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अधिकारिता से बाहर जाकर नायब तहसीलदार ने शासकीय भूमि को किया निजी दर्ज, आयुक्त ने किया सस्पेंड

अधिकारिता से बाहर जाकर नायब तहसीलदार ने शासकीय भूमि को किया निजी दर्ज, आयुक्त ने किया सस्पेंड

लोकमतचक्र डॉट कॉम। 

भोपाल। प्रदेश के ग्वालियर जिले में एक नायब तहसीलदार ने मनमर्जी से अपने अधिकारीता से बाहर जाकर सरकारी भूमि को अधिकारिताविहीन आदेश कर निजी भूमि दर्ज कर दिया । मामले की पोल खुलने पर नायब तहसीलदार पुरानी छावनी विजय त्यागी को संभागीय आयुक्त दीपक सिंह ने तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। निलंबन अवधि में विजय त्यागी का मुख्यालय जिला कार्यालय ग्वालियर रहेगा। नियमानुसार जीवन भत्ता की पात्रता होगी। संभागीय आयुक्त दीपक सिंह ने कलेक्टर ग्वालियर अक्षय कुमार सिंह के प्रतिवेदन पर विजय त्यागी नायब तहसीलदार पुरानी छावनी को निलंबित करने का आदेश जारी किया है।


कलेक्टर के प्रतिवेदन में बताया गया है कि विजय त्यागी द्वारा उनके न्यायालय के प्रकरण में माननीय सिविल न्यायालय की डिग्री जो कि वर्ष 1996 की होकर एवं दो पक्षों के मध्य विवाद जिसमें शासन पक्षकार नहीं था तथा पक्षकार द्वारा शासन से कोई सहायता भी नहीं चाही गई थी, के आधार पर अभिलेख दुरूस्त कर ग्राम बरौआ नूराबाद ग्वालियर की भूमि सर्वे क्रमांक- 654, 655, 666, 657, 658, 659 / 1 कुल रकबा 6 बीघा 3 बिस्वा शासकीय भूमि का अधिकारिता विहीन आदेश कर निजी भूमि में दर्ज किया गया है। उक्त प्रकरण में कलेक्टर से भी कोई अनुमति नहीं ली गई। है। नायब तहसीलदार विजय त्यागी द्वारा अपने स्पष्टीकरण में भी उक्त कृत्य को स्वीकार किया है।

संभागीय आयुक्त श्री सिंह ने नायब तहसीलदार विजय त्यागी को मध्यप्रदेश सिविल सेवा वर्गीकरण नियंत्रण तथा 'अपील नियम 1966 के नियम 9 के तहत तत्काल प्रभाव से निलंबित करने के आदेश जारी किए हैं। गौरतलब है कि प्रदेश के राजस्व अधिकारियों द्वारा नियमों को अपनी मनमर्जी से लागू करने काफी प्रमाण उपलब्ध है । जिन प्रकरणों में उन्हें अनुकूलता लगती है वो आदेश पारित हो जाते है, वहीं दूसरे उसी प्रकृति के दूसरे प्रकरण में अनुकूलता ना हो तो उसे खारिज कर देते है । ऐसे काफी प्रकरणों के प्रमाण उपलब्ध है ।

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