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अब गांव में भवन निर्माण के लिए लेना होगी ग्राम पंचायत की अनुमति

अब गांव में भवन निर्माण के लिए लेना होगी ग्राम पंचायत की अनुमति

इन नियमों के उल्लंघन पर छह माह के कारावास या दो हजार रुपये के जुर्माने से होना पड़ेगा दण्डित

लोकमतचक्र डॉट कॉम। 

भोपाल । राज्य सरकार ने मंगलवार को पंचायत विभाग के माध्यम से नया प्रावधान जारी किया है जिसमें कोई भी व्यक्ति ग्राम पंचायत की लिखित मंजूरी प्राप्त किये बिना गांव में किसी भवन का निर्माण या पुनः निर्माण नहीं कर पायेगा। इसके लिये मप्र ग्राम पंचायत भवनों के परिनिर्माण तथा विस्तार पर नियंत्रण नियम जारी किये गये हैं जो आगामी 17 मार्च 2023 के बाद पूरे प्रदेश में प्रभावशील कर दिये जायेंगे। इन नियमों के उल्लंघन पर छह माह के कारावास या दो हजार रुपये के जुर्माने से दण्डित करने का प्रावधान किया गया है।


नये नियमों में कहा गया है कि मिट्टी की दीवार या मिट्टी के गारे तथा स्थानीय सामग्री से आवासीय प्रयोजन हेतु 125 वर्गमीटर से कम के निर्मित क्षेत्र वाले मकान की दशा में भवन अधिकारी से आवेदन का परीक्षण कराये जाने की जरुरत नहीं होगी। साथ ही यदि भवन निर्माण के लिये निर्धारित फीस के साथ आवेदन किया जाता है और उस पर ग्राम पंचायत 30 दिनों के अंदर कोई निर्णय सूचित नहीं करती है, तो भवन निर्माण की डीम्ड स्वीकृति मानी जायेगी। उद्योग के लिये गांव में आवंटित अधिसूचित भूमि पर भवन निर्माण करने हेतु भवन अधिकारी राज्य सरकार द्वारा नियुक्त कोई प्राधिकारी होगा।

टीएंडसीपी द्वारा घोषित निवेश क्षेत्र वाली ग्राम पंचायत में भवन अधिकारी टीएण्डसीपी का सहायक संचालक होगा जबकि गैर निवेश क्षेत्र वाली ग्राम पंचायत में दो मंजिला भवन बनाने हेतु तथा गैर अधिसूचित क्षेत्र वाली ग्राम पंचायत में दो से अधिक मंजिल के भवन बनाने के लिये भवन अधिकारी ग्रामीण यांत्रिकी सेवा का उपयंत्री होगा। गांवों में बहुमंजिला भवन बनाने की अनुमति जिला समिति द्वारा दी जायेगी। उक्त सभी भवन निर्माणों के लिये ग्राम पंचायत ही भवन अधिकारियों को आवेदन पर विचार करने के लिये कहेगी। नये नियमों में कहा गया है। कि भवन निर्माण की स्वीकृति एक साल तक वैध रहेगी। केंद्र या राज्य सरकार को सड़कों, नालियों आदि के निर्माण पर कोई अनुमति नहीं लेना होगी परन्तु खुदाई की सूचना ग्राम पंचायत को देनी होगी और खोदी गई भूमि को री-स्टोर करने के लिये राशि भी ग्राम पंचायत को अदा करना होगी। कृषि भूमि तक पहुंचने के मार्ग के निर्माण के लिये भी अनुमति की जरुरत नहीं होगी। अस्वस्थकर स्थल, सार्वजनिक प्रयोजनों वाली आरक्षित भूमि एवं नदी की बाढ़ आदि से प्रभावित भूमि पर भवन निर्माण की अनुमति नहीं दी जायेगी। गांवों में झोपड़ियां भी बिना ग्राम पंचायत को सूचना दिये नहीं बनाई जा सकेंगी तथा झोपड़िया इस प्रकार बनेंगी जिनके बीच खाली जगह हो ।

यह रहेगी भवन निर्माण स्वीकृति की फीस

75 वर्ग मीटर तक 200 रुपये, 76 से 125 वर्गमीटर तक 350 रुपये, 126 से 200 वर्गमीटर तक 600 रुपये, 201 से 300 वर्गमीटर तक 900 रुपये, 301 से 400 वर्गमीटर तक 1200 रुपये, 401 से 600 वर्गमीटर तक 2 हजार रुपये, 601 से 750 वर्गमीटर तक ढाई हजार रुपये, 751 से 1 हजार वर्गमीटर तक 3500 रुपये, 1001 से 1250 वर्गमीटर तक 5 हजार रुपये, 1251 से 1500 वर्गमीटर तक 7 हजार रुपये, 1501 से 2 हजार वर्गमीटर तक दस हजार रुपये, 2001 से ढरई हजार वर्गमीटर तक 15 हजार रुपये एवं ढाई हजार से अधिक वर्गमीटर हेतु 25 हजार रुपये फीस होगी । व्यवसायिक या उद्योग के निर्माण पर उक्त फीसों का 50 प्रतिशत अधिक लगेगा एवं ढाई हजार वर्गमीटर से अधिक के निर्माण पर 40 हजार रुपये फीस होगी। सिनेमा थियेटर हेतु भवन निर्माण में 800 की बैठक क्षमता तक 15 हजार रुपये एवं 800 से ज्यादा बैठक क्षमता हेतु 25 हजार रुपये फीस होगी। सामाजिक, धर्मार्थ सांस्कृतिक, शैक्षणिक, धर्मशाला निर्माण पर फीस 50 प्रतिशत कम लगेगी। बहुमंजिले भवन के निर्माण हेतु फीस 10 रुपये प्रति वर्गमीटर तल क्षेत्र होगी।

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