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पुलिस कमिश्नर सिस्टम : नहीं घटे SDM, तहसीलदार के पॉवर, ये अब भी कार्यपालिक मजिस्ट्रेट

पुलिस कमिश्नर सिस्टम : नहीं घटे SDM, तहसीलदार के पॉवर, ये अब भी कार्यपालिक मजिस्ट्रेट

लोकमतचक्र.कॉम।
भोपाल और इंदौर में पुलिस कमिश्नर सिस्टम लागू होने के बाद पुलिस तथा कलेक्टर (आईएएस), राज्य प्रशासनिक सेवा (एसडीएम) व कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा (तहसीलदार) के अफसरों के बीच अधिकारों को लेकर विवाद का कुहासा अब छंटने लगा है। पुलिस कमिश्नर सिस्टम पर काम शुरू होने के बाद यह साफ हो गया है कि एसडीएम और तहसीलदार के पॉवर छीने नहीं गए हैं बल्कि पुलिस को इन शहरों में विशेष पॉवर दिए गए हैं। कलेक्टर, एसडीएम और तहसीलदार इन शहरों में अभी भी कार्यपालिक मजिस्ट्रेट के रूप में काम कर रहे हैं।


दोनों ही शहरों में पुलिस कमिश्नर सिस्टम शुरू होने के 25 दिन बाद अब जबकि अधिकारों के उपयोग को लेकर स्थिति साफ हो गई है तो यह बात सामने आई है कि राज्य सरकार ने पुलिस कमिश्नर सिस्टम भले ही लागू कर दिया है लेकिन एसडीएम, तहसीलदार और नायब तहसीलदार के पॉवर कट नहीं हुए हैं। अगर पुलिस किसी मामले में इस्तागासा लेकर इनकी कोर्ट में जाएगी तो ये अधिकारी पूर्व की भांति 107, 116, 144 समेत अन्य धाराओं के अधिकार का उपयोग कर आदेश जारी करेंगे। इतना ही नहीं जरूरत होने पर स्वप्रेरणा से ऐसे मामलों में कार्यवाही ये अफसर कर सकते हैं। पुलिस के इन रुटीन कामों को अब सीधे पुलिस को करने के लिए अधिकृत किया गया है। इससे एसडीएम, तहसीलदार के काम में राहत ही मिली है। 

पदेन कार्यपालिक मजिस्ट्रेट हैं एसडीएम, तहसीलदार

राजस्व अफसरों के मुताबिक अधिकारों का बदलाव होने के बाद भी कलेक्टर, एसडीएम और तहसीलदार पदेन कार्यपालिक मजिस्ट्रेट के रूप में काम कर रहे हैं। पुलिस को उनसे संबंधित कामों के लिए विशेष कार्यपालिक मजिस्ट्रेट का दर्जा दिया गया है। इसी कारण जब पुलिस कमिश्नर सिस्टम लागू करने को लेकर राज्य प्रशासनिक सेवा और कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा के अफसरों को धाराओं के अधिकार क्षेत्र की जानकारी दी गई तो इसका ज्यादा विरोध नहीं किया गया। अफसरों का कहना है कि पुलिस के जो काम सीधे पुलिस से जुड़े हैं, उसमें उन्हें अधिकार दिए गए हैं।

अभी भी इन धाराओं के अधिकार कार्यपालिक मजिस्ट्रेट के पास

कलेक्टरों को पुलिस व्यवस्था से हटकर दूसरे मामलों में धारा 144 के उपयोग का अधिकार अभी भी है। इसी के चलते पिछले दिनों दोनों जिलों के कलेक्टरों ने कोरोना के केस बढ़ने पर धारा 144 का उपयोग कर आदेश जारी किए थे। इसके अलावा भूमि संबंधी विवाद में उपयोग की जाने वाली धारा 145 और लोक शांति भंग होने संबंधी धारा 133 के अधिकार भी इन्हीं अफसरों के पास हैं। सुसाइड के मामले मे हुई मौतों जिसमें अपराध शामिल नहीं है, उसमें खात्मा लगाने या लाश उखड़वाने संबंधी अधिकार भी पुलिस के पास नहीं हैं बल्कि एसडीएम, तहसीलदार को ही इसके अधिकार हैं। मुल्जिमों की शिनाख्ती संबंधी अधिकार, आर्म्स लाइसेंस, मृत्यु पूर्व दिए जाने वाले मरणासन्न बयान भी पूर्व की भांति कलेक्टर, एसडीएम, तहसीलदार के पास ही हैं।

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