फिर होगा पंचायतों का परिसीमन, ग्राम, जनपद और जिला पंचायत के परिसीमन की तय हुई समय सीमा
भोपाल : राज्य शासन ने त्रिस्तरीय पंचायतों के परिसीमन को लेकर नए निर्देश जारी किए हैं। इन निर्देशों में कहा गया है कि कोरोना की तीसरी लहर का संक्रमण तेजी से बढ़ा है। इसके कारण बड़ी संख्या में ग्रामीण जन पंचायतों के परिसीमन के प्रारंभिक प्रकाशन में अपनी आपत्तियां प्रस्तुत करने, दावे करने और सुझाव देने से वंचित रहे हैं। इसके लिए अब शासन द्वारा संशोधित समय सारणी फिर से जारी की जा रही है।
पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने सभी कलेक्टरों से कहा है कि प्रारंभिक प्रकाशन 17 जनवरी को हो चुका है। इसके बाद नगरीय निकाय में सम्मिलित या सिंचाई परियोजना से डूब में आ गए ग्राम पंचायतों, ग्रामों, पिछले परिसीमन में छूटे ग्रामों, ऐसी पंचायत जो किसी क्षेत्र में सम्मिलित नहीं है, उनको लेकर प्रारंभिक प्रकाशन पर दावे, आपत्ति और सुझाव प्रस्तुत करने की अंतिम तिथि 11 फरवरी तय की गई है। इसका निराकरण 17 फरवरी तक किया जाएगा। इसके बाद पंचायत के पुनर्गठन या अन्य कार्यवाही के लिए 21 फरवरी तक का समय तय किया गया है। शासन के आदेश में कहा गया है कि ग्राम पंचायत के वार्ड का निर्धारण तथा उनका प्रारंभिक प्रकाशन 2 मार्च को होगा। प्रभावित ग्राम पंचायत के वार्डों के प्रारंभिक प्रकाशन पर दावे आपत्ति एवं सुझाव 9 मार्च तक लिए जाएंगे। इसका निराकरण 14 मार्च तक किया जाएगा। इसके बाद 16 मार्च को निराकरण के आधार पर अधिसूचना का प्रकाशन किया जाएगा।
पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के प्रमुख सचिव उमाकांत उमराव द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि जनपद पंचायत और जिला पंचायत के निर्वाचन क्षेत्रों का निर्धारण और उनके क्षेत्र आदि का प्रारंभिक प्रकाशन 22 फरवरी को होगा। जनपद एवं जिला पंचायत के निर्वाचन क्षेत्रों के प्रारंभिक प्रकाशन पर दावे, आपत्ति एवं सुझाव प्रस्तुत करने की अंतिम तिथि 2 मार्च होगी और इसका निराकरण 7 मार्च तक किया जाएगा। सभी कलेक्टरों से कहा गया है कि प्रभावित जनपद पंचायत, जिला पंचायत के निर्वाचन क्षेत्रों के प्रारंभिक प्रकाशन पर प्राप्त सुझाव एवं आपत्तियों का निराकरण एवं सूचना का प्रकाशन 10 मार्च को होगा। इससे संबंधित संपूर्ण जानकारी 16 मार्च तक संचालक, पंचायत राज संचनालय को भेजनी होगी। संचालक पंचायत राज शासन को यह जानकारी 21 मार्च तक तक प्रेषित करेंगे।
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