा निर्वाचन क्षेत्रों के परिसीमन अथवा विभाजन के प्रकाशन की तारीख से अठारह माह के भीतर राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा किसी भी कारण से निर्वाचन की अधिसूचना जारी नहीं की जाती है तो ऐसा परिसीमन अथवा विभाजन अठारह माह की अवधि की समाप्ति पर निरस्त समझा जाएगा। ऐसी स्थिति में इन पंचायतों और इनके वार्डों और निर्वाचन क्षेत्रों का परिसीमन अथवा विभाजन नये सिरे से किया जाएगा। प्रदेश में वर्ष 2020 के पंचायतों के सामान्य निर्वाचन के लिए सितम्बर 2019 में परिसीमन की कार्यवाही की गई थी, जो इस अध्यादेश के परिणामस्वरूप निरस्त हो गई है। अब पंचायतों और उनके वार्डों तथा निर्वाचन क्षेत्रों के परिसीमन और विभाजन की कार्यवाही पुनः की जाएगी, जिसके आधार पर निर्वाचन की लंबित प्रक्रिया संपन्न होगी।

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