डिप्टी कलेक्टर - तहसीलदार ने कलेक्टरों के कार्य विभाजन से नाराज़ होकर दिया इस्तीफा, एक IAS ने लिया कोर्ट से स्टे
डिप्टी कलेक्टर - तहसीलदार ने कलेक्टरों के कार्य विभाजन से नाराज़ होकर दिया इस्तीफा, एक IAS ने लिया कोर्ट से स्टे
लोकमतचक्र डॉट कॉम।
भोपाल। प्रदेश में एक अपर कलेक्टर, डिप्टी कलेक्टर और तहसीलदार ने तबादला और प्रशासनिक जिम्मेदारियों असंतुष्ट होकर शासन और कलेक्टरों के निर्णय का विरोध किया है। एक तहसीलदार और डिप्टी कलेक्टर ने नाराज होकर अपना इस्तीफा कलेक्टर को सौंपा है वहीं आईएएस स्तर के अधिकारी ने तबादलों से नाराज होकर कोर्ट से स्थगन ले लिया है।
तहसीलदार अमिता सिंह ने श्योपुर कलेक्टर को दिए त्यागपत्र में कहा है कि शिवपुरी में उनकी वरिष्ठता को अनदेखा कर काम सौंपे गए हैं। जिले में उनकी वरिष्ठता का अनादर करते हुए नायब तहसीलदार और सहायक अधीक्षक भू-अभिलेख को तहसीलदार पद के प्रभार सौंपे गए हैं और उनके मामले में इसकी अनदेखी की जा रही है। अमिता का कहना है कि उन्हें निर्वाचन शाखा व अधीक्षक भू अभिलेख बना दिया गया है। नए कलेक्टर के आने पर उन्हें उम्मीद थी कि बेहतर जिम्मेदारी सौंपी जाएगी लेकिन लिपिक वर्ग के स्टाफ की बातों में आकर कलेक्टर ने फिर उन्हें अच्छे दायित्व नहीं सौंपे हैं। इसलिए वे शासकीय सेवा से त्यागपत्र देने पर विवश हैं। अमिता पूर्व में फरवरी और अप्रैल में भी दो बार इस्तीफा दे चुकी हैं ।
मुरैना में नाराज हुई डिप्टी कलेक्टर
एक अन्य मामला मुरैना जिले के सबलगढ़ राजस्व विभाग में पदस्थ डिप्टी कलेक्टर मेघा तिवारी का है। मेघा तिवारी को पिछले दिनों कलेक्टर ने कलेक्ट्रेट अटैच कर दिया और उनके स्थान पर वीरेंद्र कटारे को सबलगढ़ एसडीएम की जिम्मेदारी सौंपी। इससे नाराज होकर डिप्टी कलेक्टर मेघा तिवारी ने गुरुवार को अपर कलेक्टर सीबी प्रसाद को इस्तीफा सौंप दिया। हालांकि अपर कलेक्टर प्रसाद का कहना है कि मेघा ने इस्तीफा नहीं सौंपा है। उनके द्वारा लंबी छुट्टी के लिए आवेदन किया गया था जिसकी जानकारी के बाद उन्हें बुलाकर समझाई दी गई है कि चुनाव के समय इतनी लंबी छुट्टी नहीं मिल सकती। इसके बाद उन्होंने आवेदन वापस ले लिया है। दूसरी और मेघा तिवारी ने मोबाइल का स्विच ऑफ कर दिया है और किसी से बात नहीं कर रही हैं ।
अनूपपुर में सीईओ ने लिया स्टे
एक अन्य मामला अनूपपुर जिले में जिला पंचायत सीईओ पद को लेकर है। यहां पदस्थ आईएएस अभय कुमार ओहरिया का ट्रांसफर राज्य शासन ने अन्यत्र कर दिया था और उनके स्थान पर नए सीईओ की पोस्टिंग कर दी। इससे नाराज होकर ओहरिया ने हाईकोर्ट से स्थगन ले लिया है। उनका कहना है कि पिछले 2 साल में उनका आठ बार ट्रांसफर हुआ है। दूसरी ओर शासन द्वारा नियुक्त किए गए नए सीईओ ने भी अनूपपुर में जॉइनिंग दे दी है, इस तरह अब अनूपपुर में दो सीईओ जिला पंचायत काम कर रहे हैं।
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