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पटवारी हड़ताल से किसान हो रहे परेशान : नामांतरण-बंटवारा के साथ बैंकों में अटका किसानों का भुगतान

पटवारी हड़ताल से किसान हो रहे परेशान : नामांतरण-बंटवारा के साथ बैंकों में अटका किसानों का भुगतान, साहूकारों से कर्जा लेने मजबूर हुए किसान 

किसान हितैषी सरकार के मुखिया व्यस्त है जन आशीर्वाद  यात्रा में, ऐसी परिस्थितयों कैसे आशीर्वाद देगा किसान 

लोकमतचक्र डॉट कॉम। 

भोपाल। मध्यप्रदेश में पटवारियों की चरणबद्ध आंदोलन ओर हड़ताल को आज 17वां दिन होने जा रहा है । जिसके चलते प्रदेश भर में किसानों सहित अन्य विभागों के सैकड़ों काम प्रभावित होने लगे है किंतु अपने आप को किसान हितैषी कहने वाली सरकार ओर उनके मुखिया शिवराज सिंह चौहान ने इस ओर ध्यान देने तक की जहमत नहीं उठाई।


किसानों के नामांतरण-बंटवारे के साथ ही बैंकों में भुगतान का काम  अटक गया है, चाहे केसीसी का भुगतान हो, जमीन क्रय विक्रय के लिए बैंक बंधन मुक्त करना हो। इसके साथ ही अल्प वर्षा के कारण परेशान अब आर्थिक रूप से परेशान होने लगा है । मजबूरी में किसानों को साहूकारों से कर्जा लेना पड़ेगा । ऐसी परिस्थितयों में प्रदेश में जन आशिर्वाद यात्रा निकाल रहे शिवराज सिंह चौहान को कैसे आशिर्वाद मिलेगा यह विचारणीय है? ऐसा नहीं है कि प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान को पटवारी आंदोलन ओर हड़ताल की जानकारी नहीं है, पर किसानों की समस्याओं ओर पटवारियों की मांग से जानकर भी उनके निराकरण पर ध्यान ना देना प्रदर्शित करता है कि मामा शिवराज सिंह चौहान तानाशाह हो चुके है ओर अपनी लाड़ली बहना योजना को ही सब कुछ मानकर आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा को फिर सत्तासीन होने का ख्वाब देख रहे है ।

आखिर क्यों है पटवारी हड़ताल पर...?

पटवारी संघ के प्रांत अध्यक्ष उपेन्द्र सिंह बाघेल का कहना है कि मध्यप्रदेश में पटवारियों को 1998 में निर्धारित किए गए वेतनमान के अनुसार हो वर्तमान 2023 में वेतन दिया जा रहा है। पिछले 25 साल में प्रदेश के पटवारियों के वेतनमान में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है। जबकि, पटवारियों से पूरे सेवाकाल में कार्य लेने वाले राजस्व विभाग एवं उसकी पद स्थापना वाले भू अभिलेख विभाग के सभी पदोन्नत पदों (राजस्व निरीक्षक, नायब तहसीलदार, सहायक अधीक्षक भू-अभिलेख, तहसीलदार, अधीक्षक भू-अभिलेख) के वेतनमान में कई बार वृद्धि की गई लेकिन घोषणा के बाद भी पटवारियों का वेतनमान ग्रेडपे में इजाफा नहीं किया गया । 


यह काम प्रभावित हो रहे है

हड़ताल में जाने का असर शासकीय योजनाओं के साथ राजस्व संबंधित कार्य पर देखा जा रहा है। कलेक्ट्रेट समेत तहसील कार्यालय में पटवारी संबंधी काम के लिए आए लोग लौट रहे है। पटवारियों की हड़ताल से नामांतरण, बंटवारा, जाति जन्म, मृत्यु प्रमाण पत्र, निर्वाचन संबंधी कार्य, गिरदावरी सत्यापन, नक्शा दुरुस्तीकरण, पी एम किसान, सी एम किसान निधि, बैंक बंधक एप्रूवल, बैंक ऋण कार्य के प्रकरण भी प्रभावित हो रहे हैं। 

क्या - क्या कर रहे पटवारी आंदोलन में...?

विगत 17 दिनों से आंदोलन कर रहे पटवारी 3 दिन के  सामूहिक अवकाश के बाद गत 12 दिनों से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चल रहे है । इस दौरान पटवारियों ने भगवान को ज्ञापन दिया, सुंदरकांड का पाठ किया, तिरंगा यात्रा निकाली, स्वच्छता अभियान चलाया, रक्तदान किया ओर तो ओर सिर मुंडन तक करवाया।

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