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नर्मदा घाट पर लगा भूतों का मेला : बुरी आत्मा से छुटकारा पाने दूर-दूर से पहुंचे लोग, लगाई डुबकी

नर्मदा घाट पर लगा भूतों का मेला : बुरी आत्मा से छुटकारा पाने दूर-दूर से पहुंचे लोग, लगाई डुबकी


लोकमतचक्र डॉट कॉम। 

हरदा (सार्थक जैन)। आज चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की आखिरी अमावस्या है। सोमवार का दिन होने से इस अमावस्‍या को सोमवती अमावस्या भी कहते हैं। सोमवती अमावस्या पर हंडिया के नर्मदा नदी के तट पर भूतों का मेला लगा। जहां रिद्धनाथ मंदिर परिसर पर बुरी आत्मा से छुटकारा पाने के लिए दूर-दूर से श्रद्धालु पहुंचते है। वहीं नर्मदा नदी में हजारों श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई। प्राचीन मान्यता के अनुसार इस दिन यहां बाहरी बाधाओं को दूर करने का काम होता है। चौदस की रात से शुरू तंत्रमंत्र का खेल अमावस्या की सुबह तक चलता रहता है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन नर्मदा जल में अद्भुत शक्ति होती है, जिससे मां नर्मदा में डुबकी लगाने से बाहरी बाधाओं से पीड़ित व्यक्ति की परेशानी दूर होती है।


सोमवार को अमावस्या पर हरदा से 20 किलोमीटर दूर हंडिया नर्मदा तट पर स्थित रिद्धनाथ परिसर ओर घाट पर भूतों का प्रसिद्ध मेला लगा। दरअसल, मान्यता है कि इस दिन नर्मदा नदी में डुबकी लगाने से बुरी आत्माओं से निजात मिल जाती है। इसके चलते आज सुबह से ही यहां लोगों का पहुंचना शुरू हो गया था। मान्यता है कि शरीर में लगी बुरी आत्माओं को भगाने के लिए यह एक दिन तय किया गया है, इसीलिए मध्यप्रदेश में नर्मदाघाटों पर भूतों का मेला लगा। माना जाता है कि इस दिन नर्मदा में डुबकी लगाने से प्रेत-आत्माओं से छुटकारा मिलता है। वहीं, मोक्ष की प्राप्ति होती है।


इस दिन वे लोग भी नर्मदा नदी में स्नान करने आते हैं, जिनके शरीर में देवी का वास हो या फिर किसी प्रेतात्मा का साया हो। इसे दूर करने के लिए तांत्रिक क्रिया करने लोग पहुंचते हैं। सोमवार को रिद्धेश्वर मंदिर घाट, नर्मदा मंदिर घाट समेत सभी घाटों पर श्रद्धालु सुबह से ही जुट गए थे। सुबह 12 बजे तक घाटों पर भीड़ रही। इसके बाद भीड़ कम होने लगी है। श्रद्धालुओं ने नर्मदा में स्नान कर पूजन किया। कई महिला-पुरुष सिर पर चुनरी और हाथों में तलवार, नींबू लेकर आए, जो नदी में खड़े होकर डुबकी लगाकर पूजन करते रहे।

आज के दिन लोग नर्मदा घाट पर उन ओझा-बाबाओं के पास भी पहुंचते हैं, जो इन्हें बताएंगे कि भूत का साया है, फिर इसे उतारने का दावा भी करते हैं। वैसे तो आज तक भूत-प्रेत आत्मा के अस्तित्व का प्रमाण नहीं है, लेकिन शास्त्रों में प्रेत का जिक्र जरूर है। इस बात का स्कन्द पुराण में भी उल्लेख है।


भूतड़ी अमावस्या पर लोगों की उमड़ी भीड़

सोमवार को बड़ी संख्या में श्रद्धालु नर्मदा नदी में स्नान करने और रिद्धनाथ के पूजन के लिए पहुंचे। स्थानीय लोग मानते हैं कि भूतड़ी अमावस्या पर नर्मदा नदी में स्नान करने से रुके हुए काम भी बिना विघ्न के संपन्न हो जाते हैं। यह तिथि अगर सोमवार को पड़े तो इसे सोमवती अमावस्या भी कहा जाता है। इसे देखते हुए प्रशासन और पुलिस ने भी सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए। हंडिया के सभी घाटों पर पटवारी, पुलिस ओर कोटवार तैनात किये गये थे साथ ही वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा भि लगातार भ्रमण कर जायजा लिया। 

यह भी बता दें कि 9 अप्रैल से चैत्र नवरात्रि (Chaitra Navratri 2024) प्रारंभ हो रही है। अगले 9 दिन तक देवी मंदिरों में पूरे विधि-विधान से पूजा-पाठ होगी। माता का अलग-अलग रूपों में श्रृंगार किया जाएगा।

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