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काली मिर्च- मूसली की खेती से करोड़पति बना किसान अब हेलीकॉप्टर खरीद रहा है, पोलैंड से हेलीकॉप्टर लेने की डील ...

काली मिर्च- मूसली की खेती से करोड़पति बना किसान अब हेलीकॉप्टर खरीद रहा है, पोलैंड से हेलीकॉप्टर लेने की डील ...

लोकमतचक्र डॉट कॉम। 

काली मिर्च एक पौधे से 15 से 20 हजार तक का मुनाफा

काली मिर्च की खेती 10 डिग्री सेसे लेकर 50 डिग्री सेल्सियस पर की जा सकती

छत्तीसगढ़ । काली मिर्च, मूसली की खेती कर करोड़पति बने किसान राजाराम त्रिपाठी हेलीकॉप्टर खरीद रहे हैं। त्रिपाठी ने सात करोड़ रुपए में नीदरलैंड्स की कंपनी से 4 सीटर हेलीकॉप्टर खरीदने की डील की है। कंपनी 4 वर्ष में हेलीकॉप्टर देगी और अगले सात वर्ष तक इसका रखरखाव भी करेगी। हेलीकॉप्टर खरीदने की वजह भी शानदार है। राजाराम के अनुसार, युवा कॉरपोरेट कल्चर से प्रभावित ज्यादातर युवा खेती-किसानी को लो प्रोफाइल काम समझते हैं। ऐसे में हेलीकॉप्टर खरीदने से युवाओं में एक मैसेज जाएगा कि खेती-बाड़ी में भी कॅरियर है । 


राजाराम ने कहा कि उन्होंने यूरोपीय देशों में किसानों को खेती में हेलीकॉप्टर का उपयोग करते देखा था। तभी से यह इच्छा थी। उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले से राजाराम त्रिपाठी के दादा शंभुनाथ त्रिपाठी करीब 70 वर्ष पहले दरभा घाटी के ककनार आकर किसानी करने लगे थे। पिता जगदीश प्रसाद शिक्षक थे। राजाराम ने जगदलपुर कॉलेज से पढ़ाई के बाद एसबीआई में प्रोबेशनर अधिकारी बने। 1996 में पांच एकड़ में सब्जी की खेती शुरू की। मूसली और अश्वगंधा की खेती में शुरुआती लाभ मिलने पर नौकरी छोड़ दी ।

Black pepper cultivation : भारत में मसालों के उपयोग का एक अहम महत्व है. खाने से लेकर कई बीमारियों तक में इनका उपयोग किया जाता है. इन सभी मसालों में काली मिर्च की जगह सबसे महत्वपूर्ण है. इसकी मांग देश से लेकर विदेशों तक में है. भारत में ज्यादातर केरल, कर्नाटक और तमिलनाडु इसकी खेती प्रमुखता से की  जाती है. हालांकि, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ समेत कई अन्य राज्यों में भी अब इसकी खेती शुरू हो गई है.


कम लागत ज्यादा मुनाफा: कम लागत और ज्यादा मुनाफा होने की वजह से अब ये धीरे-धीरे किसानों के बीच ये फसल खासा लोकप्रिय होते जा रही है. इसकी सबसे खास बात ये है कि इसको देखभाल के लिए ज्यादा जरूरत नहीं पड़ती. वहीं, मांग की वजह से इसका बाजार आसानी से उपलब्ध हो जाता है, किसानों को कोई खास जद्दोहद नहीं करनी पड़ती है.

छत्तीसगढ़ के बस्तर के कोंडागांव के रहने वाले डॉ. राजाराम त्रिपाठी मां दंतेश्वरी हर्बल संस्थान समूह नाम से किसानों का एक समूह चलाते हैं. इस समूह के सदस्य किसान आपस में मिलकर काली मिर्च जैसे मुनाफे की फसलों की खेती करते हैं और एक दूसरे को प्रोत्साहित करते रहते सकती। स्त्रोत : नेट 



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