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लोकायुक्त की कार्रवाई: लिपिक और दो अन्य कर्मचारी 96 हजार रिश्वत लेते पकड़ाए, 4 महीने बाद अधिकारी का था रिटायरमेंट

लोकायुक्त की कार्रवाई: लिपिक और दो अन्य कर्मचारी 96 हजार रिश्वत लेते पकड़ाए, 4 महीने बाद अधिकारी का था रिटायरमेंट

लोकमतचक्र डॉट कॉम। 


जबलपुर । प्रदेश में भ्रष्टाचारियों के खिलाफ रोज कार्यवाही होने के बाद भी रिश्वतखोर अपनी आदतों से बाज नहीं आ रहे है . आज फिर जबलपुर लोकायुक्त ने कार्यवाही करते हुए कटनी आरटीओ विभाग में UDC के पद पर पदस्थ जितेंद्र सिंह बघेल सहित दो अन्य कर्मचारी को 96 हजार रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा है. जानकारी के मुताबिक UDC जितेंद्र सिंह बघेल का 4 महीने बाद रिटायरमेंट है. इससे पहले ही उन पर कार्रवाई हो गई. जितेंद्र सिंह बघेल और कर्मचारी सुखेंद्र तिवारी, रावेन्द्र सिंह ने ऑटो के 16 और ट्रैक्टर के 46 नए रजिस्ट्रेशन फाइल के एवज में घूस मांगे थे.जिसकी शिकायत जबलपुर लोकायुक्त से की गई थी. आज टीम ने ट्रैप की कार्रवाई करते हुए जितेंद्र सिंह बघेल समेत तीनों को 96 हजार रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा है. सभी के खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत कार्रवाई की जा रही है. फिलहाल आगे की जांच जारी है.

अब रिश्वख़ोरों पर गिरेगी दोहरी कार्रवाई की गाज

मध्यप्रदेश में छापामार कार्रवाई और रंगेहाथ रिश्वत लेते ट्रैप होने वालों अधिकारी-कर्मचारियों की मुश्किलें बढ़ने वाली है. ट्रैप होने वाले कर्मचारियों को अब दोहरी जांच का सामना करना पड़ेगा. पकड़ने जाने पर लोकायुक्त-ईओडब्ल्यू और विभागीय जांच एक साथ होगी. इस मामले में संबंधित विभाग भी जांच शुरू कर सकता है. दिग्विजय सिंह की सरकार के वक्त यही व्यवस्था लागू थी.

अब 23 साल बाद व्यवस्था को फिर बहाल किया गया है. 30 जुलाई 2013 को विभाग ने समानांतर जांच का आदेश निरस्त किया था. राज्य सरकार ने 9 साल पुराने एक आदेश को सुप्रीम कोर्ट का हवाला देकर निरस्त कर दिया था. जिसे अब फिर से लागू किया गया है.

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