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प्रथम जैन तीर्थंकर भगवान श्री 1008 आदिनाथ स्वामी का जन्म कल्याणक महोत्सव मनाया जैन समाज ने

प्रथम जैन तीर्थंकर भगवान श्री 1008 आदिनाथ स्वामी का जन्म कल्याणक महोत्सव मनाया जैन समाज ने

लोकमतचक्र डॉट कॉम। 

हरदा । जैन धर्म प्रवर्तक, प्रथम जैन तीर्थंकर भगवान श्री 1008 आदिनाथ स्वामी के जन्म कल्याणक के अवसर पर दिगम्बर जैन समाज द्वारा विश्व कल्याण की भावना को लेकर 108 कलशों से भगवान श्री 1008 आदिनाथ स्वामी का अभिषेक कर चौंसठ ऋद्धी सिद्धी दिपकों के साथ भक्ताम्बर महा मंडल विधान की पूजा अर्चना की गई एवं अखंड भक्ताम्बर पाठ का आयोजन किया गया ।


जैन समाज हरदा के अध्यक्ष सुरेंद्र जैन एवं कोषाध्यक्ष राजीव जैन ने जानकारी देते हुए बताया कि जैन धर्म अनादि अनंत है । जैन धर्म के वर्तमान शासन नायक भगवान श्री 1008 महावीर स्वामी के पूर्व से ही तेबीस तीर्थंकर हुए हैं। उनमें प्रथम तीर्थंकर भगवान श्री 1008 आदिनाथ स्वामी है। आज जैन धर्म के प्रवर्तक, सृष्टि को असि, मसि, कृषि, विद्या, शिल्प, वाणिज्य का ज्ञान प्रदान करने वाले, जैन सिद्धान्त को समूचे प्राणी जगत में प्रतिपादित करने वाले, वर्त्तमान चौबीसी तीर्थंकर परंपरा के प्रथम तीर्थंकर आदि ब्रह्मा देवाधिदेव श्री 1008 श्री ऋषभदेव (आदिनाथ) भगवान के जन्म कल्याणक महोत्सव पर जैन समाज द्वारा अनेकों धर्मिक आयोजन स्थानीय श्री दिगम्बर जैन मंदिर खेड़ीपुरा में आयोजित किए गए। 

राजीव जैन ने बताया कि आदिनाथ भगवान के जन्म कल्याणक पर 24 घंटे अखंड भक्ताम्बर का पाठ आयोजित किया गया था। प्रात:काल में श्रीजी का अभिषेक, शांतिधारा कर भक्तामर मंडल विधान की पूजा की गई। अखंड भक्ताम्बर मंडल विधान कै पुण्यार्जक सरोज बड़जात्या परिवार था। प्रथम कलश का सौभाग्य पवित्र, प्रतिक बड़जात्या परिवार को प्राप्त हुआ । प्रथम शांतिधारा का सौभाग्य अशोक बड़जात्या परिवार को प्राप्त हुआ तो द्वितीय शांतिधारा का सौभाग्य संजय सपन बजाज परिवार को मिला एवं आरती करने का सौभाग्य श्रीमती अनुलेखा पवन सिंघई परिवार को मिला। पालना झूलाने का सौभाग्य सुरेन्द्र कठनेरा परिवार को प्राप्त हुआ । सुबह प्रतीक, पवित्र अनिल बड़जात्या द्वारा प्रभावना वितरण की गई। शांतिधारा, अभिषेक तथा भक्तामर मंडल विधान जैन समाज के वरिष्ठ सदस्य अशोक बड़जात्या के द्वारा संपन्न करवाया गया।


संध्याकालीन कार्यक्रम की जानकारी देते हुए महिला परिषद अध्यक्ष श्रीमती साधना कठनेरा ने बताया कि मंदिर जी में संध्याकाल में महाआरती का आयोजन कर महिला परिषद के सौजन्य से पालना झुलाने का आयोजन किया गया। सभी आयोजन में जैन धर्मावलंबी काफी संख्या में उपस्थित थे।

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