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आदरणीय 8 माह का समय है अभी विचार कर लीजिए, प्रदेश का पटवारी परेशान हो चुका है सरकार की नीतियों से : जैन

आदरणीय 8 माह का समय है अभी विचार कर लीजिए, प्रदेश का पटवारी परेशान हो चुका है सरकार की नीतियों से : जैन

मध्यप्रदेश राज्य कर्मचारी कल्याण समिति अध्यक्ष रमेशचन्द शर्मा से पटवारी संघ की दो टूक चर्चा 



आखिरी क्यों हैं पटवारी सरकार से नाराज ...? जानने के लिए पढ़े...

लोकमत चक्र डॉट कॉम।

हरदा । जिला मुख्यालय पर सर्किट हाउस में पधारे मध्य प्रदेश राज्य कर्मचारी कल्याण समिति के अध्यक्ष रमेशचन्द शर्मा (राज्यमंत्री दर्जा) से मध्यप्रदेश पटवारी संघ के उपप्रांताध्यक्ष राजीव जैन भेंट के दौरान चर्चा करते हुए कहा की प्रदेश का पटवारी आप की (सरकार की) नीतियों से परेशान हो चुका है। विगत 22 वर्षों से अपने वेतनमान की मांग को लेकर आप से गुहार लगा रहा है किंतु ऐसी कौन सी मजबूरी है जो सरकार प्रदेश के पटवारियों की जायज मांगों को स्वीकार तो करती है पर उसका निराकरण नहीं करती है। 

श्री जैन ने कहा कि अभी भी 8 माह का समय है विचार कर लीजिए प्रदेश का पटवारी अपना मानस बना चुका है।  इस पर श्री शर्मा ने वेतन के लिए आयोग के निर्णय होने पर ही विचार किए जाने का कहा तो पटवारी संघ के श्री जैन ने कहा कि मंत्रियों और विधायकों के वेतन भत्तों के बढ़ाने के समय तो कोई आयोग की बात नहीं होती किंतु केवल पटवारियों के साथ यह दुर्व्यवहार क्यों??? इस पर निरूत्तर होते हुए श्री शर्मा ने सरकार का ध्यान इस ओर दिलाने का आश्वासन दिया।

इस अवसर पर जिले के समस्त कर्मचारी संघ के प्रतिनिधि उपस्थित थे। श्री शर्मा का म प्र राज्य कर्मचारी संघ द्वारा स्वागत किया गया। स्वागत करने वालो में प्रदेश उपाध्यक्ष प्रदीप रिछारिया, भारतीय मजदुर संघ जिला अध्यक्ष जितेंद्र सोनी, संभागीय सचिव गुलाब सिंह राजपूत, प्रदेश प्रतिनिधि जी आर गौर, संजयजैन , जिला अध्यक्ष महेश तिवारी, जिला सचिव अतुल शुक्ला, जिला कोषाध्यक्ष संतोष गौर, जिला उपाध्यक्ष गीतप्रसाद विष्वकर्मा, ब्लॉक् अध्यक्ष जगदीश टेमले, पी सी पोर्ते, उमेश चौहान, तहसील अध्यक्ष आर डी बरकड़े, सुधीर सांगोले,अशोक शुक्ला, हरवेरेन्द्र रामकुचे, महेश मीणा,पवन विरहा, राहुल परसाई, जयनारायण कलम, मुकेश धामन्दे, अर्चना गौर, सीमा सोनी आदि उपस्थित थे। इस अवसर राजपत्रित कर्मचारी संघ , तहसीलदार संघ, पटवारी संघ, लिपिक कर्मचारी संघ, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता संघ, आजाक्स संघ, आजाद अध्यापक संघ आदि के प्रतिनिधि उपस्थित थे।

आखिरी क्यों हैं पटवारी सरकार से नाराज ...?

प्रदेश का पटवारी वेतन विसंगति दूर करने की विगत 22 वर्षों से  मांग कर रहे है, पटवारियों का कहना है कि हमारी वेतन वृद्धि की मांग नहीं है, हमारी मांग वेतन विसंगति दूर करने की है। पटवारियों का कहना है कि जिसकी प्रकार है वर्षों पहले पटवारी का पे ग्रेड 2100, राजस्व निरीक्षक का पे ग्रेड 2400, नायब तहसीलदार का पे ग्रेड 2800 ओर तहसीलदार का पे ग्रेड 3200 था परंतु जिसे वर्तमान में संशोधन किया वह इस प्रकार है पटवारी को 2100, राजस्व निरीक्षक को 2800, नायब तहसीलदार को 3600, तहसीलदार को 4200 का ग्रेड पे दिया गया। ऐसी स्थिति में प्रदेश का पटवारी 2100 ग्रेट पर ही अपने आंसू बहा रहा है। पटवारी विगत 22 वर्षों से संघर्ष कर रहा है। शासन यह देखें कि जब सबके ग्रेड पे में बढ़ोतरी की गई है तो पटवारी के ग्रेडपे  में बढ़ोतरी क्यों नहीं की गई । जबकि पटवारी 52 विभागों का काम करता है 24 घंटे कार्य करता है चाहे रात हो या दिन, जब भी शासन प्रशासन को जरूरत लगती है पटवारी अपने कर्तव्यों पर उपस्थित होकर अपना समर्पण देता है।  शासन की योजनाओं को धरातल पर अमली पजामा पहनाता है और प्रशासन के सभी कार्यों में अपना 100% देता है, फिर भी बड़ा दुर्भाग्य है की पटवारी कि ओर किसी का ध्यान नहीं जाता है।

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