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हादसे का दर्द : भोपाल अस्पताल में जिंदगी से जंग हार गया 8 साल का मासूम संजय, दिव्यांग पिता की जान बचाते हुए हुआ था घायल

हादसे का दर्द : भोपाल अस्पताल में जिंदगी से जंग हार गया 8 साल का मासूम संजय, दिव्यांग पिता की जान बचाते हुए हुआ था घायल 


लोकमतचक्र डॉट कॉम। 

हरदा । फटाखा फैक्ट्री के हादसे के चौथे दिन आज एक 8 साल का मासूम बच्चा अपनी जिंदगी की जंग हार गया । मासूम बालक पीयूष राजपूत अपने दिव्यांग पिता संजय राजपूत को हादसे से बचाने के प्रयत्न में फैक्ट्री में हुए विस्फोट के कारण उड़कर आये पत्थर के कारण गंभीर घायल हो गया था । मासूम को भोपाल हमीदिया रेफर किया। जहा तीन दिन अस्पताल में जिंदगी और मौत की जंग मासूम लड़ता रहा। और आज उसकी भी जान चली गई। इस हादसे में उसके पिता को भी चोट लगी है ।

फटाखा फेक्ट्री में 6 फरवरी को मचे मौत के भीषण तांडव फटाखो के धमाके और उन धमाकों के साथ बंदूक की गोली की रफ्तार से उड़े, ईंट, पत्थर, सीमेंट, लोहे के सरिया से कई लोग घायल हो गए। उस दिन के भयानक विस्फोट से बुधवार तक 12 लोगो की जान चली गई थी। वही फटाखा फैक्ट्री के आसपास एक किलो मीटर दूर तक सीमेंट के बड़े बड़े टुकड़े गिरे है। जिसके चलते कई लोग जान बचाकर घर परिवार छोड़कर भागे। 

घटनास्थल के समीप रहने वाले संजय राजपूत जो दिव्यांग हैं और सड़क किनारे पान मसाला बेचते हैं। उनकी पत्नी पटाखा फैक्ट्री में ही काम करती थी। मंगलवार सुबह ब्लास्ट के बाद उनका छोटा बेटा आशीष, दिव्यांग पिता को बचाने की कोशिश कर रहा था। आशीष व्हील चेयर धकेलकर उन्हें दुकान से घर ला रहा था। इसी दौरान ब्लास्ट की वजह से उछला पत्थर उन पर गिरा। पिता-पुत्र दोनों घायल हो गए।आशीष को सिर में गंभीर चोट आने के चलते उपचार के लिए नर्मदापुरम रेफर किया गया। हालत गंभीर होने पर उसे गुरुवार रात भोपाल रेफर कर दिया गया था।पटाखा फैक्ट्री में ब्लास्ट के करीब 26 घंटे बाद बुधवार दोपहर को रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा कर लिया गया था। इस हादसे में अब तक 13 लोगों की मौत हो चुकी है। 184 लोगों को रेस्क्यू किया गया था।

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