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हरदा सहित 34 जिलों के DPC को नोटिस जारी, तीन साल से पेंडिंग RTE फीस का नहीं किया पेमेंट

हरदा सहित 34 जिलों के DPC को नोटिस जारी, तीन साल से पेंडिंग RTE फीस का नहीं किया पेमेंट

सात दिन में देना होगा जवाब

भोपाल - कोरोना काल में फीस जमा न होने से परेशान गैर अनुदान प्राप्त स्कूलों के मामले से राज्य शासन ने सकारात्मक फैसला लिया है। राज्य शिक्षा केंद्र ने आरटीई फीस प्रतिपूर्ति की कार्यवाही में विलम्ब और लापरवाही बरतने पर 34 जिलों के जिला परियोजना समन्वयकों को नोटिस जारी किया है। आयुक्त राज्य शिक्षा केंद्र लोकेश कुमार जाटव ने यह कारण बताओ सूचना पत्र गैर अनुदान प्राप्त प्राइवेट स्कूलों को आरटीई फीस भुगतान में विलम्ब के लिए जारी किया है। इन सभी जिला परियोजना समन्वयकों को मध्यप्रदेश सिविल सेवा वर्गीकरण नियम 1966 के तहत नोटिस जारी कर सात दिवस में जवाब मांगा गया है

राज्य शिक्षा केंद्र ने सभी जिलों को समय-समय पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के अंतर्गत फीस प्रतिपूर्ति की कार्यवाही शीघ्र सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए थे। बार-बार निर्देश दिए जाने के बावजूद भी इन जिलों के स्कूलों में वंचित समूह एवं कमजोर वर्ग के निःशुल्क अध्ययनरत बच्चों की सत्र 2016-17, 2017-18 और सत्र 2018-19 की फीस भुगतान के प्रस्ताव जिला परियोजना समन्वयक स्तर पर 3 माह से अधिक अवधि से लंबित थे। 

इन जिलों के डीपीसी को भेजे नोटिस

जिन 34 जिलों के डीपीसी को नोटिस जारी हुए हैं उनमें देवास, रीवा, सतना, खरगोन, मंदसौर, गुना, ग्वालियर, रायसेन, जबलपुर, भोपाल, अनूपपुर, आगर मालवा, सीधी, सागर, खंडवा, श्योपुर, हरदा, राजगढ़, भिंड, मुरैना, पन्ना, इंदौर, दमोह, नीमच, धार, अशोक नगर, छतरपुर, रतलाम, उमरिया, शाजापुर, दतिया, सीहोर और टीकमगढ़ ( निवाड़ी सहित ) जिले शामिल हैं।

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