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गेहूं की फसल में जड़माहू कीट से बचाव के लिए सलाह

गेहूं की फसल में जड़माहू कीट से बचाव के लिए सलाह

लोकमतचक्र डॉट कॉम।  

हरदा। रबी मौसम वर्ष 2023-24 अंतर्गत जिले में कृषको द्वारा गेंहू, चना, सरसो, मक्का एवम मटर आदि फसलों की बोनी की गई है।  सहायक संचालक कृषि विभाग अखिलेश पटेल ने कृषकों को सलाह दी है कि गेंहूॅ फसल के खेतों में स्थान - स्थान पर पौधे पीले होकर जड़ माहू कीट गेंहूॅ के पौधे के जड़ भाग में चिपका हुआ रहता है, जो निरन्तर रस चूसकर पौधे को कमजोर व सुखा कर देता है। प्रभावित खेतों में पौधे को उखाड़कर ध्यान से देखने पर बारीक - बारीक हल्के पीले, भूरे व काले रंग के कीट चिपके हुए दिखाई देते हैं। मौसम में उच्च आर्द्रता व उच्च तापमान होने पर यह कीट अत्यधिक तेजी से फैलता है। जड़ माहू कीट नियंत्रण के लिए कृषक भाई इमिडाक्लोरोप्रिड 17.8%, 40 एम.एल. या क्लोरोपायरिफोस 25% इ. सी., 600 एम.एल. प्रति एकड़ मात्रा का 100 से 125 लीटर पानी का घोल तैयार कर छिड़काव करें। 

श्री पटेल ने बताया कि चना एवं गेहूं फसल में इल्ली प्रकोप के लिए कीटनाशक इमामेक्टीन, 80 ग्राम प्रति एकड़ या इन्डोक्साकर्ब, 110 ग्राम प्रति एकड़ मात्रा का 100 से 125 लीटर पानी का घोल तैयार कर छिड़काव करें। चना एवं गेहूं  दोनो फसलों  में फफुंद जनित बीमारियों के नियंत्रण के लिए फफूंदनाशक टेब्यूकोनाजोल+सल्फर, 400 ग्राम या थायोफेनेट मिथाइल + मेनकोजेब, 200 ग्राम प्रति एकड़ की अनुशंसित मात्रा का 100 से 125 लीटर पानी का घोल तैयार कर छिड़काव करें।


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