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BREAKING New's- लोकायुक्त की बड़ी कार्रवाई, रिश्वत लेते भ्रष्ट नायब तहसीलदार को रंगे हाँथ धर दबोचा

BREAKING New's- लोकायुक्त की बड़ी कार्रवाई, रिश्वत लेते भ्रष्ट नायब तहसीलदार को रंगे हाँथ धर दबोचा

लोकमतचक्र.कॉम।

रीवा : लोकायुक्त पुलिस ने आज फिर कार्रवाई करते हुए भ्रष्ट नायब तहसीलदार को ₹5000 की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ने में सफलता प्राप्त की है। हनुमना तहसील में पदस्थ नायब तहसीलदार भुवनेश्वर सिंह को ₹5000 की रिश्वत तहसील कार्यालय में लेते हुए रंगे हाथों धर दबोचा है। लोकायुक्त की कार्यवाही से तहसील कार्यालय में हड़कंप मच गया है भारी अफरातफरी का माहौल बना हुआ है लोकायुक्त की कार्यवाही जारी है।नायब तहसीलदार मराबी पर पूर्व से ही भ्रष्टाचार के आरोप लगते रहे है।


प्राप्त जानकारी के अनुसार हनुमना तहसील में लोकायुक्त टीम ने छापा मारकर 5,000 रुपये की घूंस लेते पहाड़ी सर्किल के नायब तहसीलदार भुनेश्वर मराबी को धर दबोचा है। नायब तहसीलदार द्वारा रिश्वत की यह राशि जमीन के एक मामले में स्थगन समाप्त करने को लेकर मांगी गई थी। लोकायुक्त की टीम उसके मामले में और भी जानकारी जुटाकर जांच कर रही है।

गौरतलब है कि पुलिस अधीक्षक रीवा के पुलिस विभाग को पछाड़ते हुए कलेक्टर रीवा का ही विभाग घूसखोरी में जिले में हुआ सबसे अब्बल आ रहा है। लोकायुक्त की लगातार कार्यवाही के बाद कलेक्टर घूंसखोरो पर लगाम नही लगा सके है। आज एक बार फिर लोकायुक्त हनुमना तहसील में लोकायुक्त टीम का छापा पड़ा जिसमें 5,000 रुपये की घूंस लेते रंगो हाँथ पकड़े गए पहाड़ी सर्किल के नायब तहसीलदार भुनेश्वर मराबी । जो कि पूर्व से ही अपनी घुँसखोरी को लेकर चर्चा में रहे जिनका मऊगंज के भ्रस्ट जनप्रतिधि और अधिकारियों के गठजोड़ द्वारा बचाव किया जाता रहा है। नायब तहसीलदार भुवनेश्वर मरावी के भ्रष्टाचार के चर्चे आए दिन सामने आते हैं। पीड़ित पक्षकारों का आरोप है कि नायब तहसीलदार बिना किसी लेनदेन के कोई भी काम नहीं करते हैं। 

हालांकि यह बात केवल रीवा जिले के लिए नहीं है वरन संपूर्ण मध्यप्रदेश में देखा जाए तो राजस्व कार्यालय भ्रष्टाचार का अड्डा बन चुके हैं, यह बिना लिए दिए कोई भी कार्य नहीं होता है। और अधिकारियों के लिए दलाली का कार्य उनके मताहतों द्वारा किया जा रहा है। अधिकतर मामलों में पकड़े गए कर्मचारी, पटवारी ऐसे हैं जिन्हें वह कार्य करने की अधिकारिता ही नहीं है इससे यह सिद्ध होता है कि कहीं ना कहीं ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों के चक्कर में दलाली करने वाले कर्मचारी फंस रहे हैं और अधिकारी भारी भ्रष्टाचार कर मौज कर रहे है। लोकायुक्त को चाहिए कि विभाग के कर्मचारी की शिकायत मिलने पर मामले की सत्यता की पड़ताल कर अधिकारियों को भी धर दबोचाना चाहिए जिससे आम जनता को फायदा मिले और उनका कार्य सरलता से हो सके।

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