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बिलमाफी के पहले विद्युत वितरण कम्पनियों के 25 हजार करोड़ चुकाए सरकार, वसूली राजस्व विभाग करे

बिलमाफी के पहले विद्युत वितरण कम्पनियों के 25 हजार करोड़ चुकाए सरकार, वसूली राजस्व विभाग करे

लोकमतचक्र.कॉम।

भोपाल : मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा कोरोना काल में बिजली बिल जमा न करने वाले उपभोक्ताओं के बिल माफी का मध्यप्रदेश विद्युत मंडल अभियंता संघ ने विरोध किया है। संघ ने कहा है कि मुख्यमंत्री चौहान पहले विद्युत वितरण कम्पनियों के लिए घोषित सब्सिडी की राशि वितरण कम्पनियों के खातों में जमा कराएं उसके बाद बिल माफी का ऐलान करें। संघ ने यह भी कहा है कि बिल वसूली के दौरान विद्युत कर्मियों के साथ मारपीट की घटनाएं होती हैं, इसलिए वितरण कम्पनियों से बिल वसूली की जिम्मदारी लेकर इसे राजस्व विभाग को सौंप दिया जाए। 

विधानसभा में मुख्यमंत्री चौहान द्वारा बिल माफी का ऐलान किए जाने के बाद मध्य प्रदेश विद्युत मंडल अभियंता संघ के महासचिव विनय सिंह परिहार ने कहा है कि राज्य सरकार द्वारा पहले से ही वितरण कम्पनियों के लिए सब्सिडी राशि के 20 हजार करोड़  रुपए का भुगतान नहीं किया गया है जिससे वितरण कम्पनियों की हालत खस्ता है। सोमवार को जो घोषणा की गई है, उससे 5 हजार करोड़  रुपए का नया खर्च सामने आ गया है। यह राशि मिलाकर 25 हजार करोड़ रुपए सब्सिडी के बाकी हो जाएंगे। ऐसे में आर्थिक हालत खराब होने पर वितरण कंपनियों के अधिकारी कर्मचारियों को वसूली के लिए दबाव बनाते हैं और इन स्थितियों में कर्मचारियों के साथ विरोध की स्थिति बनती है और मारपीट की जाती है। परिहार ने कहा है कि संघ की मांग है कि बिल वसूली की जिम्मेदारी सरकार राजस्व विभाग को सौंप दे ताकि वितरण कम्पनियां विद्युत सप्लाई की व्यवस्था का निर्वहन कर सकें। परिहार ने कहा है कि वितरण कम्पनियों द्वारा सबसे अधिक शोषण संविदा और आउटसोर्स कर्मचारियों का किया जा रहा है लेकिन सरकार इनके नियमितिकरण को लेकर गंभीर नहीं है। इसलिए इस ओर भी ध्यान दिया जाना जरूरी है। 

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