Breaking News

कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए सरकार हुई सख्त, प्रदेश में बड़े मेलों के आयोजन पर रोक के साथ लगाई तमाम बंदिशें

कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए सरकार हुई सख्त, प्रदेश में बड़े मेलों के आयोजन पर रोक के साथ लगाई तमाम बंदिशें

विवाह में 250 और अंतिम संस्कार में 50 लोगों को अनुमति, CM ने बड़े मेलों के आयोजन पर लगाई रोक

लोकमतचक्र.कॉम।
भोपाल : कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश में बड़े मेलों के आयोजन पर रोक लगा दी है। उन्होंने कहा है कि विवाह में अधिकतम ढाई सौ व्यक्ति और अंतिम संस्कार में 50 व्यक्ति शामिल हों। स्कूलों में विद्यार्थियों की उपस्थिति 50% हो और नाइट कर्फ्यू जारी रखा जाए। मुख्यमंत्री ने ब्लॉक स्तर पर कोविड केयर सेंटर तैयार करने के लिए भी निर्देशित किया है।

मुख्यमंत्री ने प्रदेश में #COVID19 की वर्तमान स्थिति एवं टीकाकरण के लक्ष्यों की प्राप्ति के संबंध में समीक्षा बैठक में कहा कि बड़े मेलों का आयोजन न हो। वैवाहिक कार्यक्रमों में 250 लोगों की सीमा हो। मुख्यमंत्री ने भोपाल सहित जबलपुर, ग्वालियर, इंदौर के कलेक्टरों से किए गए प्रबंध की जानकारी ली। आवश्यक बेड की व्यवस्था, कोविड केयर सेंटर में संक्रमित रोगियों के आइसोलेशन की समुचित व्यवस्था हो। प्रभारी अधिकारी जिलों के संपर्क में रहें। 

मुख्यमंत्री ने स्वैच्छिक संगठनों आमजन, जनप्रतिनिधियों और क्राइसिस मैनेजमेंट समितियों के सदस्यों से मिलजुल कर संक्रमण का मुकाबला करने का आह्वान किया। सीएम चौहान ने कोविड की समीक्षा के दौरान कहा कि घबराने की नहीं, सावधानी बरतने की आवश्यकता है। सीएम चौहान ने आवश्यक बेड, कोविड केयर सेंटर में संक्रमित रोगियों के आइसोलेशन की समुचित व्यवस्था और प्रभारी अधिकारियों को जिलों के संपर्क में रहने के निर्देश दिये।

सीएम ने कहा कि सार्वजनिक स्थानों पर अनिवार्य रूप से मॉस्क का उपयोग किया जाए। मॉस्क का उपयोग न करने पर जुर्माने की व्यवस्था की जाएगी। अभी अनेक राज्यों में नाइट कर्फ्यू के अलावा अन्य प्रतिबंध नहीं है। मध्यप्रदेश में भी कोई नए सख्त प्रतिबंध नहीं होंगे, लेकिन विभिन्न अवसरों पर उपस्थिति की संख्या सीमित करने का निर्णय हुआ है। मुख्यमंत्री चौहान ने आज मंत्रालय से वीडियो कॉन्फ्रेंस द्वारा विभिन्न मंत्रियों, प्रशासनिक अधिकारियों और प्रदेश के प्रमुख नगरों के कलेक्टर्स से कोविड की स्थिति की जानकारी प्राप्त की, उन्होंने व्यवस्थाओं की समीक्षा की और आवश्यक निर्देश दिए। 

मुख्यमंत्री चौहान ने निर्देश दिए कि प्रतिदिन कम से कम 60 हजार टेस्ट राज्य में हों। अस्पतालों में आवश्यकता अनुसार बेड की व्यवस्था हो। कोविड केयर सेंटर्स में भी आवश्यक व्यवस्थाएं की जाएं। अस्पतालों और कोविड केयर सेंटर्स में एक-सवा लाख बिस्तरों की क्षमता निर्मित रहे। भारत सरकार द्वारा निर्धारित गाइड लाइन के अनुरूप उपचार और अन्य व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं। संक्रमण से घबराए नहीं पूरी सावधानियां जरूर बरती जाएं।

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि भारत में सर्वाधिक महाराष्ट्र में संक्रमण है, इस कारण पड़ोसी राज्य होने के नाते मध्यप्रदेश में अधिक से अधिक एहतियात बरते जाने पर मुख्यमंत्री ने जोर दिया। उन्होंने स्वैच्छिक संगठनों आमजन, जनप्रतिनिधियों और क्राइसिस मैनेजमेंट समितियों के सदस्यों से मिलजुल कर संक्रमण का मुकाबला करने का आह्वान किया।

