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GST काउंसिल का फैसला: कपड़ों पर जीएसटी नहीं बढ़ेगी, 1 जनवरी से 12 फीसद होने वाला था टैक्स

GST काउंसिल का फैसला: कपड़ों पर जीएसटी नहीं बढ़ेगी, 1 जनवरी से 12 फीसद होने वाला था टैक्स


लोकमतचक्र.कॉम।

नईदिल्ली : कपड़ा व्यापारियों के देशव्यापी विरोध के चलते आज जीएसटी काउंसिल की बैठक में कपड़ों पर जीएसटी दर बढ़ाने का मुद्दा छाया रहा। सूत्रों के हवाले से प्राप्त जानकारी के मुताबिक जीएसटी परिषद ने सर्वसम्मति से कपड़ा पर जीएसटी में 5 फीसद से 12 फीसद की बढ़ोतरी को टालने का फैसला किया है। भविष्य के रोडमैप के लिए परिषद की अगली बैठक में इस मुद्दे पर फिर से चर्चा की जाएगी।

दरअसल, एक जनवरी 2022 से टेक्सटाइल और जूतों पर पांच फीसदी से बढ़ाकर 12 फीसदी जीएसटी लगने जा रहा है। राज्य सरकारों से लेकर इन क्षेत्रों स जुड़े उद्योग और कारोबारी इसका विरोध कर रहे हैं। माना जा रहा है कि इसे देखते हुए जीएसटी दर बढ़ाने का फैसला टल गया है। परिषद की 17 सितंबर को हुई पिछली बैठक में फुटवियर एवं कपड़ों पर जीएसटी दर संशोधित करने का फैसला लिया गया था। हालांकि जूते-चप्पल पर बढ़े टैक्स (GST on Footwear) को वापस नहीं लिया गया और न ही जीएसटी स्लैब (GST Slab) में कोई बदलाव हुआ।

नए साल में महंगे होंगे जूते-चप्पल

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (FM Nirmala Sitharaman) की अगुवाई में आज यहां जीएसटी काउंसिल (GST Council) की अहम बैठक हुई। पहले यह बैठक जनवरी में होने वाली थी. जीएसटी काउंसिल की पिछली बैठक में एक हजार से नीचे के रेडीमेड कपड़े और जूते पर टैक्स बढ़ाने का फैसला लिया गया था. आज की बैठक में रेडीमेड कपड़ों पर बढ़ाए गए टैक्स को वापस ले लिया गया. हालांकि एक हजार से नीचे के जूते-चप्पल पर एक जनवरी से पांच के बजाय 12 फीसदी टैक्स लगेगा।

अगली बैठक में घटाए जा सकते हैं स्लैब

इंडस्ट्री को जीएसटी प्रणाली सिंपल बनाने की दिशा में किसी बड़े फैसले की भी उम्मीद थी. ऐसा माना जा रहा था कि आज की बैठक में स्लैब घटाए जा सकते हैं। जीएसटी काउंसिल ने बैठक में 12 फीसदी और 18 फीसदी के स्लैब को मिलाए जाने पर चर्चा तो की, लेकिन इस पर फैसला नहीं लिया जा सका. अब जूते-चप्पल पर टैक्स कम करने और दो स्लैब को आपस में मिलाने के बारे में काउंसिल की अगली बैठक में विचार किया जाएगा।

तीन बजे वित्त मंत्री का प्रेस कांफ्रेंस

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण शाम तीन बजे प्रेस कांफ्रेंस करने वाली है। प्रेस कांफ्रेंस में वित्त मंत्री बैठक में लिए गए निर्णयों की विस्तार से जानकारी देंगी। इस बैठक में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के अलावा वित्त राज्य मंत्री Bhagwat Karad और मंत्रालय के अन्य बड़े अधिकारियों ने हिस्सा लिया। कई राज्यों के वित्त मंत्री भी बैठक में मौजूद रहे। इससे एक दिन पहले केंद्रीय वित्त मंत्री ने राज्यों के वित्त मंत्रियों के साथ बजट पर चर्चा की थी।

बढ़े टैक्स की वापसी के पक्षधर थे विपक्षी दल

बैठक से ठीक पहले विपक्षी दलों ने भी सरकार से जीएसटी दरें (GST Rate) बढ़ाने के पिछली बैठक के फैसले को टालने की मांग की है। पश्चिम बंगाल के पूर्व वित्त मंत्री अमित मित्रा ने कपड़े और जूतों पर टैक्स 5 फीसदी से बढ़ाकर 12 फीसदी करने के फैसले को वापस लेने की अपील की है।तेलंगाना के उद्योग मंत्री केटी रामाराव ने भी इस फैसले पर सरकार से विचार करने की मांग की है।

कई राज्यों ने वृद्धि वापस लेने की मांग की

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ गुरुवार को हुई बजट-पूर्व बैठक में भी कई राज्यों ने कपड़ा उत्पादों पर जीएसटी दर बढ़ाए जाने का मुद्दा उठाते हुए इस पर विरोध जताया। गुजरात ने कपड़ा उत्पादों पर बढ़ी हुई दर को स्थगित करने की मांग रखी। वहीं, दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बैठक में कहा कि इससे पूरे टेक्सटाइल इंडस्ट्री को भारी नुकसान होगा। साथ ही यह फैसला आम आदमी के अनुकूल नहीं है और इसे वापस लिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि टेक्सटाइल पर पांच फीसदी ही जीएसटी लगना चाहिए। इस मांग का पश्चिम बंगाल, दिल्ली, राजस्थान एवं तमिलनाडु जैसे राज्यों ने भी समर्थन किया है।

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