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जनता के पैसे से सरकारें बांटती है मुफ्त रेवडियां लगे रोक : कैट

जनता के पैसे से सरकारें बांटती है मुफ्त रेवडियां लगे रोक : कैट

किसी भी सरकार को इस तरह फ्री धन बाँटने का अधिकार नहीं

लोकमतचक्र.कॉम।

भोपाल/हरदा : देश के व्यापारियों की शीर्ष संस्था कन्फैडरेशन आफ आल इंडिया ट्रेडर्स कैट ने मागं की है कि चुनावी घोषणा पत्र को कानूनी दस्तावेज माना जाए सरकारों द्वारा मुप्त रेवडियां बाँटने पर रोक लगनी चाहिए। कैट हरदा जिलाध्यक्ष सरगम जैन ने बताया कि आगामी 23/24 फरवरी को दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय व्यापारी सम्मेलन में इस पर चर्चा होगी ।

कैट के राष्टीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि चुनावी घोषणा पत्र में प्रावधानों को अमल में नहीं लाने वाले दलों पर कानूनी कार्रवाई हो साथ ही किसी भी राजनैतिक दल या सरकार को जनता से प्राप्त टैक्स के धन को फ्री में बाँटने पर रोक लगनी चाहिए। कैट के राष्टीय अध्यक्ष बी सी भरतिया ने कहा कि दो बड़े चुनावी सुधारों पर कैट ने सिविल सोसायटी के सहयोग से देश भर में चुनावी भ्रष्टाचार पर रोक लगाने के लिए बड़े अभियान को छेड़ने का निर्णय लिया है। इस पर 23/24 फरवरी को आयोजित सम्मेलन में विस्तार से चर्चा होगी। 

कैट के राष्टीय अध्यक्ष बी सी भरतिया ने कहा कि सरकार को जनता से टैक्स के रूप में एक बड़ी राशि प्राप्त होती है।इस राशि को देश की जरूरतों के मुताबिक खर्च करना सरकार का दायित्व है। लेकिन सरकारें इस धन का विभिन्न वर्गो को मुप्त में लैपटॉप बाँटने समेत अन्य गैर जरूरी कामों के लिए करती है जो कि एक तरह से अमानत में खयानत है। म प्र कैट के सचिव अशोक दौलतानी ने कहा किसी भी सरकार को यह अधिकार नहीं है वो इस धन को मुप्त रेवडियों की तरह अपनी मर्जी से बाटें इस प्रवृत्ति पर रोक लगनी जरुरी है।

प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र जैन ने कहा कि अति शीघ्र कैट इस राष्ट्रीय अभियान में सिविल सोसायटी के सभी वर्ग जिसमें पत्रकार, शिक्षाविद,रिटायर्ट न्यायाधीश,रिटायर्ट सरकारी अधिकारी, अर्थशास्त्री रिटायर सेना अधिकारी, कवियों, साहित्यकार, शिक्षको सहित अनेक लोगों को जोडेगा़। इस मुद्दे को गंभीरता के साथ दो दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन में उठाया जायेगा।

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