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विकास यात्रा में नायब तहसीलदार का ग्रामीण ने किया विरोध, बैनर लगाकर लगाये सनसनीखेज आरोप

विकास यात्रा में नायब तहसीलदार का ग्रामीण ने किया विरोध, बैनर लगाकर लगाये सनसनीखेज आरोप 

तहसीलदार और पटवारियों ने संबंधित पर कार्रवाई की मांग को लेकर कलेक्टर को सौंपा आवेदन

लोकमतचक्र डॉट कॉम। 

भोपाल/अशोकनगर । मध्यप्रदेश सरकार द्वारा किये गये कार्यों से जनता को रूबरू कराने पूरे प्रदेश में विकास यात्रा निकाली जा रही है। इसी क्रम में अशोकनगर जिले में भी विकास यात्रा का आयोजन किया जा रहा है । विकास यात्रा में 1 दिन पहले ईसागढ़ क्षेत्र में नायब तहसीलदार को ग्रामीणों का विरोध झेलना पड़ा। ग्रामीणों ने बैनर लगाकर आलोक श्रीवास्तव पर आरोप लगाए। जैसे कि इस बात की जानकारी अन्य तहसीलदार, पटवारियों को लगी तो वे मंगलवार को कलेक्ट्रेट पहुंचे और यहां पर कलेक्टर को जिन लोगों के द्वारा सार्वजनिक रूप से विरोध किया, उन पर कार्रवाई करवाने की मांग का ज्ञापन दिया है।


मामला ईसागढ़ ब्लॉक की फुटेरा गांव का है, जहां पर सोमवार को विकास यात्रा पहुंची थी। इसी दौरान ग्रामीणों ने विकास यात्रा में ईसागढ़ नायब तहसीलदार आलोक श्रीवास्तव के खिलाफ बैनर लगाकर विरोध किया। ग्रामीणों ने बैनर में लिखा । ईसागढ़ तहसील क्षेत्र के सारसखेड़ी वृत में हो रही है। भ्रष्टाचार नायब तहसीलदार आलोक श्रीवास्तव है, जिसका जिम्मेदार इनको निलंबित कर जांच करें, तभी विकास यात्रा होगी, सरकार जनता की है, यही पुकार तत्काल कार्रवाई अबकी बार ।

कलेक्टर को दिया ज्ञापन

तहसीलदार एवं पटवारी कलेक्ट्रेट पहुंचे, जहां पर उन्होंने ज्ञापन में बताया कि वह सुबह से शाम तक विकास यात्रा में जा रहे हैं, लेकिन यात्रा के दौरान कतिपयतत्व अपनी व्यक्तिगत रंजिश निकालने के लिए सार्वजनिक मंच का दुरुपयोग कर अधिकारियों एवं कर्मचारियों का सार्वजनिक रूप से अपमानित करने का प्रयास कर रहे हैं। सोमवार को फुटेरा गांव में नायब तहसीलदार आलोक श्रीवास्तव से एक व्यक्ति, जिनका नाम अनिल रघुवंशी निवासी ग्राम सादोह है जो कि अपने आपको सांसद प्रतिनिधि बताते हैं, (जबकि इनके पास कोई पद नहीं है) के द्वारा अभद्र भाषा का प्रयोग किया एवं ग्राम पटवारी पर पैसे का लेन-देन सबंधी बेबुनियाद आरोप पटवारी पर लगाए गए। ऐसा ही एक घटनाक्रम तीन दिन पहले कालीटोर गांव में ईसागढ़ तहसीलदार रोहित रघुवंशी के साथ हुआ। 

तहसीलदार एवं नायब तहसीलदार को न्यायालयीन कार्यों के लिए न्यायाधीश संरक्षण अधिनियम के अंतर्गत संरक्षण प्राप्त है। न्यायालययीन कार्यों की समीक्षा राजनीतिक स्तर पर सार्वजनिक रूप नहीं की जा सकती। ऐसा करना न्यायालय की मर्यादा के विरुद्ध होकर अवमानना की श्रेणी में आता है। उक्त घटना की मध्यप्रदेश राजस्व अधिकारी (कप्रशा सेवा संघ जिला ईकाई अशोकनगर घोर निंदा करती है। भविष्य में इस प्रकार की घटना की पुनर्रावृति होने पर जिले के संपूर्ण राजस्व अधिकारी कलमबंद हड़ताल करने को विवश होंगे। जिसका संपूर्ण उत्तरदायित्व संबंधितों का होगा।

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