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SDM और पटवारी की बर्खास्तगी की मांग को लेकर गणतंत्र दिवस पर आदिवासियों ने निकाली पदयात्रा

SDM और पटवारी की बर्खास्तगी की मांग को लेकर गणतंत्र दिवस पर आदिवासियों ने निकाली पदयात्रा

शासन ने दिया के 6 माह तक अधिग्रहण नहीं करने का मौखिक आश्वासन

लोकमतचक्र.कॉम।

सिंगरौली : जिले के ग्राम डाला में आज गणतंत्र दिवस पर SDM और पटवारी की बर्खास्तगी की मांग को लेकर आदिवासियों ने पदयात्रा निकाली। आदिवासियों द्वारा वन विभाग द्वारा जबरदस्ती आठ गांव की भूमि अधिग्रहण किए जाने के खिलाफ तथा मीडियाकर्मी की पिटाई करने वाले एसडीएम और पटवारी की बर्खास्तगी की मांग को लेकर किसान संघर्ष समिति के जिला अध्यक्ष एड अशोकसिंह पैगाम, प्रदेश सचिव निसार आलम अंसारी, अमयलालसिंह, गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के दलप्रतापसिंह के नेतृत्व में पदयात्रा निकाली गई। 


जिलाध्यक्ष एडवोकेट अशोकसिंह पैगाम ने कहा कि प्रशासन द्वारा यह वायदा किया गया है कि 6 माह तक अधिग्रहण की प्रक्रिया को आगे नहीं बढ़ाया जाएगा, परंतु मीडियाकर्मी को पीटने वाले एसडीएम और पटवारी को अब तक बर्खास्त नहीं किया गया है इस कारण डाला से चितरंगी तक पदयात्रा निकाली गई है। जहां प्रशासन को ज्ञापन सौंपा गया।

यात्रा शुरु होने के पूर्व डॉ सुनीलम ने 73 वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर झंडा वंदन करने के बाद सभा को संबोधित करते हुए कहा कि भारत के संविधान को अंगीकृत किए जाने के 72 वर्ष होने के बावजूद आज तक भारत के संविधान की प्रति हर नागरिक तक नहीं पहुंची है अर्थात देश के नागरिकों को अधिकारों एवं कर्तव्यों की जानकारी नहीं दी गई है। सरकारों ने नागरिकों के संवैधानिक अधिकारों को सुनिश्चित करने की बजाय, नागरिक अधिकारों का लगातार उल्लंघन इस हद तक किया है कि नागरिकों को मूलभूत आवश्यकताएं तक अभी भी उपलब्ध नहीं हुई हैं। देश में जल, जंगल, जमीन की लड़ाई लड़ने वाले आदिवासियों को माओवादी बतलाकर फर्जी मुकदमें लगाए जाते हैं तथा कंपनियों को पेसा कानून लागू होने के बावजूद बगैर ग्राम सभाओं की सहमति के जमीनें सौंपी जा रही है। उन्होंने कहा कि सिंगरौली जिले में बड़ा पेसा का क्षेत्र है लेकिन बिना ग्राम सभा की अनुमति से प्रोजेक्ट लगाए जा रहे हैं और जन आंदोलनों को कुचला जा रहा है।

पदयात्रा को डॉ सुनीलम द्वारा हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया। पदयात्रा में रीवा संभाग के संयोजक इंद्रजीत सिंह, अखिल भारतीय किसान सभा के रामजीतसिंह, अखिल भारतीय क्रांतिकारी किसान सभा के राममणि प्रसाद मिश्रा एवम गोंडवाना सेना के कार्यकर्ता शामिल हुए।

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