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फैसला : केवल रिश्वत राशि की बरामदगी ही अपराध तय करने के लिए पर्याप्त नहीं, 25 साल बाद ₹300 की रिश्वत केस में डॉक्टर बरी

फैसला : केवल रिश्वत राशि की बरामदगी ही अपराध तय करने के लिए पर्याप्त नहीं, 25 साल बाद ₹300 की रिश्वत केस में डॉक्टर बरी


लोकमतचक्र डॉट कॉम। 

भुवनेश्वर। एक महत्वपूर्ण मामले में हाईकोर्ट उड़ीसा ने गत दिवस फैसला सुनाते हुए कहा कि केवल रिश्वत राशि की बरामदगी ही अपराध तय करने के लिए पर्याप्त नहीं है ओर विगत 25 साल बाद ₹300 की रिश्वत केस में डॉक्टर को बरी किया । उड़ीसा हाई कोर्ट ने एक डॉक्टर को 1998 में एक मरीज से 300 रुपए की रिश्वत लेने के आरोप से बरी कर दिया। ट्रायल कोर्ट ने रिश्वतखोरी का दोषी ठहराते हुए 2007 में डॉक्टर को छह माह के कारावास और एक हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई थी। हाईकोर्ट में दोषसिद्धि रद्द करते हुए जस्टिस एसके साहू ने कहा कि कि रिश्वत की मांग और स्वीकार करने के सबूत के अभाव में केवल रिश्वत राशि की बरामदगी ही अपराध तय करने के लिए पर्याप्त नहीं है। @स्त्रोत-नैट

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