Breaking News

रिश्वत नहीं मिलने पर नामांतरण खारिज करने ओर जनप्रतिनिधियों से अभद्रता के आरोप में तहसीलदार सस्पेंड, वायरल आडियो पर हुई कार्यवाही

रिश्वत नहीं मिलने पर नामांतरण खारिज करने ओर जनप्रतिनिधियों से अभद्रता के आरोप में तहसीलदार सस्पेंड, वायरल आडियो पर हुई कार्यवाही

लोकमतचक्र डॉट कॉम।

भोपाल/मंदसौर। रिश्वत नहीं मिलने पर नामांतरण खारिज करने के वायरल हुए आडियो एवं प्रशासनिक कार्य में भारी लापरवाही कर जनप्रतिनिधियों से अभद्रता के आरोप में मल्हारगढ़ तहसीलदार प्रेम शंकर पटेल को उज्जैन कमिश्नर ने निलंबित कर दिया है। तहसीलदार प्रेम शंकर पटेल एक तरफ जमीन के नामांतरण के बदले दलालों और पटवारियों के जरिए लाखों रुपए की मांग कर रहे थे, तो वहीं दूसरी तरफ दुष्कर्म के आरोपी के खिलाफ बुलडोजर चलाने की कार्रवाई के दौरान भी वह प्रशासनिक कार्रवाई करने के बजाय जनप्रतिनिधियों से अभद्र व्यवहार करते नजर आए, जिसके बाद तहसीलदार को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।


ऑडियो, वीडियो वायरल : इन मामलों की ऑडियो और वीडियो सोशल मीडिया में वायरल होने के बाद शिकायतकर्ता ने सबूतों के समेत कमिश्नर उज्जैन और कैबिनेट मंत्री जगदीश देवड़ा को शिकायत कर दी। जांच के बाद कमिश्नर संदीप यादव ने शुक्रवार की देर शाम तहसीलदार को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। बताया जा रहा है कि, गुरुवार के दिन मल्हारगढ़ तहसील के पिपलिया मंडी में नाबालिक लड़की के साथ हुए दुष्कर्म के मामले में धार्मिक संगठनों के आक्रोश के बाद आरोपी आसिफ खां के मकान पर बुलडोजर कार्रवाई करने की लोगों ने मांग की थी‌। इस मामले में तहसीलदार प्रेम शंकर पटेल ने पिपलिया मंडी नगर पंचायत अध्यक्ष इंदिरा देवरिया के पति सुनील देवरिया को पत्नी के जरिए कार्रवाई करवाने के आदेश दिए थे। जबकि नियम के मुताबिक बुलडोजर कार्रवाई के आदेश तहसीलदार को जारी करने थे।

नामांतरण के बदले रिश्वत की मांग: बातचीत के दौरान दोनों के बीच काफी विवाद हो गया और तहसीलदार, नगर पंचायत अध्यक्ष के पति पर भड़कते हुए साफ नजर आए. यह वीडियो दोपहर बाद सोशल मीडिया पर वायरल होगया. इसके पहले एक दूसरे मामले में तहसील मल्हारगढ़ क्षेत्र के ग्राम पिपलिया पंथ की एक बेशकीमती जमीन के नामांतरण के बदले भी पटवारी दिग्विजय सिंह और एक दलाल के बीच हुई मोटी रिश्वत की मांग के बाद रकम अदा ना करने से नामांतरण खारिज कर देने के प्रकरण में भी शुक्रवार के दिन एक ऑडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था।

कमिश्नर उज्जैन द्वारा जारी आदेश में कहा गया कि कलेक्टर मंदसौर द्वारा जारी अर्ध शासकीय पत्र से प्रतिवेदित किया गया है कि मेरे पर दूरभाष पर एक विडियो एवं अडियो प्रेषित किया गया है । जिसे भेजने वाले ने नगर परिषद पिपलिया मंडी अध्यक्ष प्रतिनिधि बताया। विडियो में मल्हारगढ़ तहसीलदार श्री पटेल किसी व्यक्ति से नाराजगी भरे स्वर में बात करते हुए दिखाई दिये। आडियो में किसी नामान्तरण प्रकरण को लेकर रिश्वत लेनदेन का प्रतीत हुआ। सुनने के बाद मेरे द्वारा संबंधित से चर्चा की गई जिसमे उसने स्वयं का नाम मुकेश सोनी ओर पटवारी तहसील मल्हारगढ़, एक दलाल के मध्य होना बताया गया। जिसमें नामांतरण प्रकरण में लेनदेन की तथा रिश्वत की राशि में दिए जाने पर नामान्तरण प्रकरण मल्हारगढ़ तहसीलदार प्रेमशंकर पटेल द्वारा निरस्त किया जाना बताया गया।

ऑडियो की गंभीरता को दृष्टिगत रखते हुए तत्समय ही अपर जिला दण्डाधिकारी मन्दसौर को अगले दिन प्रति: मल्हारगढ़ प्रस्थान करने तथा मामले की सत्यता से जांच हेतु आदेशित किया गया। अपर जिलाधिकारी तथा स्थानीय अनुविभागीय अधिकारी राजस्व द्वारा प्रस्तुत जांच प्रतिवेदन में रिश्वत की लेनदेन के संबध में चर्चा शिकायतकर्ता द्वारा नामान्तरण प्रकरण में तहसीलदार द्वारा अंकित तारिखों तथा स्थानीय पटवारी की संलग्नता प्रमाणित होती है। प्रेमशंकर पटेल, तहसीलदार की कार्य प्रणाली राजस्व प्रशासन की छवि को धूमिल करते हुए शर्मनाक एवं गंभीर अनियमितता की प्रतीत होती है।

आदेश में आगे लिखा गया कि प्रेमशंकर पटेल, तहसीलदार का उक्त कृत्य म०प्र० सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 के नियम 3(1) (एक) (दो) (तीन) के विपरीत होकर कदाचरण की श्रेणी में आने के कारण प्रेमशंकर पटेल, तहसीलदार तहसील मल्हारगढ़ जिला मंदसौर को गंभीर कृत्य के लिये सिविल सेवा आचरण नियम एवं अपील) नियम 1966 के नियम (1)(क) के अंतर्गत निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाता है।

कोई टिप्पणी नहीं