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MP के साढ़े 3 हजार किसानों की 50 हजार हेक्टेयर जमीन की कलेक्टर कराएंगे जाँच

MP के साढ़े 3 हजार किसानों की 50 हजार हेक्टेयर जमीन की कलेक्टर कराएंगे जाँच

सीलिंग एक्ट खत्म होने के बाद बढ़ी किसानों की जमीन, सरकार ले सकती है नीतिगत फैसला

लोकमतचक्र.कॉम।

भोपाल : प्रदेश के साढ़े तीन हजार किसानों के भूमि स्वामित्व की जांच कलेक्टर कराएंगे। ये ऐसे किसान हैं जो गेहूं और धान के उपार्जन के लिए राज्य सरकार द्वारा तय की गई अधिकतम कृषि भूमि सीमा 11 हेक्टेयर से अधिक भूमि के स्वामी हैं। इन किसानों के पास सरकार को करीब पचास हजार हेक्टेयर भूमि होने की जानकारी मिली है। इन किसानों की 11 हेक्टेयर से अधिक भूमि पर हुई खेती की उपज खरीदने से सरकार ने इनकार कर दिए हैं। साथ ही इसकी जांच के लिए उपार्जन करने वाले खाद्य और नागरिक आपूर्ति विभाग ने कलेक्टरों को निर्देश दिए हैं कि इनके भूमि के बारे में वास्वविक जानकारी जुटाई जाए ताकि सरकार इस बारे में निर्णय ले सके। 

11 हेक्टेयर से अधिक सिंचित और असिंचित भूमि के मालिकों में सबसे अधिक 341 सागर जिले में हैं। इसके बाद रायसेन जिले में 254, अशोकनगर जिले में 209 किसान चिन्हित किए गए हैं। 11 हेक्टेयर से अधिक भूमि पर खेती कर उपार्जन के लिए सरकार के  पोर्टल पर पंजीयन कराने वाले किसानों की संख्या सभी 52 जिलों में है और यह सबसे कम निवाड़ी में एक, अलीराजपुर और झाबुआ में दो-दो, अनूपपुर में तीन और बड़वानी में चार है। 

इन जिलों में महंगी जमीन के मालिक हैं किसान

11 हेक्टेयर से अधिक भूमि पर खेती करने के रूप में जिन किसानों के नाम सामने आए हैं, उनमें सिंचित भूमि पर खेती करने वालों का आंकड़ा 42929 हेक्टेयर है जबकि असिंचित भूमि का रकबा 6733 हेक्टेयर है। सिंचित जमीन का मूल्य असिंचित भूमि से ज्यादा होने के कारण यह महंगी होती है। तय लिमिट से अधिक भूमि पर खेती करने वाले किसानों की सागर जिले में सिंचित भूमि सबसे अधिक 3956 हेक्टेयर है। यह जिला असिंचित भूमि के मामले में भी 778.21 हेक्टेयर के साथ सबसे आगे है। अशोकनगर, रायसेन, विदिशा, सतना, उज्जैन, ग्वालियर, रीवा, पन्ना और दमोह जिलों में 11 हेक्टेयर से अधिक असिंचित भूमि वाले किसानों के पास 3 हजार, 2702, 2178, 1730, 1561, 1526, 1458 1361, 1340 हेक्टेयर सिंचित जमीन होने की जानकारी मिली है। 

सीलिंग एक्ट खत्म होने के बाद बढ़ी किसानों की जमीन

मध्यप्रदेश कृषि जोत उच्चतम सीमा अधिनियम 1960 (सीलिंग एक्ट) में प्रावधान किया गया था कि कोई भी व्यक्ति बहु फसलीय अधिकतम 18 एकड़ जमीन ही रख सकता था। इस सीमा से अधिक जमीन सरकार ने ले ली थी। दो फसली खेत के लिए यह सीमा 32 एकड़ है। हालांकि यह एक्ट दो दशक पहले समाप्त घोषित हो चुका है लेकिन सरकार जांच के जरिये यह पता करने की कोशिश में है कि सीलिंग एक्ट खत्म होने के बाद इतनी अधिक जमीन की खरीद फरोख्त ढाई दशक में किन हालातों में हुई है। जांच के बाद इस मामले में कोई नीतिगत निर्णय भी सरकार ले सकती है। 

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