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बड़ी खबर : अंतर्राज्यीय वाहन चोर गिरोह से 03 करोड़ रूपए के 25 चार पहिया वाहन जप्त

बड़ी खबर : अंतर्राज्यीय वाहन चोर गिरोह से 03 करोड़ रूपए के 25 चार पहिया वाहन जप्त

नर्मदापुरम संभाग में थमी कार चोरी की वारदातें

लोकमतचक्र.कॉम।

हरदा (विजयसिंह ठाकुर) : नर्मदापुरम संभाग में पुलिस की सक्रियता के चलते अंतर्राज्यीय वाहन चोर गिरोह से 03 करोड़ रूपए के 25 चार पहिया वाहन जप्त करने में बड़ी सफलता प्राप्त की है। प्रदेश पुलिस के मुखिया पुलिस महानिदेशक विवेक जौहरी के मार्गदर्शन में एवं नर्मदापुरम संभाग के पुलिस महानिरक्षक श्रीमति दीपिका सूरी के निर्देशन में संभाग के उप पुलिस महानिरीक्षक जगत सिंह राजपूत के नेतृत्व में कार चोरी के संबंध में माह अक्टूबर में एसआईटी गठित की गई। इसमें पुलिस अधीक्षक हरदा मनीष कुमार अग्रवाल एवं नर्मदापुरम पुलिस अधीक्षक गुरूकरण सिंह समेत निरीक्षक से आरक्षक श्रेणी के अधिकारी / कर्मचारी सम्मिलित थे। जिन्होंने पृथक-पृथक राज्यों से अंतर्राज्यीय वाहन चोरी करने वाले 02 गिरोह को पकड़ने में सफलता हासिल की है। 


इस गिरोह से पुलिस ने करीब तीन करोड़ रूपये कीमत के 25 चारपहिया वाहन सहित चोरो करने में उपयोग आने वाली डिवाईस जप्त की है। इस दौरान पुलिस ने दोनों गिरोह के 14 आरोपियों को चार राज्यों से गिरफ्तार किया है।

मामले की शुरुआत तब हुई जब इटारसी में एक वाहन स्वीपट क्रमांक एमपी 04 सी डब्ल्यू 9332 दिनांक 11 अक्तूबर 2021 को चोरी हुई थी, जिसके बाद पुलिस महानिरीक्षक ने संभाग में हुई चारपहिया वाहनों की चोरी के संबंध में जानकारी ली और उन्होंने हरदा पुलिस अधीक्षक एवं नर्मदापुरम पुलिस अधीक्षक के निर्देशन में एक एसआइटी (विशेष जांच दल) का गठन किया। जिसमें हरदा के अलावा नर्मदापुरम जिले के पुलिस अधिकारी कर्मचारी शामिल किये गए। उक्त दल द्वारा इटारसी से चोरी हुई स्वीफ्ट कार की घटना दिनांक से रूट की जानकारी हासिल की। इस दौरान पुलिस को एक महत्वपूर्ण जानकारी हाथ लगी की चोरी गई कार का रूट जहां पहुंचा, वहीं एक संदेही कमल पिता देवीसिंह धाकड़ जाति किरार निवासी उदयपुरा जिला रायसेन की लोकेशन भी मिली। पुलिस दल को इस दौरान आरोपी कमल के बारे में जानकारी मिली थी कि वह वाहन चोरी के पुराने मामलों का भी आरोपी रहा है। एसआईटी द्वारा कमल से पूछताछ की गई तो उसने कन्नौद, खातेगांव, सिवनी मालवा, पिपरिया ओब्दुल्लागंज एवं ईटारसी से वाहन चोरी करके ड्रायवर के माध्यम से बनारस में मिथलेश नामक व्यक्ति को तथा भुवनेश्वर (ओड़िसा) में अब्दुल शकूर को बेचना कबूल किया। इसके आधार पर एसआईटी पहले बनारस पहुंची जहाँ बदोली पुलिस थाना क्षेत्र में स्थानीय पुलिस की मदद से निथलेश कुमार मोर्य पिता फूलचंद मार्च निवासी चौकघाट वाराणसी (उत्तरप्रदेश) को हिरासत में लिया तथा पूछताछ की। जिसमें उसने कमल धाकड़ से चोरी की गाढ़ी खरीदकर बेचना स्वीकार किया। इसके बाद मिथलेश की निशानदेही पर एसआईटी ने स्थानीय पुलिस की मदद से उसके पास से 08 वाहन जप्त किये हैं। स्थानीय पुलिस ने इस दौरान पाया की मिथलेश आरटीओ में काम करता है, जिसका फायदा उठाकर उसने मध्यप्रदेश की गाड़ियों का उत्तरप्रदेश में फर्जी पंजीयन करके गाड़ी बॅच देता था। वाहनों के फर्जी पंजीयन मामले में चंदौली पुलिस ने मिथलेश, शिवाजी विश्वकर्मा और पालचंद नियोगी के खिलाफ धोखाधड़ी का अपराध दर्ज किया है।

