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आठ माह से केरल में लापता आदिवासी युवक ढाबे वाले की मदद से पहुँचा अपने घर हरदा

आठ माह से केरल में लापता आदिवासी युवक ढाबे वाले की मदद से पहुँचा अपने घर हरदा

राधास्वामी सतसंग दयालबाग की शाखा राजाबरारी ने निभाई अहम भूमिका


लोकमतचक्र.कॉम।

हरदा (विजय सिंह ठाकुर)।  ग्राम कुमरूम पंचायत कायदा निवासी आदिवासी युवक दीपक गत फरवरी माह में मंडीदीप निवासी पप्पू ठेकेदार के साथ कोयम्बटूर मज़दूरी करने गया था। पारिवारिक समस्याओं के चलते मानसिक रूप से अस्थिर दीपक एक दिन अचानक ही काम छोड़ कर बिना बताए चला गया। ठेकेदार द्वारा गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई गई लेकिन कुछ पता न चल सका। 

दीपक केरल में जगह जगह भटकता रहा और घर जाने का प्रयास करता रहा किंतु भाषा की समस्या एवं मानसिक रूप से सक्षम न होने की वजह से वह दर दर भटकता रहा। हॉल ही में 1 दिसंबर को केरल के अंगमालि रेलवे स्टेशन से पंद्रह किलोमीटर दूर ढाबा चलाने वालीं सरिता दीदी एवं उनके पति ने दीपक को अपने ढाबे पर शरण दी। उनके बाल कटवा कर पहनने को कपड़े दिए और खाने की व्यवस्था भी की। दो दिन बाद दीपक नें बताया कि वह हरदा जिले के कायदा कुमरूम गाँव का निवासी है। ढाबे वाले ने इंटरनेट पर सर्च करके कायदा के निकट राधास्वामी सतसंग दयालबाग की राजाबरारी शाखा के सचिव डी. सुमिर से फोन पर संपर्क किया। सुमिर सर के द्वारा ढाबे वालों से एक वीडियो बना कर भेजने का आग्रह किया। 

वीडियो को सोशल मीडिया पर राजाबरारी ऐस्टेट के सभी ग्रामों में वायरल किया गया। मात्र एक घंटे में ही सचिव राधेश्याम यादव एवं राजेश नागोरी द्वारा दीपक के परिवार को कुमरूम ग्राम में ढूंढ लिया गया। राधेश्याम द्वारा उसके घर जा कर दीपक की उनकी पत्नी व दो छोटे बच्चों से बात करवाई। ग्राम वासियों की द्वारा दीपक को लाने हेतु चंदा एकत्रित करने की योजना बनायी गई। इस बीच कुमरूम के वन अधिकारी महेश बामने द्वारा पप्पू ठेकेदार को दीपक के मिलने की सूचना दी गयी और उसे वापस लाने का निवेदन किया। पप्पू ठेकेदार तुरंत ही ढाबे के पते पर दीपक को लाने पहुंच गए। परंतु ढाबे वाले नें सुरक्षा दृष्टि से उन्हें दीपक को सौपने को मना कर दिया। बाद में डी सुमिर सर के द्वारा ढाबे वाले को पप्पू ठेकेदार की जानकारी व आधार कार्ड भेज कर आश्वासन देने पर दीपक को वापसी हेतु सौंप दिया गया। पप्पू ठेकेदार द्वारा ढाबे वाली बबली दीदी को कुछ राशि देने का प्रयास किया लेकिन उन्होंने उसे लेने से मना कर दिया और कहा कि उन्हें खुशी है कि दीपक अपने परिवार के पास जा पा रहा है। 

दीपक को पप्पू ठेकेदार द्वारा सकुशल महेश बामने को सुपुर्द किया गया और फिर परिवार से मिलवाया गया। आठ माह के पश्च्यात दीपक का इस प्रकार घर पहुंचना एक चमत्कार ही है। इसके लिए केरल के ढ़ाबे की सरिता दीदी व परिवार विशेष सम्मान के पात्र हैं जिन्होंने एक लापता आदिवासी को इतने दिन अपने घर रख कर उसकी देखरेख की और अपने प्रयासों से उसके घर का पता लगाया। फारेस्ट ऑफिसर महेश बामने व पप्पू ठेकेदार के विशेष सहयोग से दीपक अपने घर पहुँच सका। ये विडीयों हुआ था वायरल...


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