Breaking News

कोरोना काल में हुए 6 हजार सरकारी विवाह, BJP विधायक ने सरकार को घेरा, कहा CEO सस्पेंड हो

कोरोना काल में हुए 6 हजार सरकारी विवाह, BJP विधायक ने सरकार को घेरा, कहा CEO सस्पेंड हो

भोपाल : विधानसभा में मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के अंतर्गत किए गए राशि के भुगतान को लेकर भाजपा विधायक उमाकांत शर्मा ने सरकार को घेरा और कहा  कि जब कोरोना काल में शादियां प्रतिबंधित थीं, उस समय उनके विधानसभा क्षेत्र में छह हजार विवाह कराकर 30 करोड़ से अधिक का भुगतान कर दिया गया। विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने इस मामले में आसंदी से ही सीईओ के विरुद्ध जांच कराने के निर्देश दिए। विधायक ने सीईओ के निलंबन की मांग उठाई जिस पर खनिज साधन मंत्री ने पंचायत मंत्री से चर्चा कर कार्यवाही के लिए आश्वासन दिया है।



दरअसल प्रश्नोत्तर काल शुरू होने पर पहली बार के भाजपा विधायक उमाकांत शर्मा ने जनपद सिरोंज में जनपद सिरोंज में भवन और सन्निर्माण कर्मकार मंडल में पंजीकृत श्रमिकों की पुत्री के विवाह का मसला उठाया और कहा कि कोरोना काल में जब कहीं शादी नहीं हो रही थी तो यहां 6 हजार विवाह हो गए और 30 करोड़ का भुगतान कन्यादान योजना के अंतर्गत कर दिया गया। इसकी जांच कराई जाए। इसके जवाब में श्रम मंत्री बृजेंद्र प्रताप सिंह ने सदन को बताया कि एक अप्रेल 2019 से अब तक भवन एवं संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल में पंजीकृत निर्माण श्रमिकों की पुत्री के विवाह के लिए जनपद पंचायत सिरोंज में 5976 हितग्राहियों को 30.40 करोड़ रुपए दिए गए हैं। नगर पालिका परिषद सिरोंज में 8 हितग्राहियों को 408000 रुपए, नगर परिषद लटेरी में 15 हितग्राहियों को राशि रुपए 765000 रुपए की विवाह सहायता राशि स्वीकृत की गई है। मुख्यमंत्री जन कल्याण संबल योजना के श्रमिकों के आश्रितों के जनपद पंचायत सिंरोज अन्तर्गत 354 प्रकरण एवं जनपद पंचायत लटेरी अन्तर्गत 147 प्रकरण स्वीकृत हुए हैं। इस जवाब से असंतुष्ट विधायक का कहना था कि सीएम कन्यादान योजना में भ्रष्टाचार हुआ है। एक साल में शासन कार्यवाही क्यों नहीं कर सका? विधायक शर्मा ने कहा कि सीईओ स्टे लेकर जमा हुआ है और ध्यानाकर्षण भी लगा चुके हैं। यहां रिश्वत लेकर काम कराए जाते हैं। इसलिए सीईओ को सस्पेंड किया जाए और कार्यवाही हो। अध्यक्ष गौतम ने मंत्री से कहा कि विधायक निलंबन की मांग कर रहे हैं। इस पर मंत्री सिंह ने कहा कि यह पंचायत मंत्री का विशेषाधिकार है। इस पर उनसे चर्चा कर लेंगे।
साधो से मंत्री राजपूत की बहस, हंगामे के हालात बने
प्रश्नकाल के दौरान राजस्व मंत्री गोविन्द सिंह राजपूत और विधायक विजय लक्ष्मी साधो के बीच किसानों को मुआवजा दिए जाने में देरी पर सवाल जवाब के दौरान बहस की स्थिति बनी और हंगामे के हालात बने जिसे अध्यक्ष ने रोकने का काम किया। प्रश्नकाल में विधायक साधो ने अतिवृष्ट से हुई क्षति से हुए नुकसान और राहत के बारे में जानकारी चाही। साधो ने कहा कि सरकार की गलती के कारण किसान आत्महत्या के मजबूर है। इन्हें मुआवजा राशि कब तक वितरित की जाएगी।  मंत्री राजपूत ने जानकारी देने के साथ कहा कि जैसे पूछोगे वैसे उत्तर देने को तैयार हैं। साधो ने इस पर कहा कि कैसा व्यवहार है? मंत्री ने बताया कि बड़वारा तहसील में 38.18 करोड़ का वितरण हो चुका है। 764 और 421 करोड़ रुपए सरकार ने बांटे हैं। हमने पुराना 39 करोड़ रुपए बांटा। इस पर साधो ने कहा कि यह असत्य जानकारी है। यह कमलनाथ सरकार में बंटा था। विधायक सज्जन सिंह वर्मा ने कहा कि मंत्री तैयारी करके नहीं आए। इसके बाद बहस की स्थिति बनने लगी जिस पर संसदीय कार्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने हस्तक्षेप करते हुए कहा कि अतिशीघ्र बांटेंगे लेकिन समय सीमा बताना संभव नहीं है। साधो ने कहा कि दो साल से बेमौसम बारिश से किसानों का नुकसान हो रहा है। किसान परेशान हैं। इस पर मंत्री नरोत्तम ने किसान कर्जमाफी का मसला उठाया और कहा कि कांग्रेस के शासन में भुगतान नहीं हुआ। इससे हंगामे के हालात बनने लगे जिसे रोकने के लिए विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि संसदीय मंत्री ने कहा है कि अतिशीघ्र भुगतान कर देंगे।

कोई टिप्पणी नहीं