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कमलनाथ सरकार की कर्ज माफी की वादाखिलाफी से डिफॉल्टर हुए किसानों का ब्याज भरेगी शिवराज सरकार

कमलनाथ सरकार की कर्ज माफी की वादाखिलाफी से डिफॉल्टर हुए किसानों का ब्याज भरेगी शिवराज सरकार, विधायक निधि अब 3 करोड़

लोकमतचक्र.कॉम।

भोपाल : कमलनाथ सरकार ने  किसानों की कर्ज माफी का वादा करने के बाद उसे पूरा नहीं किया गया, उससे कई किसान डिफाल्टर हो गए, ऐसे सभी किसानों का ब्याज हमारी सरकार भरेगी। यह घोषणा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज सदन में राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान की है। उन्होंने यह भी ऐलान किया कि विधायक निधि अब 2 की बजाय 3 करोड़ होगी, इसमें 50 लाख रुपए स्वेच्छानुदान होगा और पुलिस आरक्षक भर्ती के लिए फीजिकल टेस्ट के अब 50 प्रतिशत अंक दिए जाएंगे और बड़ी संख्या में आरक्षकों की भर्ती निकाली जाएगी। 

मुख्यमंत्री ने सदन में कहा कि कमलनाथ सरकार ने दो लाख रुपए तक का किसानों का कर्ज माफ करने की बात की थी, लेकिन उनकी सरकार ने कर्ज माफ नहीं किया। किसान कर्ज माफी की आस में बैंक से डिफाल्टर हो गए। अब ऐसे सभी किसानों का ब्याज भाजपा सरकार भरेगी। कोरोना काल के 48 लाख उपभोक्ताओं के बिजली बिल भी सरकार भरेगी।

नाथ पर जमकर बरसे 

इससे पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कमलनाथ सरकार को जमकर आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि 15 माह की कमलनाथ सरकार कुचल डालो, मार डालो, दबा डालो की नीति पर काम कर रही थी। हमारे साथी नरोत्तम मिश्रा के भाई का कई बार तबादला किया गया, उन्हें फंसाने के कई प्रयास किए गये। भूपेंद्र सिंह की होटल नाप दी गई। अरविंद भदौरिया के भाई को गिरफ्तार किया गया। संजय पाठक का रिसॉट तोड़ने पहुंच गये। सीएम ने कहा कि बुदनी के एक अध्यापक को इसलिए निलंबित कर दिया गया कि उनके यहां हुई गमी में मैं बैठने गया था। बुदनी में महाराणा प्रताप की मूर्ति की पट्टिका पर मेरा नाम लिखा था तो उसे हटवा दिया गया। सीएम ने कहा कि ऐसे बदले की राजनीति 15 माह के अलावा कभी नहीं देखी । 

कमलनाथ बहुत बिजी हैं

सीएम ने कहा कि यह पहली बार हो रहा है कि राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा में नेता प्रतिपक्ष ने हिस्सा नहीं लिया। उन्होंने कहा कि जब मैं जबाब दे रहा हूं तब भी नेता प्रतिपक्ष अनुपस्थित हैं। सीएम ने कहा कि कमलनाथ ने उनसे कहा था कि वे बहुत बिजी हैं। उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मणिपुर, पंजाब, गोवा के चुनाव को देखना है। सीएम ने कहा कि अब कमलनाथ को देखने के लिए कुछ नहीं बचा है। उन पर बहुत जिम्मेदारी है, नेता प्रतिपक्ष का काम भी देखना पड़ता है और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष का काम भी देखना पड़ता है। इसलिए उन्हें अपना काम बांट देना चाहिए। डॉ. गोविंद सिंह नेता प्रतिपक्ष बनने का इंतजार कर रहे हैं। 

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