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जियो फेंस गिरदावरी को हटाने के लिए प्रदेश भर के पटवारी जायेंगे 3 दिन के सामूहिक अवकाश पर

जियो फेंस गिरदावरी को हटाने के लिए प्रदेश भर के पटवारी जायेंगे 3 दिन के सामूहिक अवकाश पर

समस्याओं के कारण विगत एक माह से मांग कर रहे है पटवारी

लोकमतचक्र.कॉम।

भोपाल : जियो फेंस गिरदावरी की अनिवार्यता समाप्त करने को लेकर प्रदेश के पटवारी अब अपने आंदोलन को उग्र करने का मन बना चुके हैं, जिसके चलते प्रदेश के समस्त पटवारी 3 दिनों के सामूहिक अवकाश पर जाएंगे। इसको लेकर प्रदेशभर के पटवारियों ने आज जिला मुख्यालय पर इस संबंध में ज्ञापन सौंप कर अपनी मंशा अधिकारियों को जता दी है।


मध्यप्रदेश पटवारी संघ का कहना है कि संघ के द्वारा पूर्व में 3 बार जियो फैंस हटाये जाने हेतु ज्ञापन दिया है, जिसके माध्यम से संसाधन के अभाव में एवं व्यवहारिक समस्या के चलते जियो फेंस गिरदावरी हटाने की माँग की गई है। जियो फेंस गिरदावरी में आ रही व्यवहारिक समस्याओं के चलते पटवारियों द्वारा किसान हित में  सभी जिलों में मैन्युअल गिरदावरी की गई।

पटवारी संघ का कहना है कि इसी तारतम्य में प्रदेश के कुछ जिलों में पटवारियों पर दवाब बनाकर उन्हें गिरदावरी करने पर बाध्य किया गया है, चूंकि समस्त पटवारी जियो फेंस गिरदावरी मे शासन द्वारा बिना संसाधन एवं उसमें आ रही व्यवहारिक कठिनाइयों को दूर किये बिना करने के पक्ष में नहीं हैं, ऐसे में जियो फैंस गिरदावरी न करने के लिए बाध्य हैं । फिर भी कुछ जिलों में जियो फेंस गिरदावरी न करने पर पटवारियों को नोटिस जारी कर अनैतिक रूप से द्वेषपूर्ण कारण बताओ नोटिस, निलंबन जैसी  कार्यवाहियां की गईं हैं। अतः हम समस्त पटवारी इन कार्यवाहियों के जवाब में शासन को पत्र के माध्यम यह अवगत कराना चाहते हैं कि यदि शासन/ प्रशासन द्वारा दो दिवस में पटवारियों पर की गईं कार्यवाहियों को वापस नहीं लिया जाता एवं जियो फेंस गिरदावरी को नहीं हटाया जाता, तो ऐसे में हम ज़िले व प्रदेश के समस्त पटवारी आगामी तीन दिवस ( वुधवार,गुरुवार, शुक्रवार) को सामूहिक अवकाश लेने के लिए बाध्य रहेंगे। पटवारी संघ का कहना है कि प्रशासन से हमारी मांग है, कि जियो फेंस गिरदावरी व पटवारियों पर की गई सभी कार्यवाहियों को तत्काल वापस लिया जाए।

गौरतलब है कि मैदानी स्तर पर कार्य की जाने वाली योजनाएं अधिकतर बंद कमरों में एसी में बैठे अधिकारियों द्वारा बनाई जाती है, जिसमें उन्हें मैदानी स्तर पर आने वाली समस्याओं का ज्ञान नहीं हो पाता है। जिसके चलते शासन की योजनाएं अपेक्षित प्रगति नहीं कर पाती है, वही शासकीय कर्मचारियों को अनेकों मुसीबत का सामना करना पड़ता है। जिसके चलते प्रशासन और कर्मचारियों में टकराव की परिस्थिति निर्मित होती है। योजना प्रारंभ करने के पहले प्रशासन को चाहिए कि पायलट प्रोजेक्ट के रूप में कुछ स्थानों पर योजनाओं को मूर्त रूप दिया जावे और आने वाली कठिनाइयों का निराकरण किया जावे उसके पश्चात ही ऐसी योजनाएं लागू करें ताकि मैदानी स्तर पर कर्मचारियों को परेशान ना होना पड़े साथ ही प्रशासन से टकराहट की स्थिति निर्मित ना हो।

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