एसआईटी द्वारा आरोपी कमल धाकड़ की निशादेही पर उसके घर ग्राम उदयपुरा तथा भोपाल वाले घर से 02 वाहन जप्त किए गए. साथ ही मिथलेश द्वारा बेचा गया 01 वाहन गोरखपुर (उत्तरप्रदेश) तथा 01 वाहन जो कन्नौद से चोरी हुआ था, जिसका थाना कन्नौद जिला देवास में धारा 379 मादवि का अपराध दर्ज था. सैदपुर उत्तरप्रदेश से जप्त किया गया।


ओडिसा में मिली 01 गाड़ी

उधर आरोपी कमल से मिली जानकारी के आधार पर एसआईटी ने स्थानीय पुलिस की मदद से ओडिसा के भुवनेश्वर पहुंचकर 01 वाहन अब्दुल शकूर से जप्त किया। उक्त वाहन की चोरी का अपराध विदिशा जिले के थाना गुलाबगंज में दर्ज है।

बिहार लिंक से मिली 11 गाड़ी

एसआईटी ने बिहार से 11 वाहन जप्त किये है इसकी शुरुआत हरदा में वाहन बेचने आये आरोपी की गिरफ्तारी से शुरू हुई। पुलिस को मुखबिर के माध्यम से जानकारी मिली की 11 फरवरी 2022 को पटना का अमितेश उर्फ मोनू नामक व्यक्ति हरदा के रेलवे स्टेशन पर चोरी का एक चार पहिया वाहन बेचने आया है। पुलिस ने तत्काल घेराबंदी करके आरोपी को काले रंग की क्रेटा के साथ गिरफ्तार किया। हरदा सिटी कोतवाली ने इस मामले में धारा 411, 413 भादवि का अपराध दर्ज किया। आरोपी से पूछताछ करने पर बताया कि वह चोरी की गाड़ियों को बेचने का काम करता है। मुझे यह चोरी की गाडिया ग्वालियर वाले अजय शर्मा और उसके अन्य साथी ड्राईवरों के माध्यम से भिजवाते थे, जिनकी नम्बर प्लेट बदलने के लिए उसी कलर और उसी कम्पनी के वाहन को तलाशते थे। उसके बाद हम चोरी के वाहन पर नंबर प्लेट बदल लेते थे। मोनू ने बताया कि दो चोरी के वाहन उसने इटारसी स्टेशन पर बेंचने के लिए खड़े करे हैं तथा अन्य चोरी के वाहन उसने छोटू निवासी पटना, हनीसिंह निवासी पटना, बंटी निवासी गुज्जफरपुर और सोहेल निवासी जमशेदपुर को बेचना बताया। उक्त सूचना पर एसआईटी द्वारा ईटारसी स्टेशन से 02 वाहन तथा उपरोक्त व्यक्तियों से विभिन्न स्थानों पर दबिश देकर 07 वाहन जप्त किए गए। मामले में फरार अजय शर्मा (गाड़ी चुराने वाला) को शिवपुरी के पास हाईवे से हिरासत में लिया गया जिसके कब्जे से 01 वाहन चोरी का जप्त किया गया तथा उसके साथी ज्ञानी गुप्ता से भी 01 वाहन जप्त किया गया।

एसआईटी द्वारा उपरोक्त दोनों गिरोह से कुल 25 वाहन जप्त किए गए। जिनकी कीमत लगभग 03 करोड़ रूपए है। साथ ही गाड़ी चोरी करने वाले चोरी की गाड़ी खरीदने तथा बेंचने वाले और अन्य सहयोगियों सहित दोनों गिरोह के कुल 14 आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायालय के समक्ष पेश किया गया।

गिरफ्तारशुदा आरोपियों के नाम

1. कमल पिता देवीसिंह धाकड़ जाति किरार निवासी उदयपुर, जिला रायसेन (मप्र) चोरी करना

