Breaking News

पत्रकार के साथ मारपीट करने वाले अधिवक्ताओं पर कड़ी कार्रवाई और निष्पक्ष जांच के लिए SP को सौंपा पत्रकारों ने ज्ञापन

पत्रकार के साथ मारपीट करने वाले अधिवक्ताओं पर कड़ी कार्रवाई और निष्पक्ष जांच के लिए SP को सौंपा पत्रकारों ने ज्ञापन

लोकमतचक्र.कॉम।

हरदा : जिला पत्रकार एसोसिएशन संघ द्वारा टिमरनी के एक पत्रकार के साथ तीन अधिवक्ताओं के द्वारा की गई मारपीट की घटना पर रोष जताते हुए मामले में निष्पक्ष जांच कर दोषियों पर कार्यवाही किये जाने को लेकर आज पुलिस अधीक्षक हरदा को ज्ञापन सौंपा।


पत्रकार संघ का कहना है कि पत्रकार उत्तम गिरी के साथ अधिवक्ताओं द्वारा कानून के जानकार होने के बावजूद अपराधिक कार्य करते हुए मारपीट की गई और झूठे एसटी एससी के केस में लगाए गए हैं। आरोपों की निष्पक्ष जांच करते हुए एसटी एससी में लगाई गई धाराओं का खात्मा किया जाने और कानून को हाथ में लेकर जो अधिवक्ताओं ने गुनाह किया है और पत्रकार के साथ खबर प्रकाशन को लेकर मारपीट की है कड़ी निंदा करते हुए शुक्रवार को जिले के एसपी मनीष अग्रवाल जी को ज्ञापन सौंपा और आए दिन पत्रकारों के साथ हो रही घटनाओं का विरोध प्रदर्शन किया।

पत्रकार संघ के जिलाध्यक्ष डीएस चौहान ने एसपी को बताया कि बिना जांच, बिना तत्वों के आधार पर पत्रकार उत्तम गिरी पर कुछ अधिवक्ताओं के कहने पर दबाव में आकर पुलिस ने झूठी एफआईआर दर्ज की है, जिसकी पहले जांच की जाए और जिस व्यक्ति ने एसटीएससी में अपना बयान दर्ज करा कर झूठी एफ आई आर दर्ज की है उसके मोबाइल की कॉल डिटेल और लोकेशन निकाली जाए क्योंकि घटना के वक्त वह अधिवक्ता टिमरनी में मौजूद नहीं था तो फिर बयान में अधिवक्ता का नाम जोड़कर एसटी एससी का प्रकरण क्यों दर्ज किया गया है। इसकी गंभीरता से लेते हुए जांच की जावे और दोषियों पर कड़ी कार्यवाही की जाने की मांग की है। इस दौरान जिले के समस्त पत्रकार साथी गण एवं पदाधिकारी गण मौजूद रहे । ज्ञापन सौपते समय वरिष्ठ पत्रकार डी एस चौहान, रामविलास केरवार, प्रवीण तंवर, संदेश पारे, जफर अंसारी, मोहन गुर्जर, जफर अंसारी, कपिल शर्मा, शाहरुख खान, उत्तम गिरी, सुनील राठौर, अमित बिल्ले सहित अन्य पत्रकार साथी उपस्थित थे। एसपी श्री अग्रवाल ने निष्पक्ष जांच की बात कही है।

यह कहना है पत्रकार उत्तम गिरी का...

टिमरनी में पिछले विगत 3 माह से अतिक्रमण का मुद्दा पत्रकार उत्तम गिरी द्वारा चलाया जा रहा था जिसमें नगर के धर्मेंद्र जसपाल परिवार और उनके साथियों का अवैध अतिक्रमण कब्जा था जिसे प्रशासन ने हटाते हुए शासकीय भूमि को अपने कब्जे में ले ली वही राहुल सोमवंशी नाम के अधिवक्ता के पिता की खबर प्रकाशित हुई थी जिसको लेकर यह अधिवक्ता बौखला गए और पत्रकार उत्तम गिरी पर अकेला पाकर हमला कर दिया और उनके साथ मारपीट की गई वही अपने अधिवक्ता संघ को गुमराह करते हुए थाने पहुंच गए और झूठा प्रकरण मारपीट का दर्ज कराया जब अधिवक्ताओं को पता चला कि हमारे ऊपर भी एफ आई आर दर्ज हो गई है तो उन्होंने अपने साथी महेंद्र देवड़ा को रहटगांव से बुलाकर एफ आई आर दर्ज होने के बाद अपने बयान में जातिसूचक शब्दों का उल्लेख करते हुए पुलिस पर दबाव बनाकर झूठी एसटी एससी एक्ट मैं प्रकरण दर्ज कराया गया है।

आरोप : घटना के वक्त अधिवक्ता महेंद्र देवड़ा नहीं था टिमरनी में, काल डिटेल निकाल कर की जायें जांच...

पत्रकार उत्तम गिरी ने ज्ञापन के माध्यम से एसपी को बताया कि टिमरनी नगर के 3 अधिवक्ताओं द्वारा खबर से बौखला कर मारपीट गाली गलौज करते हुए जो झूठी एफ आई आर दर्ज की है उसमें महेंद्र देवड़ा नाम का अधिवक्ता घटना के समय रहटगांव में मौजूद था। जिसे घटना के घटित हो जाने के बाद एक साथी अधिवक्ता द्वारा उसे फोन पर घटना की जानकारी देकर टिमरनी बुलाया गया और उसके बयान करवा कर झूठी एसटीएससी में रिपोर्ट दर्ज कराई गई । उन्होंने कहा कि जबकि घटना दोपहर 12:00 बजे की है और उस समय महेंद्र देवड़ा नाम का व्यक्ति रहटगांव में मौजूद था जिसे घटना की कोई जानकारी नहीं थी।उन्होंने मांग की है कि अधिवक्ता महेंद्र देवड़ा और उसके साथी अधिवक्ता की मोबाइल की कॉल डिटेल और रिकॉर्डिंग निकाली जाए तो दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा ।

अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष को पूर्व में दी थी जानकारी : 

मामले में पत्रकार उत्तम गिरी का कहना है कि टिमरनी अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष धर्मेंद्र सिंघल को 11 मार्च को फोन कर उन्होंने अधिवक्ता राहुल सोमवंशी, हिमांशु बंसल, अमिताभ जसपाल की शिकायत करते हुए बताया गया था कि आपके अधिवक्ता साथी व्हाट्सएप फेसबुक पर पिछले कई दिनों से समाचार पत्र को लेकर टिका टिप्पणी कर रहे हैं और पिता की खबर से बौखला कर और दो अधिवक्ता अतिक्रमण के हटाने से बौखला कर मारपीट करने पर उतारू हो रहे हैं । जिन्हें समझाइश दी जाए और किसी प्रकार की कोई घटना घटित होती है तो उसमें अधिवक्ता संघ आगे ना आए । इसके बावजूद भी अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष द्वारा अपने अधिवक्ताओं को कोई समझाए नहीं दी और आखिरकार उन्होंने अपनी घटना को अंजाम दे ही दिया वही इन अधिवक्ताओं के कहने पर जिला अधिवक्ता संघ को झूठी जानकारी देते हुए गुमराह किया गया और बिना कारण के शहर में अशांति का माहौल उत्पन्न किया गया है।


कोई टिप्पणी नहीं