OBC आरक्षण बगैर पंचायत चुनाव न हो, शिवराज
OBC आरक्षण बगैर पंचायत चुनाव न हों, शिवराज के अशासकीय संकल्प पर सहमति, केंद्र को भेजेंगे
भोपाल : विधानसभा में प्रश्नकाल के हंगामे के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सदन में अशासकीय संकल्प पेश कर सदन से सर्वसम्मति से ओबीसी आरक्षण के बगैर पंचायत चुनाव नहीं होने देने का प्रस्ताव पारित करने को कहा। कांग्रेस और भाजपा के विधायकों ने इस पर सहमति दी और इसके बाद अशासकीय संकल्प पारित कर दिया गया। दरअसल सीएम चौहान ने सदन में पहुंचने के बाद कांग्रेस के हंगामे को देखते हुए फिर कहा कि हमारी मंशा है कि ओबीसी को आरक्षण दिए बगैर पंचायत चुनाव न हों। उन्होंने अशासकीय संकल्प प्रस्तुत करते हुए कहा कि पूरा सदन संकल्प ले कि ओबीसी आरक्षण के साथ ही चुनाव हों। संसदीय कार्यमंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा ने इसका समर्थन किया।
सीएम चौहान ने कहा कि ओबीसी, एसटी, एससी, सवर्ण सभी को न्याय देंगे। कोर्ट में अर्ली हियरिंग के लिए अपील की गई है। बिना ओबीसी आरक्षण के लिए चुनाव हो जाना प्रदेश के लिए ठीक नहीं है। कांग्रेस विधायक तब भी गर्भगृह में नारेबाजी कर रहे थे। इस पर अध्यक्ष गिरीश गौतम ने कहा कि सीएम चौहान कांग्रेस की मंशा के अनुरूप ही संकल्प लाए हैं। इसके बाद सभी कांग्रेस सदस्य सदन में आकर बैठ गए। इसके बाद अध्यक्ष गौतम ने सर्वसम्मति से अशासकीय संकल्प पारित होने की जानकारी दी। बाद में मीडिया से चर्चा में शिवराज ने कहा कि कांग्रेस ने महापाप किया है। कांग्रेस लगातार चुनाव रोकने का काम करती रही है। इस कारण यह स्थिति बनी है।
क्या होता है अशासकीय संकल्प
अशासकीय संकल्प किसी भी विषय पर सत्ता पक्ष और विपक्ष की सहमति से केंद्र सरकार को भेजा जाने वाला प्रस्ताव होता है। इस तरह के प्रस्ताव पारित करके राज्य सरकार केंद्र सरकार को सरकार और विपक्ष की सहमति से अवगत कराती है ताकि केंद्र सरकार इस पर निर्णय ले सके।
हंगामे के बीच पांच विधेयक और अनुपूरक बजट पारित
विधान सभा में कांग्रेस विधायकों के हंगामे के बीच सत्तापक्ष के विधायकों की सहमति से पांच विधेयक और 19 हजार 71 करोड़ 94 लाख रुपए का अनुपूरक बजट पारित कर दिया गया। दो विधेयक ग्वालियर व्यापार मेला और काष्ठ चिरान से संबंधित दो विधेयक कल चर्चा में आएंगे। हंगामे के बीच सदन की कार्यवाही विधानसभा अध्यक्ष गौतन ने कल तक के लिए स्थगित कर दी है।
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