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तहसीलदार ने पटवारी को दिया नोटिस, सदमें में पटवारी की हार्ट अटैक से हुई मौत

तहसीलदार ने पटवारी को दिया नोटिस, सदमें में पटवारी की हार्ट अटैक से हुई मौत

काम के अत्यधिक दबाव के चलते बीमार हो रहे पटवारी 

लोकमतचक्र डॉट कॉम। 

भोपाल । मध्य प्रदेश के सरकारी कर्मचारी वर्तमान समय में काम के अत्यधिक बोझ में दबे हुए है, जिसके चलते दुर्घटनाओं का शिकार तो हो ही रहे हैं वहीं दूसरी ओर मानसिक दबाव और तनाव के कारण ब्लड प्रेशर, डायबिटीज और ह्रदय की बीमारियों से ग्रसित होते जा रहे हैं। ताजा मामले में तहसीलदार के द्वारा दिए जा रहे मानसिक तनाव और दबाव के कारण एक पटवारी की बीती रात हृदयाघात से मृत्यु होने की जानकारी सूत्रों से प्राप्त हुई है। जिसके चलते पटवारियों में अत्यधिक रोष बना हुआ है।


MP के नीमच जिले की जीरन तहसील के एक पटवारी की बीती रात अचानक हार्टअटैक आ जाने के चलते मौत हो गई ,जिसके बाद से ही कई तरह की चर्चाये जोरो पर है की पटवारी पर अपने अधिकारियो का दबाव काम को लेकर काफी था ओर कल ही उसे एक नोटिस भी तहसीलदार द्वारा भेजा गया था जिसके बाद ही उसे कोई सदमा लगा हो ओर उसकी अकाल मौत हो गई।

वैसे देखा जाये तो इस समय जब चुनावी समर में सरकार जा रही है तो कई योजनाओ के क्रियान्वन को लेकर दबाव ऊपर से निचे तक सभी शासकीय लोगो पर है,पर क्या इतना दबाव भी हो सकता है किसी पर की उसकी सदमे में जान ही चली जाये,जी हां फिलहाल जो मामला जीरन के चीताखेडा क्षेत्र के पटवारी बहादुर सिंह डाबी की अचानक मौत का सामने आया है उससे तो ऐसा ही लगता है की कुछ ज्यादा ही तनाव निचले कर्मचारियों पर कामकाज का बना हुआ है। बताया जा रहा है की पटवारी डाबी को पहले भी कामकाज को लेकर नोटिस दिया गया था ओर कोई विभागीय कार्यवाही भी की गई थी वही कल भी देर शाम उसके मोबाईल पर जीरन तहसीलदार द्वारा एक नोटिस भेजा गया था जिसमे उसे कृषि सगणना कार्य शत प्रतिशत पूरा न करने पर कारण बताओ सूचना पत्र भेजा गया ओर उसमे वेतनवृद्धि रोके जाने की कार्यवाही के बारे में भी लिखा गया था।

अब ये एक बड़ा सवाल है की क्या इस नोटिस के कारण ही पटवारी को इतना बड़ा सदमा लगा की उसकी मौत ही हो गई ,चर्चा इस बात की भी पटवारियों के बीच है की रात को ही क्या अर्जेन्ट था की जो ये नोटिस मोबाईल पर भेजा गया,ओर जिस कार्य के लिए नोटिस भेजा गया उसके आलावा भी कई काम शासन की महत्वपूर्ण योजनाए चल रही है ये ही नहीं स्थानीय पखवाड़े भी है जिन्हे भी देखना आवश्यक है,ऐसे में इतना दबाव क्यों अधिकारियो द्वारा कर्मचारियों पर बनाया जा रहा है। मामले को लेकर नीमच जिले के पटवारियों में अत्यधिक गुस्सा है और हो सकता है कि पटवारी उक्त मामले को लेकरअपना विरोध दर्ज करवाएंगे।

उल्लेखनीय है कि आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर शासन द्वारा विगत 6 माह से विभिन्न अभियान चलाए जा रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में चलने वाले इन अभियानों में आबादी भूमि के पट्टे वितरण से लेकर रिकॉर्ड शुद्धिकरण पखवाड़ा, फसल गिरदावरी, लोक सेवा गारंटी के तहत प्राप्त आवेदनों का निराकरण, सीएम हेल्पलाइन, ग्राम चौपाल, जनसेवा अभियान  किसान सम्मान निधि सत्यापन, एल आर लिंकिंग के साथ ही लघु सिंचाई योजना का कार्य समय सीमा में किए जाने का प्रदेश के पटवारियों पर अत्यधिक दबाव है। उक्त अभियानों में जिलों की रैंकिंग कर अभियान समयावधि में पूरा किए जाने का अत्यधिक दबाव अधिकारियों और कर्मचारियों पर बनाया जा रहा है, जिसमें मूर्त रूप देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले पटवारियों पर कार्य का लगातार दबाव बना हुआ है जिसके चलते पटवारी बीमारियों से ग्रसित हो रहे है और इस तरह की घटना घटित हो रही है। जानकार लोगों का कहना है कि विधानसभा चुनाव में सफलता हासिल करने के लिए सरकार लगातार ऐसे अभियान चला रही है जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में सरकार के प्रति सकारात्मक माहौल बने और जिसका फायदा सरकार को चुनाव में मिले। हालांकि इससे शासकीय कर्मचारी अत्यधिक त्रस्त होकर बीमारियों से ग्रसित हो रहे हैं।


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