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अब मंदिरों की जमीन नीलामी नहीं होंगी : मुख्यमंत्री शिवराजसिंह का ऐलान

अब मंदिरों की जमीन नीलामी नहीं होंगी : CM शिवराजसिंह का ऐलान

पुजारियों को मानदेय, संस्कृत पढ़ने पर छात्रवृत्ति, भगवान परशुराम शामिल होंगे पाठ्यक्रम में...

लोकमतचक्र.कॉम।

भोपाल : मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भगवान परशुराम के जन्मोत्सव पर ऐलान किया कि प्रदेश में मठ- मंदिरों की जमीन नीलाम नहीं होगी। इसमें सरकार का कोई हस्तक्षेप नहीं होगा। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि संस्कृत की पढ़ाई करने वाले बच्चों को स्कालरशिप दी जाएगी। स्कूलों में संस्कृत के शिक्षकों की भर्ती का काम तब तक चलेगा जब तक कि सभी पद भर न जाएं। इस बीच इन रिक्त पदों पर अतिथि शिक्षक भी नियुक्त किए जा सकेंगे। भगवान परशुराम का जीवन चरित्र स्कूलों के पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा। इसके लिए पाठ्यक्रम समिति को बुलाकर इसे शामिल करने के लिए कहा जाएगा। इसके साथ ही मंदिरों के पुजारियों को पांच हजार रुपए मानदेय भी सरकार देगी। 

राजधानी के गुफा मंदिर परिसर में भगवान परशुराम की 21 फीट ऊंची प्रतिमा के अनावरण के बाद सीएम चौहान ने कहा कि मंदिरों की जमीन में सरकार हस्तक्षेप नहीं करेगी और उसकी व्यवस्था का अधिकार पुजारियों को मिलेगा लेकिन यह ध्यान रखना होगा कि मंदिर की भूमि बिकनी नहीं चाहिए। कई मामले सामने आ चुके हैं जिसमें जमीन खुर्द बुर्द हुई है। लोगों अपने माता पिता परिजनों की याद में जमीन देते हैं तो उसे बेचा नहीं जाना चाहिए। इसलिए यह भी देखना होगा कि जिन मंदिरों के पास जमीन है, उसकी सुरक्षा के लिए स्थानीय स्तर पर एक कमेटी बने जो जमीन न बिकने देने का सुझाव दे। मंदिरों की व्यवस्था पुजारियों को ही करने का अधिकार दिया जाएगा।

5 हजार रुपये मानदेय

 मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि जिन मंदिरों के पास जमीन नहीं है, वहां के पुजारियों को सरकार 4 हजार रुपये मानदेय देगी। लोगों ने 5 हजार कहा तो सीएम ने पांच हजार रुपए महीना मानदेय देने का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि जहां जमीन है, वहां पुजारियों के मानदेय की व्यवस्था वहां से होने वाली आय के आधार पर की जाएगी। 

संस्कृत पढ़ने वालों को छात्रवृत्ति

सीएम चौहान ने कहा कि राज्य सरकार ने सामान्य वर्ग आयोग का गठन किया है, इसमें ब्राह्मण और अन्य समाज के निर्धन परिवारों को संबल योजना से जोड़ने का काम किया जाएगा क्योंकि सामाजिक समरसता सरकार की जिम्मेदारी है। महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा, पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी, पूर्व मंत्री पीसी शर्मा और परशुराम प्रतिमा अनावरण समिति की जिम्मेदारी निभा रहे आलोक शर्मा की मौजूदगी में सीएम चौहान ने कहा कि अन्य वर्ग के बच्चों को छात्रवृत्ति मिलती है। इसलिए अब सरकार संस्कृत की पढ़ाई करने वाले ब्राह्मण परिवार के बच्चों को भी छात्रवृत्ति देगी। इसके पहले पूर्व महापौर आलोक शर्मा ने सीएम शिवराज से पुरोहित-पुजारी आयोग का गठन करने, जनेऊ संस्कार के लिए नीले राशनकार्ड धारी ब्राह्मणों को साल भर में दस हजार रुपए देने, मंदिरों की जमीन की नीलामी रोकने, दान में मिली जमीन को लेकर कमेटी और नीति बनाने, भगवान परशुराम का जीवन दर्शन पाठ्यक्रम में शामिल करने और संस्कृत के शिक्षकों की भर्ती किए जाने की मांग सीएम शिवराज से की। 

 शिवराज को पंडित शिवराज कहकर बुलाया

कार्यक्रम के दौरान पूर्व महापौर आलोक शर्मा ने कहा कि सीएम शिवराज सिंह चौहान सभी समाज के लिए काम करते हैं। उन्होंने कहा कि वे आज सीएम को पंडित शिवराज सिंह चौहान कहकर बुला रहे हैं क्योंकि आज वे ब्राह्मणों के लिए भिक्षा के रूप में सुविधाएं देने आए हैं। उन्होंने भिक्षां देहि का नारा भी जनसमूह से लगवाया। इसके पहले यहां शोभायात्रा भी निकाली गई जिसमें सीएम शिवराज, स्वामी अवधेशानंद, प्रदेश अध्यक्षा भाजपा वीडी शर्मा, पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी, पूर्व मंत्री पीसी शर्मा रथ में शामिल हुए और लोगों क अभिवादन किया। 

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