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जो मनुष्य हमेशा अपने मुख से सत्य वचन कहता है वह कभी दुखी नहीं होता है : आर्यिका सुबोधमति माताजी

पर्युषण महापर्व : श्री दिगंबर जैन मंदिरों में पांचवें दिन उत्तम सत्य धर्म के रूप में मनाया गया

जो मनुष्य हमेशा अपने मुख से सत्य वचन कहता है वह कभी दुखी नहीं होता है : आर्यिका सुबोधमति माताजी

लोकमतचक्र डॉट कॉम।

हरदा । श्री दिगंबर जैन मंदिरों में दशलक्षण पर्युषण महापर्व के पांचवे दिन उत्तम सत्य धर्म को मनाया गया। पर्युषण पर्व के पांचवें दिन धर्म सभा को संबोधित करते हुए परम विदुषी आर्यिका 105 सुबोधमती माताजी ने कहा कि जो मनुष्य हमेशा अपने मुख से सत्य वचन कहता है वह कभी दुखी नहीं होता है। उन्होंने कहा कि सत्य धर्म का बीज है और सत्य हमेशा सम्मान प्राप्त करता है। उन्होंने कहा कि सत्य शब्दों में नहीं अनुभूति में होता है, शब्दों के माध्यम से जो कहा जाता है, वह पूर्ण सत्य नहीं होता, लेकिन जब तक व्यक्ति सत्य से परिचित नहीं होता तब तक अंदर के सत्य को भी नहीं पा सकता है।


उन्होंने कहा कि आज व्यक्ति सत्य को भूलकर अपने फायदे के लिए झूठ बोलते है। मकान हो या दुकान, घर हो या ऑफिस, पति पत्नी हो या बच्चे, मित्र हो या पड़ोसी, सबके बीच में झूठा सत्य बोलता है, वही संस्कार बच्चों पर पढ़ते हैं, इसी झूठ के कारण वह समाज में अपेक्षित व बदनाम होता है। उन्होंने कहा कि सत्य आत्मा का सौन्दर्य है और सत्य की अनुभूति शब्द से नहीं सदाचरण से होती है। उन्होंने कहा कि सत्य कुछ समय के लिए विचलित हो सकता है, परंतु पराजित नहीं हो सकता, अंत में सत्य की ही विजय होती है। इसलिए इस पथ से हटें नहीं डटे रहें। 


श्री दिगंबर जैन समाज हरदा के सहसचिव संजय पाटनी एवं कोषाध्यक्ष राजीव जैन ने जानकारी देते हुए बताया कि नगर के चारों दिगंबर जैन मंदिरों में रविवार को उत्तम सत्य धर्म की पूजा अर्चना की गई। साथ ही शांतिधारा के साथ ही मंडल विधान की पूजा भी की गई। रविवार को भगवान पुष्पदंत नाथ जी का मोक्षकल्याणक महोत्सव भी मनाया गया। खेड़ीपुरा स्थित श्री दिगंबर जैन लाल मंदिर में श्रीजी की शांतिधारा करने का सौभाग्य अनुराग, सार्थक, राज रपरिया को प्राप्त हुआ तथा वेदी जी पर शांतिधारा करने का सौभाग्य अभिषेक रपरिया एवं मनोज जैन पुजारी को प्राप्त हुआ। इंदौर रोड़ स्थित श्री पार्श्वनाथ जैन मंदिर में श्रीजी की शांतिधारा करने का सौभाग्य राकेश, पंकज, उदित रपरिया को प्राप्त हुआ। वहीं स्टेडियम स्थित श्री चंद प्रभु जिनालय में शांतिधारा का सौभाग्य प्रदिप, अंकित, अर्हम बजाज एवं सौरभ जैन को प्राप्त हुआ। दालमिल स्थित श्री शांतिनाथ चैत्यालय में शांतिधारा का सौभाग्य अजमेरा परिवार को प्राप्त हुआ।


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