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अपनी मांगों को लेकर पटवारियों ने खोला मोर्चा, तीन दिन के लिए गये अवकाश पर

अपनी मांगों को लेकर पटवारियों ने खोला मोर्चा, तीन दिन के लिए गये अवकाश पर

सीमांकन का किया बहिष्कार, जब तक ग्रेडपे 2800 नहीं तब तक सीमांकन नहीं

प्रदेश के अन्य जिलों में सीमांकन को लेकर पटवारियों पर की गई कार्रवाई का किया विरोध 

लोकमतचक्र डॉट कॉम। 

भोपाल ।  मध्य प्रदेश पटवारी संघ के आव्हान पर प्रदेश के समस्त पटवारियों ने अपनी लंबित मांग 2800 ग्रेडपे को लेकर आंदोलन का रूख अख्तियार कर लिया है । जिसके चलते आज से प्रदेश के समस्त पटवारी तीन दिन के अवकाश पर चले गये है । 28 ओर 29 को शनिवार तथा रविवार होने से अब पटवारी पांच दिन बाद सोमवार को हि मिलेंगे  । इसके साथ हि पटवारियों में सीमांकन को लेकर प्रदेश भर में पटवारियों पर हो रही कार्रवाई से भि नाराजगी व्यप्त है । जिसके विरोध में पटवारी संघ के पदाधिकारियों ने मंगलवार को प्रमुख सचिव राजस्व के नाम अपनी  अपनी तहसीलों में तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा है।


संघ के महामंत्री उमेश शर्मा एवं संवाद समिति अध्यक्ष राजीव जैन ने कहा गत दिनांक 4 मई को मुख्यमंत्री मध्यप्रदेश शासन को संबोधित करते हुए सभी जिला कलेक्टरों को इस सम्बन्ध में ज्ञापन दिए गए थे कि समान कार्य समान वेतन के आधार पर मध्प्रदेश के पटवारियों को 2800 ग्रेड पे दी जाये। ज्ञापन में लेख कर अवगत कराया गया था कि पटवारियों के पास संसाधन की कमी है तथा विशेष भर्ती अभियान अंतर्गत नियुक्त 500 राजस्व निरीक्षको द्वारा सीमांकन कार्य नहीं किये जाने से पटवारियों पर पूर्व से अत्यधिक कार्य होने व अन्य विधिक व्यावहारिक कारणों से प्रदेश में पटवारी द्वारा सीमांकन कार्य नहीं किया जायेगा। जब तक पटवारियों को समान कार्य समान वेतन के आधार पर 2800 ग्रेड पे नहीं दी जाती है व समस्याओं का समाधान नहीं किया जाता है तब तक प्रदेश का पटवारी सीमांकन कार्य नहीं करेगा और ना ही सीमांकन कार्य में किसी प्रकार का सहयोग करेगा।

उन्होंने कहा की किन्तु इसके बावजूद प्रदेश के विभिन्न जिलो में जिला कलेक्टरो द्वारा पटवारियों द्वारा सीमांकन कार्य नहीं किये जाने से उन पर निलम्बन आदि कार्यवाहियां की गयी है और अन्य कार्यवाहियां प्रचलन में है। उदाहरण के लिए सिंगरौली जिले 1 में 15 पटवारियों को निलंबित किया गया है तथा सीधी जिले में 100 से ऊपर पटवारियों पर निलंबन नो वर्क नो पे आदि कार्यवाहियां हुई है। कुछ जिले के जिला प्रशासन ने सीमांकन के जो आंकड़े शासन को प्रस्तुत किए हैं उनकी फील्ड की बस्तु स्थिति की जांच कराई जाए कि इनके द्वारा कब चौहद्दी काश्तकारों को नोटस जारी किए और वह उन्हें तामिल हुए हैं कि भी नहीं क्योंकि प्राप्त जानकारी के अनुसार अधिकांश सीमांकन निरस्त कर आंकड़ों की संख्या बढ़ाई गई है। जिला प्रशासन द्वारा शासन नियमो का पालन ना कर केवल संख्या बढ़ाने वाहवाही लूटने के उद्देश्य से गलत सीमांकन किये गए है और अधिकांश सीमांकन से ग्रामीण असंतुष्ट हैं। जबकि मुख्यमंत्री द्वारा आमजन को सुबिधा प्रदान करने हेतु यह अभियान चलाया था लेकिन कुछ जिला प्रशासन द्वारा सस्ती लोकप्रियता हासिल करने के लिए इस अभियान में पलिता लगाने का कार्य किया है जो मुख्यमंत्री की मंशा के विपरीत है।

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