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बवाल मचा तो बदला आदेश, सेक्स वर्कर का नाम हटाया

बवाल मचा तो बदला आदेश, सेक्स वर्कर का नाम हटाया

चतुराई से संशोधित आदेश में किया सैलून वर्कर

लोकमतचक्र.कॉम।

भोपाल : अजब-गजब है मध्यप्रदेश के अधिकारी, पहले बिना देखे, बिना समझें आदेश जारी कर देते है फिर जब बवाल मचता है तो संशोधित आदेश जारी कर अपने कर्तव्यों की इतिश्री कर लेते है। आज स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव मोहम्मद सुलेमान का आज जारी आदेश है जो कि सभी कलेक्टरों को जारी किया गया है। जिसमें निर्देश जारी किए कि सेक्स वर्कर को पहले लगे टीका लिखा है, जबकि MP में सेक्स वर्कर को लाइसेंस नहीं...। जब बवाल मचा तो संशोधित आदेश जारी कर दिया ओर उसमें से सेक्स वर्कर हटा दिया गया ओर उसे सैलून वर्कर लिख दिया गया। 

जिस चतुराई से सैक्स वर्कर कि जगह सैलून वर्कर संशोधित किया गया है वो यह बताता है कि किस तरह आलाधिकारी शब्दों से खेलकर अपनी गलती ओर लापरवाही छुपा लेते है।

संशोधित आदेश...।

दिन में जारी आदेश के बाद सोशल मीडिया पर जब इसकी चर्चा हुई तो कई लोगों ने सरकारी अफ़सरों और मंत्रियों से भी इस बारे में कैफियत पूछी कि क्या सरकार ने  मध्यप्रदेश में “सेक्स वर्कर” को लीगल कर दिया है। कांग्रेस के प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने भी ट्वीट करके यही सवाल उठाया पूछा कि क्या प्रदेश में “सेक्स वर्कर” का टीकाकरण वरीयता के आधार पर आम जनता से पहले होगा। क्या सरकार ने कोरोना की आड़ में “सेक्स वर्कर” को लीगल कर दिया है। जब हर तरफ़ इस बात की आलोचना हो ही रही थी कि आखिर सरकार ने किस आधार पर  सेक्स वर्कर को प्राथमिकता दी है। तब तक गलती सुधारते हुए नया संशोधित आदेश जारी हुआ जिसमें “सेक्स वर्कर” की जगह “हेयर सैलून वर्कर” कर दिया गया था। 

संशोधित  आदेश में कहा गया है कि प्रदेश में सेल्समैन, सिलेंडर सप्लाई करने वाले कर्मचारी, पेट्रोल पंप के स्टाफ, घरों में काम करने वाली महिलाएं, किराना दुकान कर्मचारी व्यापारी, सब्जी गल्ला मंडी के विक्रेता, हाथ ठेला वाले, दूध वाले, वाहन चालक, साइट मजदूर, मॉल, होटल, रेस्टोरेंट में काम करने वाले स्टाफ, शिक्षक, केमिस्ट, बैंकर, सुरक्षा गार्ड, हेयर सैलून वर्कर को प्राथमिकता के आधार पर कोरोना वैक्सीन लगाए जाएंगे। 
पहला आदेश....।



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