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शासकीय स्नातक महाविद्यालय टिमरनी में राष्ट्रीय वेबीनार का आयोजन हुआ संपन्न

शासकीय स्नातक महाविद्यालय टिमरनी में राष्ट्रीय वेबीनार का आयोजन हुआ संपन्न


लोकमतचक्र डॉट कॉम।  

टिमरनी। शासकीय स्नातक महाविद्यालय टिमरनी में शुक्रवार को मध्य प्रदेश उच्च शिक्षा विभाग द्वारा प्रायोजित शोध प्रविधि विषय पर राष्ट्रीय वेबीनार का आयोजन किया गया। कार्यक्रम समन्वयक डॉ. महेन्द्र सिंह तड़वाल ने कार्यक्रम की जानकारी देते हुए बताया कि सर्वप्रथम सरस्वती पूजन किया गया। सरस्वती वंदना का गान छात्रा कुमुद पालीवाल एवं दर्शना पुरोहित ने किया। महाविद्यालय एवं अतिथियों का परिचय सुनीत काशिव ने दिया। स्वागत भाषण संस्था प्राचार्य डॉ.जे के जैन ने दिया। मुख्य संरक्षक अतिरिक्त संचालक डॉ. मथुरा प्रसाद, विशेष अतिथि डॉ.संगीता बिले प्राचार्य अग्रणी महाविद्यालय हरदा एवं उपेन्द्र गद्रे जनभागीदारी अध्यक्ष ऑनलाइन उपस्थित रहे। 


बतौर मुख्य अतिथि डॉ.जेपी शुक्ला, मुख्य वैज्ञानिक सीएसआईआर एम्प्री भोपाल मौजूद रहे। उन्होंने मौलिक और अनुप्रयुक्त अनुसंधान, प्रौद्योगिकी विकास और व्यावसायिक विकास की जरूरत को स्पष्ट करते हुए अनुसंधान की महत्ता को समझाया और अन्वेषण के आयाम का वर्णन किया। कार्यक्रम समन्वयक डॉ. सादिया पटेल ने विषय की रूपरेखा को प्रस्तुत करते हुए विशेषज्ञ वक्ताओं का परिचय दिया। विशेषज्ञ वक्ता प्रो. यतीन्द्र सिंह सिसोदिया निदेशक म. प्र. सामाजिक विज्ञान शोध संस्थान उज्जैन ने अनुसंधान के बुनियादी सिद्धांत विषय पर आधारित वक्तव्य में अनुसंधान पारिस्थितिकीय को समझाते हुए समाज हित में अनुसंधान किए जाने की बात कही। अनुसंधान ऐसे क्षेत्र में किया जाना चाहिए जिसका उपयोग नीति निर्माण में किया जा सके। अनुसंधान में सामुदायिक जुड़ाव पर विशेष बल देते हुए अनुसंधान को वस्तुनिष्ठ, तर्कसंगत एवं व्यवस्थित किया जाने की बात कही। शोध अंतरालों को कम करते हुए निरंतर अनुसंधान होते रहने चाहिए। 

विशेषज्ञ वक्ता डॉ. ज्योति पाटिल पूर्व प्राचार्य रेणुका कॉलेज बेसा, नागपुर एवं नैक मूल्यांकनकर्ता बेंगलुरु ने एआई के युग में अनुसंधान पद्धति के बदलते आयाम विषय पर अपनी बात रखी। अनुसंधान की आधारभूत जानकारी देते हुए पुस्तकालय, क्षेत्र एवं प्रयोगशाला अनुसंधान की प्रविधियों को समझाया। विभिन्न ऑनलाइन टूल्स की जानकारी बहुत ही रचनात्मक तरीके से पॉवर पॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से दी। प्रभावशाली प्रारूप लेखन की तकनीक के साथ ही अनुसंधान के विभिन्न नवीन आयामों को समझाया। अनुसंधान में शैक्षिक सिद्धांतों के साथ ही आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के अनुप्रयोग के साथ उन्नत तकनीकों को समझाया। इसके पश्चात पचास से प्रतिभागियों ने अपना शोध पत्र का वचन किया। कार्यक्रम सचिव सुनील कुमार बौरासी ने पूरे कार्यक्रम के निष्कर्ष को पेश किया। आभार कार्यक्रम समन्वयक डॉ. महेन्द्रसिंह तड़वाल ने माना।

इस वेबीनार हेतु पूरे देश भर से लगभग ग्यारह सौ पंजीयन हुए। वेबीनार में पूरे देश-प्रदेश से ऑनलाइन प्रतिभागी और महाविद्यालय के आईक्यूएसी कक्ष में सीधे प्रसारण द्वारा पूरा स्टॉफ एवं विद्यार्थी जुड़े। इस पूरे कार्यक्रम में आयोजन समिति के सदस्यों सुरूभि चौरे, मीनाक्षी यादव, धर्मेन्द्र जमरा, डॉ. श्रीकांत गंगवार और तकनीकी समिति के सदस्यों डॉ.पंकज खैरनार, दीपक मालाकार, डॉ.अभिषेक अग्रवाल, ज्योति काशिव का विशेष सहयोग रहा।

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