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शासन की योजनाओं को सीरियस न लेकर समय पर काम नहीं करने वाले तहसीलदार पर कलेक्टर ने ठोका जुर्माना

शासन की योजनाओं को सीरियस न लेकर समय पर काम नहीं करने वाले तहसीलदार पर कलेक्टर ने ठोका जुर्माना 


लोकमतचक्र डॉट कॉम।

भोपाल । मध्यप्रदेश में शासन की योजनाओं को सीरियस ना लेना अधिकारियों की कार्यशैली में शामिल हो चुका है । किंतु जिम्मेदार अधिकारीयों के चलते कुछ मामलों में कार्यवाही करना एक उदाहरण बन जाता है ओर बाकी के अधिकारी कर्मचारी कुछ सजग हो जाते है । ऐसे ही एक मामले में एक तहसीलदार को महंगा पड़ गया जहां कलेक्टर ने तहसीलदार के ऊपर ही जुर्माना ठोक दिया है। यह जानकारी जैसे ही लगी पूरी तरह से प्रशासनिक क्षेत्र में हड़कंप मच गया है। जुर्माना की राशि भले ही काम क्यों ना हो लेकिन उसका नाम इतना बड़ा होता है। क्योंकि आज से पहले ऐसा बहुत ही कम सुनने को मिला है जब किसी तहसीलदार के ऊपर जमाने की कार्यवाही की गई हो। यानी साफ तौर पर सही साबित हो रहा है कि अगर आप लोगों का काम नहीं करेंगे तो आपके ऊपर भी जुड़वाने की कार्यवाही की जाएगी इसीलिए उमरिया जिले के कलेक्टर सख्त रूप में दिख रहे हैं।

उल्लेखनीय है कि उमरिया मे मप्र लोक सेवाओ के प्रदान की गारंटी अधिनियम के अंतर्गत चंद्रवती केवट गोवर्दे मानपुर का आवेदन तहसीलदार मानपुर द्वारा निराकरण निर्धारित समय सीमा मे नही किया गया था। जिसके कारण लोक सेवा गारंटी पोर्टल पर समय सीमा बाहय प्रदर्शित होने पर कलेक्टर बुध्देशकुमार वैद्य व्दारा कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया था।

जहां तहसीलदार के द्वारा जवाब संतोष जनक नही पाए जाने की स्थिति में मप्र लोक सेवाओ के प्रदान की गारंटी अधिनियम की धारा 4 पर समय सीमा मे सेवा प्रदाय न करने के कारण इसी अधिनियम की धारा के तहत तहसीलदार मानपुर पर 3500 रूपये का शास्ति अधिरोपित किया गया है।

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