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नर्मदा किनारे 5 किमी पट्टी में हो प्राकृतिक खेती, मंत्री भी अपने खेतों में दें ऐसी खेती को बढ़ावा : शिवराज

नर्मदा किनारे 5 किमी पट्टी में हो प्राकृतिक खेती, मंत्री भी अपने खेतों में दें ऐसी खेती को बढ़ावा : शिवराज

लोकमतचक्र.कॉम।

भोपाल : मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में प्रस्तुत केंद्रीय बजट अमृत काल का बजट है। यह प्रदेश की तस्वीर और तकदीर बदलने का समय है। टीम मध्यप्रदेश बिना एक क्षण गंंवाए, प्रदेश के विकास और उन्नति के लिए निरंतर कार्य करे। केन्द्रीय बजट से राज्य सरकार जिन-जिन गतिविधियों में लाभ ले सकती है, उसकी प्रत्येक विभाग व्यवहारिक कार्य-योजना बनाएं। आवास, शहरी अधोसंरचना, कुटीर, लघु एवं मध्यम उद्यम, औद्योगिक विकास, सड़कों के निर्माण, जल जीवन मिशन के लिए केन्द्रीय बजट में किए गए प्रावधानों का अध्ययन कर प्रदेश के लिए अधिकतम सहयोग प्राप्त किया जाए।


मुख्यमंत्री चौहान ने 3 से 11 जनवरी 2022 तक हुई विभागीय समीक्षा बैठकों में दिए गए निर्देशों के क्रियान्वयन की समीक्षा के  दौरान केन्द्रीय बजट से मध्यप्रदेश द्वारा लाभ उठाए जाने की रणनीति और राज्य बजट 2022-23 में विभिन्न विभागों की प्राथमिकताओं पर भी चर्चा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश का निर्माण हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है।

खेती से जुड़े मंत्री अपने खेतों में करें प्राकृतिक खेती

मुख्यमंत्री ने किसान-कल्याण एवं कृषि विकास विभाग की समीक्षा के दौरान कहा कि मोटे अनाजों की खेती को प्रोत्साहन और प्राकृतिक तथा जैविक खेती राज्य सरकार की प्राथमिकता है। मंत्रिपरिषद के जिन-जिन सदस्यों के पास खेती है, वे अपने खेत में प्राकृतिक खेती का मॉडल फॉर्म विकसित करें। इससे लोग प्राकृतिक खेती के लिए प्रेरित होंगे और धरती का स्वास्थ्य सुधारने में मदद मिलेगी। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि नर्मदा नदी के दोनों ओर पांच किलोमीटर की पट्टी पर प्राकृतिक खेती को विकसित करने के लिए विशेष अभियान चलाया जाए। उन्होंने कहा कि मधुमक्खी पालन को उन्हीं जिलों में प्रोत्साहित किया जाए जहां फूलों की खेती या फूलों वाली फसलें अधिक होती हैं।

प्लाट आवंटन में गड़बड़ी पर करें कार्यवाही
मुख्यमंत्री चौहान ने सहकारिता विभाग की समीक्षा में निर्देश दिए कि सहकारी समितियों में प्लॉट आवंटन को गंभीरता से लिया जाए। जिन समितियों ने गड़बड़ी की है उनके विरुद्ध सख्त कार्रवाई करें। मुख्यमंत्री ने सहकारिता गतिविधियों का संपूर्ण कम्प्यूटराइजेशन आगामी छह में पूर्ण करने के निर्देश दिए। ग्रामीण परिवहन, खनिज, पर्यटन, श्रम, सर्विस सेक्टर, स्वास्थ्य आदि नये क्षेत्रों में सहकारिता को प्रोत्साहन देने की योजनाओं के निर्धारण के भी निर्देश दिए गए।

ठेकेदारों को प्रशिक्षण की जरूरत

 मुख्यमंत्री चौहान ने लोक निर्माण विभाग की समीक्षा में कहा कि प्रदेश में ठेकेदारों को प्रशिक्षण देने की व्यवस्था की आवश्यकता है। इस दिशा में पॉलीटेक्निक और इंजीनियरिंग कॉलेजों की मदद लेकर ठेकेदारों के प्रशिक्षण की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। साथ ही युवा इंजीनियर योजना में जिन इंजीनियरों को ठेकेदार बनना है, उनको प्रोत्साहन देने के लिए भी आवश्यक व्यवस्था करने पर विचार किया जाए। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि सर्किट हाउस और रेस्ट हाउस का व्यावसायिक प्रबंधन सुनिश्चित किया जाए।

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