2 अजय शर्मा पिता रमाशंकर शर्मा निवासी बलवत नगर ग्वालियर (मध्यप्रदेश) चोरी करना 

3 कलाम पिता मोहम्मद स्माईल खान निवासी फुलवारी शरीफ पटना (बिहार) ड्रायवर 

4. नौशाद पिता मोहम्मद सलमान निवासी फुलवारी शरीफ, पटना (बिहार) ड्रायवर गाडी बैचना 

5. मोनू सिंह उर्फ अमितेश पिता राम कुमार निवासी तारामंडल के सामने पटना (बिहार) 

6. मिथलेश पिता फूलचंद मोर्य निवासी चॉकघाट, वाराणसी (उत्तरप्रदेश) - फर्जी तरीके से बैचना

7. हनीसिंह उफ करण कुमार पिता रामबालक सिंह निवासी बैली रोड, पटना (बिहार) - गाड़ी खरीदना

8 छोटू उर्फ बलराम पिता शेरबहादुर सिंह निवासी राजेन्द्र नगर, पटना (बिहार) गाड़ी खरीदना 

9 सोहेल खान पिता अबुनसर करीमी निवासी जमशेदपुर (झारखंड) गाड़ी खरीदना

10 बंटी उर्फ शशाक पिता श्यामानन्द पाठक निवासी मुजफ्फरपुर (बिहार) गाडी खरीदना 

11. पालचद उर्फ बब्लू पिता हेमचंद्र नियोगी निवासी सारनाथ वाराणसी (उत्तरप्रदेश) गाडी खरीदना 

12 शिवाजी पिता राधेश्याम विश्वकर्मा निवासी चंदौली (उत्तर प्रदेश) - गाडी खरीदना

13. अब्दूल शकूर पिता जान कबीर निवासी भुवनेश्वर (ओडिसा) - गाड़ी खरीदना 

14. ज्ञानी गुप्ता पिता सतीशचंद्र गुप्ता निवासी मैनपुरी (उत्तर प्रदेश) चोरी में शामिल

जप्तशुदा 25 वाहनों की जानकारी स्वीफ्ट डिजायर 12 केटा 06, स्कॉर्पियो - 03, आई20 02, इनोवा 01 इंडिगो 01 

तरीका वारदात

आरोपियों द्वारा उक्त वारदातों को तीन चरणों में अंजाम दिया जाता था. पहले चोरी करने वाले आरोपियों द्वारा सूने स्थान पर खड़ी गाड़ी को चिन्हित कर उसका एक विन्डो ग्लास तोड़ा जाता था, फिर गाड़ी के अंदर घुसकर आरोपियों द्वारा उनके पास उपलब्ध गेजेट के माध्यम से गाड़ी की चाबी में प्रोग्रामिंग इंस्टाल कर ली जाती है। दूसरे चरण में उक्त आरोपियों द्वारा ड्रायवरों के माध्यम से गाड़ियों को ओडिसा, बनारस एव पटना भेजा जाता है. और तीसरे चरण में उक्त चोरी की गाड़ियों का कय-विक्रय अलग-अलग राज्यों के आरोपियों के समूह द्वारा किया जाता है।

आरोपियों से पूछताछ पर उन्होंने बताया कि प्रथम दृष्ट्या गाडी रजिस्ट्रेशन नंबर से देखी जाती है, इंजन नंबर व चैंचिस नंबर पर किसी की नजर नहीं जाती हैं, तो उक्त बातों को ध्यान में रखकर हाईवे पर जा रही किसी भी गाड़ी का रजिस्ट्रेशन नंबर, कलर व मॉडल लिख लिया जाता है, ठीक इसी प्रकार एक्सीडेंटल गाडियों (जो पूर्णतः क्षतिग्रस्त हो जाती है) की जानकारी भी ले ली जाती है, ताकि उसी मॉडल और कलर की चोरी की गांड़ी आने पर उस पर वह नंबर लिख लिया जाए। गाड़ियों के संबंध में कय-विक्रय की पूरी बातें व्हाटसएप कॉल के माध्यम से की जाती थी।

उक्त दोनो गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश एसआईटी द्वारा सायबर सेल के अत्याधुनिक तकनीक के माध्यम से की जा रही है । मध्यप्रदेश के विभिन्न स्थानों से चोरी गई गाडियों की जानकारी भी जुटाई जा रही है, उनकी रिकवरी के भरसक प्रयास किए जा रहे हैं। उल्लेखनीय है कि उक्त दोनों गिरोह के ट्रेक होने के बाद से चार पहिया वाहन चोरी होने की एक भी घटना नर्मदापुरम संभाग में नहीं हुई है।

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