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि भोपाल में लाल परेड ग्राउण्ड के पास मोतीलाल नेहरू स्टेडियम में आईसोलेशन के लिए पूर्व की कोरोना लहरों के समय जो व्यवस्था की गई थीं, उसी तरह अभी भी उसकी तैयारी रखी जाए। संक्रमण का प्रभाव कम होने के बावजूद यह व्यवस्था एहतियातन कर ली जाए। इसी तरह इंदौर में भी स्टेडियम में रोगियों को आयसोलेट रखने के प्रबंध सुनिश्चित हों। ठंड के मौसम को देखते हुए स्वैच्छिक संगठनों के सहयोग से आवश्यक रजाइयों की व्यवस्था भी की जाए। प्रदेश के बड़े नगरों में पुख्ता व्यवस्थाएं हो जाने से निकटवर्ती जिलों से आने वाले संक्रमित व्यक्तियों की देखभाल में आसानी होगी। जबलपुर कलेक्टर ने बताया कि प्रतिदिन करीब पांच हजार टेस्ट किए जा रहे हैं। अभी 73 प्रकरण सामने आए हैं। फीवर क्लीनिक प्रारंभ कर दिए गए हैं। कुल 32 शासकीय और निजी अस्पतालों से सम्पर्क कर व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। मुख्यमंत्री चौहान ने जबलपुर में अधिक बिस्तर क्षमता विकसित करने के निर्देश दिए। कलेक्टर ग्वालियर ने  बताया कि कल 58 प्रकरण सामने आए हैं। छह हजार बेड उपलब्ध हैं। कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग भी की जा रही है। चिकित्सकों को रोगियों के घर जाकर परामर्श देने की व्यवस्था की गई है। एक मॉडल तैयार किया गया है जिसमें रोगी को एक पैकेज में उपचार और देखभाल का लाभ मिलेगा। क्राइसिस मैनेजमेंट कमेटी की बैठक में भी सम्पन्न हो गई है। कलेक्टर इंदौर ने बताया कि संक्रमण को देखते हुए चिकित्सकों से उपचार में औषधियों के निर्धारण के संबंध में भी चर्चा हुई। कलेक्टर भोपाल ने बताया कि पंडित खुशीलाल शर्मा आयुर्वेदिक महाविद्यालय में कोविड केयर सेंटर प्रारंभ किया गया है। नेहरू स्टेडियम में भी करीब एक हजार बिस्तर क्षमता का केन्द्र शुरू करने की तैयारी है। कल 24 प्रकरण सामने आए हैं। फीवर क्लीनिक भी कार्य कर रहे हैं।

स्वास्थ्य विभाग का प्रजेंटेशन

मुख्यमंत्री चौहान के समक्ष अपर मुख्य सचिव मोहम्मद सुलेमान ने प्रेजेंटेशन दिया। इसके अनुसार मध्यप्रदेश में 515 केसेस हैं। देश में 42 हजार और विश्व में 18 लाख केस आए हैं। प्रदेश के नगरों की चर्चा करें तो प्रदेश के कुल प्रकरणों में लगभग आधे प्रकरण इंदौर में है। भोपाल में अभी 307, ग्वालियर में 101, जबलपुर में 71 और उज्जैन में 47 संक्रमण के प्रकरण सामने आए हैं। कुल रोगियों में से अस्पताल में लगभग 8 प्रतिशत रोगी आयसोलेटेड किए गए हैं। शेष संक्रमित घर पर ही आयसोलेट हैं। बिस्तरों की उपयोग क्षमता पर नजर डालें तो बिना ऑक्सीजन वाले बेड मात्र 0.67 प्रतिशत, ऑक्सीजन बेड 0.19 प्रतिशत और आईसीयू एवं एचडीयू बेड 0.34 प्रतिशत उपयोग में आ रहे हैं। वर्तमान में प्रदेश में करीब 50 हजार बिस्तर क्षमता उपलब्ध है।

 मुख्यमंत्री चौहान ने संक्रमण के ग्लोबल ट्रेंड की जानकारी भी प्राप्त की। प्रदेश में वैक्सीनेशन कार्य की अच्छी प्रगति है। 3 जनवरी से प्रारंभ 15 से 18 आयु समूह के किशोरों के वैक्सीनेशन में कुल लक्ष्य के मुकाबले प्रदेश में औसत 30 प्रतिशत उपलब्धि प्राप्त हो चुकी है। सर्वाधिक प्रगति छतरपुर में 57 प्रतिशत, इंदौर में 56 प्रतिशत, सीहोर में 48 प्रतिशत, सागर एवं हरदा में 44 प्रतिशत अर्जित की गई है। मध्यप्रदेश में कुल 48 लाख के लक्ष्य मुकाबले 14 लाख 37 हजार 274 डोज़ लगाए जा चुके हैं।

 होम आयसोलेशन का प्रभावी पर्यवेक्षण हो। कोविड केयर सेंटर्स में स्वयंसेवी संस्थाएं स्वेटर, रजाई आदि उपलब्ध करवाएं।  आरटीपीसीआर टेस्ट की माकूल व्यवस्था बनी रहे। अन्य व्याधियों से ग्रस्त लोगों को प्राथमिकतापूर्वक अस्पताल में दाखिल कर उपचार का लाभ मिले।   प्रत्येक स्तर पर कोविड एप्रोपिएट व्यवहार का पालन हो। ट्रीटमेंट प्रोटोकॉल GOI के अनुसार हो (भारत सरकार की गाइड लाइन के अनुसार चिकित्सा उपचार करें)। यह संभव है प्रदेश में संक्रमित रोगी संख्या बढ़ेगी, आवश्यकतानुसार बिस्तर क्षमता बढ़ाएं। कोविड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर ब्लॉक स्तर तक बना लें। टेस्ट प्रतिदिन 60 हजार से कम न हो, कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग होती रहे। 15 से 18 वर्ष के बच्चों के आयु समूह के टीकाकरण का कार्य चलता रहे। संक्रमण के लक्षण साधारण हैं ,फिर भी आवश्यकता के अनुसार जो कदम होंगे जरूरी, वे उठाए जाएंगे। सभी नगरों और ग्रामों में उपचार और पॉजिटिव रोगियों की देखभाल की व्यवस्थाएं चाक-चौबंद रहे।   संभागीय मुख्यालयों पर और मेडिकल कॉलेज स्तर पर सभी प्रबंध सुनिश्चित करें।

कोई टिप्पणी नहीं