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IAS नियाज खान का ट्वीट विवाद, द कश्मीर फाइल्स फिल्म को लेकर किया हैं ट्वीट

IAS नियाज खान का ट्वीट विवाद, द कश्मीर फाइल्स फिल्म को लेकर किया हैं ट्वीट

सिविल सेवा आचरण नियमानुसार कार्यवाही के लिए पत्र लिखेंगे मंत्री, GAD कल लेगा निर्णय

लोकमतचक्र.कॉम।

भोपाल : एमपी कैडर के आईएएस अधिकारी नियाज खान द्वारा द कश्मीर फाइल्स फिल्म को लेकर किए गए ट्वीट के बाद अब उनकी मुश्किलें बढ़ सकती हैं। नियाज ट्वीट से नाराज शिवराज सरकार के मंत्री विश्वास सारंग ने इस मामले में डीओपीटी को पत्र लिखकर उन पर सिविल सर्विसेस कोड के अंतर्गत कार्यवाही की मांग करने वाले हैं वहीं जीएडी की प्रमुख सचिव दीप्ति गौड़ मुखर्जी ने इस पर सोमवार को विचार करने की बात कही है। 

मंत्री सारंग ने कहा है कि आईएएस अधिकारी खान अपनी सीमा लांघ रहे हैं जिस पद पर वे काबिज हैं, उसकी अपनी एक आचरण संहिता है। वह फिरकापरस्ती और अराजतकता फैलाकर लाइम लाइट में आना चाहते हैं। यह उनके सर्विस रूल के खिलाफ है और इसको लेकरर वे आज ही कार्मिक विभाग (डीओपीटी) को पत्र लिखकर खान के विरुद्ध कार्यवाही की मांग करेंगे। दूसरी ओर भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी लोकेंद्र पारासर ने भी आज किए ट्वीट में कहा है कि नियाज ने बताया है कि आतंकवाद का मजहब होता है। गौरतलब है कि कल विधायक रामेश्वर शर्मा ने होली के दिन किए गए आईएएस अधिकारी खान के ट्वीट पर पलटवार करते हुए कहा है कि वे बताएं कि देश के किस प्रांत में मुसलमान मारे जा रहे हैं। साथ ही उन्होंने राज्य सरकार से भी उनके ट्वीट पर एक्शन की मांग की थी। 

डॉयलाग सोच समझकर ही देना चाहिए

पूर्व मुख्य सचिव निर्मला बुच ने इस प्रकरण को लेकर कहा कि चाहे सेवा में हों या रिटायर आईएएस अफसर हों, हमें अपने डॉयलाग सोच समझकर देना चाहिए कि इसका क्या असर होने वाला है? कुछ लोग बोलने के लिए बोल देते हैं और बाद में उलझ जाते हैं। अब अगर नियाज खान के मामले में कोई जवाब मांगा जाता है तो वे देंगे। 

यह कहा आईएएस अफसर नियाज ने

उधर आईएएस अधिकारी नियाज खान ने रविवार को किए गए ट्वीट में कहा कि अगर आप सच बोलते हैं तो कट्टरपंथी आप पर हमला कर देते हैं। सोशल मीडिया मेरे खिलाफ गालियों से भरा पड़ा है। ऐसे नफरत करने वालों की भाषा उनकी निम्न गुणवत्ता वाली शिक्षा को ही दर्शाएगी। शिक्षित लोग सभ्य भाषा का बड़े तरीके से उपयोग करते हैं लेकिन आधुनिक शिक्षा सभ्य नागरिक बनाने में विफल रही। गौरतलब है कि होली के दिन किए गए 3 अलग अलग ट्वीट में खान ने कहा था कि कश्मीर फाइल ब्राह्मणों का दर्द दिखाती है। उन्हें पूरे सम्मान के साथ कश्मीर में सुरक्षित रहने की अनुमति दी जानी चाहिए। निर्माता को कई राज्यों में बड़ी संख्या में मुसलमानों की हत्याओं को दिखाने के लिए एक फिल्म भी बनानी चाहिए। मुसलमान कीड़े नहीं बल्कि इंसान और देश के नागरिक हैं। उन्होंने यह भी लिखा है कि समाज का एक हिंसक वर्ग है जिसने सच सुनने के लिए अपने कान बंद कर लिए हैं। यहां तक कि तथाकथित पढ़े-लिखे लोग भी सच बोलने वाले को गाली देने के लिए सड़क स्तर की भाषा का इस्तेमाल करते हैं। खराब परवरिश और कट्टरपंथियों की कंपनी ने उनका दिमाग खा लिया है। गंदी भाषा का प्रयोग उनके दिमाग को दिखाता है। आईएएस अधिकारी खान ने यह भी लिखा है कि अलग-अलग मौकों पर मुसलमानों के नरसंहार को दिखाने के लिए एक किताब लिखने की सोच रहा था ताकि कश्मीर फाइल्स जैसी फिल्म कुछ निमार्ता द्वारा बनाई जा सके, ताकि अल्पसंख्यकों के दर्द और पीड़ा को भारतीयों के सामने लाया जा सके।

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