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भोपाल का इस्लामनगर अब हुआ जगदीशपुर

भोपाल का इस्लामनगर अब हुआ जगदीशपुर, 20 साल से चल रहा था आंदोलन 

महलों का होगा रिनोवेशन, अधिसूचना जारी

लोकमतचक्र डॉट कॉम। 

भोपाल। भोपाल से तेरह किलोमीटर दूर स्थित इस्लामनगर अब जगदीश पुर नाम से जाना जाएगा। राज्य सरकार ने इसका नाम बदलकर जगदीशपुर कर दिया है। राजपत्र में इसकी अधिसूचना भी प्रकाशित कर दी गई है।


हलाली नदी के किनारे बसे इस्लामनगर का किला बहुत सुंदर है। इस्लामनगर को पहले जगदीशपुर के नाम से ही जाना जाता था। यहां पर राजपूत राजा का शासन हुआ करता था। दोस्त मोहम्मद खान ने जगदीशपुर के राजा को धोखे से मार दिया और जगदीशपुर पर कब्जा कर लिया। जगदीश पुर का नाम तब बदलकर इस्लामनगर रख दिया गया था । इस्लामनगर में चमन महल का निर्माण 1715 ईस्वी में दोस्त मोहम्मद खान द्वारा कराया गया है। यहां का रानीमहल भी बहुत खूबसूरत है । इनके जीर्णोद्धार की जरुरत है। नाम बदले है। जाने के बाद राज्य सरकार फिर इसे अपने मूल स्वरूप में लाने की तैयारी करेगी।

20 साल से चल रहा आंदोलन : इस्लाम नगर का नाम जगदीशपुर करने के लिए करीब 20 साल से आंदोलन चल रहा था । वर्ष 2001 में जब मध्य प्रदेश के भीतर कांग्रेस की सरकार थी, तब इस आंदोलन की शुरुआत हुई थी। 

दस्तावेजों में नाम का द्वारा  : इस्लाम नगर के नाम परिवर्तन को लेकर वर्ष 2010 में जब राज्य की तरफ से केंद्र के साथ पत्राचार हुआ। केंद्र की तरफ से जवाब आया कि, सहमति देना संभव नहीं। उस वक्त केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी। दोबारा यह मामला उठा वर्ष 2018 में और इस बार केंद्र में भाजपा की सरकार थी, लेकिन राज्य कांग्रेस की सरकार थी। उसने वर्ष 2010 के लेटर के आधार पर इस्लामनगर को जगदीशपुर बनाने से इंकार कर दिया। सितंबर 2022 नोटिफिकेशन जारी हो गया। इसमें केंद्र ने स्पष्ट कर दिया कि उन्हें इस्लाम नगर का नाम जगदीशपुर किए जाने पर कोई आपत्ति नहीं है।

गोंड राजा ने बसाई थी नगरी: अपर कलेक्टर भोपाल द्वारा आयुक्त राजस्व ग्वालियर को लिखे गए एक पत्र में स्पष्ट लिखा है कि, पूर्व में जगदीशपुर गोंड राजाओं की राजधानी हुआ करती थी। यह जगदीशपुर के राजा विजय राम गुण की राजधानी थी। इसका प्राचीन ऐतिहासिक नाम जगदीशपुरी ही है। इस पत्र में यह भी स्पष्ट लिखा कि ग्राम का नाम बदलने को लेकर ग्रामीणों को कोई आपत्ति नहीं है।

इतिहास के पन्ने : मूल रूप से जगदीशपुर के नाम से जाना जाने वाला यह स्थान स्थानीय गौंड शासक राजा विजयराम द्वारा स्थापित किया गया था। 18वीं शताब्दी की शुरुआत में, भोपाल रियासत के संस्थापक दोस्त मोहम्मद खान द्वारा राजा को धोखे से मारकर इस स्थान पर कब्जा कर लिया गया। इसका नाम बदलकर इस्लामनगर (" इस्लाम का शहर ") कर दिया गया। इस्लामनगर मोहम्मद खान के राज्य की मूल राजधानी थी। 1723 में, मोहम्मद खान को एक संक्षिप्त घेराबंदी के बाद इस्लामनगर किले को निजाम-उल-मुल्क को सौंपना पड़ा। एक शांति संधि के बाद खान को निजाम के तहत एक किलदार (किला कमांडर) के पद पर कम कर दिया गया था। वर्ष 1727 में उन्होंने अपनी राजधानी को भोपाल स्थानांतरित कर दिया।


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