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जैन धर्मावलंबियों ने निर्वाण लाडू चढ़कर मनाया महावीर स्वामी का मोक्ष कल्याणक

जैन धर्मावलंबियों ने निर्वाण लाडू चढ़कर मनाया महावीर स्वामी का मोक्ष कल्याणक


लोकमतचक्र डॉट कॉम।

खिरकिया (सुनील जैन)। दिगंबर जैन समाज ने आज कार्तिक कृष्ण अमावस्या की आल्हादप्रद प्रभात बेला में मंगलवार को चौबीसवें तीर्थंकर भगवान महावीर स्वामी का 2549वां निर्वाणोत्सव मनाया। इस अवसर पर कॉलेज रोड स्थित दिगम्बर जैन मंदिर में भगवान महावीर को निर्वाण लाडू चढ़ाए गए। मंदिर में अष्ट द्रव्यों से पूजन और निर्वाण कांड का पाठ हुआ। इसके साथ ही मोक्षकल्याणक अर्घ्य अर्पण किया गया। सुबह से ही जिनालय में दर्शन-पूजन के लिए समाजजनों की कतार लगने लगी थी। इस दौरान समाज के विद्वान अभिषेक जैन जिम्मी ने भगवान महावीर के सिद्धांतों के बारे में बताया कि हमें जीवन को सार्थक करने के लिए भगवान महावीर के सिद्धांतों को जीवन में अपनाना चाहिए। उन्होंने बताया कि रात के भोजन का त्याग जैनियों की पहचान है। इस मौके पर कई श्रद्धालुओं ने दीपावली पर्व की शुभकामनाएं दी।

उल्लेखनीय है कि भगवान महावीर जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर होकर अंतिम तीर्थंकर हैं। महावीर स्वामी ने कार्तिक कृष्ण अमावस्या के दिन ही स्वाति नक्षत्र में निर्वाण प्राप्त किया था। जैन धर्म में धन-यश तथा वैभव लक्ष्मी के बजाय वैराग्य लक्ष्मी प्राप्ति पर बल दिया गया है। प्रतिवर्ष दीपावली के दिन जैन धर्म में दीपमालिका सजाकर भगवान महावीर का निर्वाणोत्सव मनाया जाता है। कार्तिक मास की अमावस्या के दिन पावापुरी में सुबह स्वाति नक्षत्र के दौरान महावीर स्वामी अपने सांसारिक जीवन से मुक्त होकर मोक्षधाम को प्राप्त हो गए थे। उस समय इन्द्रादि देवों ने आकर भगवान महावीर के शरीर की पूजा की और पूरी पावापूरी नगरी को दीपकों से सजाकर प्रकाशयुक्त कर दिया। 


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