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अब गेंहू उपार्जन के लिए किसान अपने आधार कार्ड अपडेट करवा लें, नहीं तो हो जायेंगे परेशान

अब गेंहू उपार्जन के लिए किसान अपने आधार कार्ड अपडेट करवा लें, नहीं तो हो जायेंगे परेशान

किसान घर पर बैठे कर सकेंगे फसल विक्रय पंजीयन, 5 फरवरी से शुरू होगा पंजीयन कार्य

अब नहीं आएंगे एसएमएस, कृषक स्लॉट बुक कर बेच सकेंगे अपनी उपज 

लोकमतचक्र.कॉम।


भोपाल : राज्य सरकार ने गेहूं उपार्जन में होने वाले फर्जीवाडे रोकने सहित किसानों के लिए गेंहू खरीदी व्यवस्था को सहज और सुगम बनाने उपार्जन नीति में बड़ा फेरबदल किया है। रबी विपणन वर्ष 2022-23 की जारी नीति के अनुसार, इस बार किसानों को गेंहू खरीदी के लिए किसी भी तरीके से एसएमएस नहीं भेजा जाएगा, ना ही उनकी खरीदी गई फसले के भुगतान के लिए बैंक खाता नंबर व आईएफएससी नंबर मांगा जाएगा। इतना ही नहीं किसान घर बैठे ही पंजीयन कर सकेंगे। पंजीयन के लिए तैयार अन्य सेंटर भी तय किए गए हैं। 

● इस तरह होगा पंजीयन

किसान पंजीयन की इस बार दो व्यवस्थाएं की गई हैं। एक तो निः शुल्क,  दूसरा स-शुल्क किसान मोबाइल व कम्प्यूटर से निर्धारित लिंक पर जाकर घर बैठे पंजीयन कर सकेंगा। साथ ही समितियों द्वारा संचालित पंजीयन केंद्र में पंजीयन होंगे। दोनों जगह शुल्क नहीं देना होगा। इसके अलावा वह 50 रूपए शुल्क देकर कियोस्क सेंटर, कॉमन सर्विस सेंटर, लोक सेवा केंद्र व साइबर कैफे में पंजीयन करवा सकेंगे। सिकमी किसानां का पंजीयन सिर्फ सहकारी समितियों में होगा। इनका शत्-प्रतिशत सत्यापन राजस्व विभाग करेगा। 

फसल बेचने से पहले होगा आधार वैरिफिकेशन-पंजीयन कराने व फसल बेचने के लिए आधार नंबर का सत्यापन अनिवार्य होगा। यह आधार नंबर से लिंक मोबाईल नंबर पर ओटीपी से या बायोमैट्रिक डिवाइस से किया जा सकेगा।

● बदल गई है उपार्जन की प्रक्रिया

अब तक किसानों को खरीदी के एसएमएस आते थे। एसएमएस में मिली तिथि के अनुसार ही किसान फसल बेच सकता था। इस बार एसएमएस की अनिवार्यता समाप्त कर दी गई है। फसल बेचने के लिए अब किसान निर्धारित पोर्टल से नजदीक के उपार्जन केंद्र, तिथि टाइम स्लॉट का चयन खुद कर सकेंगे। इसका चयन नियत तिथि के पहले करना होगा। सामान्य तौर पर उपार्जन प्रारंभ होने की तिथि के एक सप्ताह पहले तक उपार्जन केंद्र, तिथि व टाइम स्लॉट का चयन किया जा सकेगा।

● यह भी होगा महत्वपूर्ण

किसान का पंजीयन केवल उसी स्थिति में हो सकेगा जब   भू-अभिलेख में दर्ज खाते व खसरे मेंं दर्ज नाम का मिलान आधार कार्ड में दर्ज नाम से होगा।

आधार कार्ड से ले लिया जाएगा लिंक खाता नंबर

किसान को अब तक फसल के भुगतान के लिए बैंक खाता नंबर व आईएफएससी कोड देना पड़ता था, त्रुटि होने पर भुगतान असफल हो जाता था, लेकिन अब व्यवस्था में बदलाव कर बैंक खाता नंबर व आईएफएससी कोड आधार नंबर से लिंक खाता नंबर ही लिया जाएगा। इसके लिए उन्हें अपने आधार नंबर से बैंक खाता नंबर व मोबाईल नंबर लिंक करवा कर अपडेट रखना होगा।

भू- अभिलेख व आधार कार्ड में दर्ज नाम में विसंगति होने पर पंजीयन का सत्यापन तहसील कार्यालय से कराया जाएगा। किसान उपार्जन केंद्र पर जाकर फसल बेचने के लिए अपने परिवार के किसी सदस्य को नामित व्यक्ति का भी आधार वैरीफिकेशन कराया जाएगा। 

● कब से कब तक होगा पंजीयन

पंजीयन 5 फरवरी से 5 मार्च तक होंगे। उपार्जन केंद्र, तिथि व टाइम स्लॉट का चयन 7 से 20 मार्च तक किया जा सकेगा। उपार्जन अवधि संभावित 25 मार्च से 15 मई तक अभी तय की गई है।

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