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आदिवासी की जमीन फर्जी तरीके से बेचने मामले में दर्ज हुई FIR, दो आरोपियों को जेल

आदिवासी की जमीन फर्जी तरीके से बेचने मामले में दर्ज हुई FIR, दो आरोपियों को जेल

लोकमतचक्र डॉट कॉम। 

भोपाल। आदिवासी की जमीन विक्रय के कठिन कानून होने का फायदा दलाल उठाते है और इसके लिए मोटी रकम लेकर फर्जीवाड़ा करने से भी परहेज नहीं करते है । ताजा मामले में एक पत्रकार ने अपनी पहुंच ओर रसूख का फायदा उठाते हुए एक आदिवासी की जमीन फर्जी तरीके से बेच दि, जब मामला पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने मिडिया में सामने लाया तो पुलिस ने अंततः एफ आई आर दर्ज कर दो आरोपियों को गिरफ्तार किया ओर जेल भेज दिया । 


मामला रायसेन जिले का है। 6 महीने पहले सोशल मीडिया पर जमीन को बिकवाने वाले दलाल पत्रकार के लेनदेन का वीडियो वायरल होने के बाद मामला सुर्खियों में आया था। जिसके बाद आदिवासी संगठनों और कांग्रेस द्वारा इस मुद्दे को उठाए जाने के बाद पुलिस ने जांच के नाम पर 6 महीने यूं ही निकाल दिए। इस मामले में जमीन के असली मालिक जीवन मुल्ला के फर्जी दस्तावेज तैयार कर बारला निवासी हीरालाल लोधी को जीवन बताकर भोपाल के बिजली कंपनी के अधिकारी आशुतोष गोंड को यह जमीन भेज दी गई। इस पूरे मामले का मास्टरमाइंड रायसेन का एक दलाल पत्रकार था। जिसने वर्षों से कोली से जमीन जोतने वाले रामविलास आर्य के साथ षड्यंत्र कर इस जमीन को बेचकर रुपयों का बंदरबांट करने का प्लान बनाया था। जिसमें बारला के बुजुर्ग गरीब हीरालाल लोधी को मोहरा बनाकर कुछ पैसे देकर उसे जीवन सिंह बनाकर रजिस्ट्री करा दी गई।

इस मामले में हैरत की बात यह रही कि जमीन का सौदा होने के बाद नायब तहसीलदार ऑफिस में गलत तरीके से हुई रजिस्ट्री के आधार पर जमीन का नामांतरण भी कर दिया। पैसों के लेनदेन को लेकर एक वीडियो वायरल होने के बाद नायब तहसीलदार शिवांगी खरे ने संज्ञान में लिया और नामांतरण को खारिज कर दिया। मामला एसडीएम कोर्ट तक पहुंचा और एसडीएम ने मामले में सुल्तानपुर पुलिस को जांच कर मामला दर्ज करने के निर्देश दिए। एसडीएम के पत्र के बाद सुल्तानपुर पुलिस को इस प्रकरण में जांच करने में 6 महीने से ज्यादा का समय लग गया। इस बीच आरोपी पत्रकार और पुलिस के एक बड़े अधिकारी के बीच दोस्ती पूरे जिले में चर्चा का विषय रही। पुलिस अधिकारी ने अपने दोस्ती का फर्ज निभाते हुए जांच को ठंडे बस्ते में डालने का प्रयास किया। बीते हफ्ते पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह द्वारा जब इस मामले को प्रदेश की मीडिया के सामने उठाया गया तब मजबूरी में पुलिस को दो आरोपियों के खिलाफ धारा 420 सहित अन्य गंभीर धाराओं में मामला दर्ज करना पड़ा। सुल्तानपुर पुलिस ने मामला दर्ज होते ही आरोपी हीरालाल लोधी और रामविलास आर्य को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।

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