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RES (ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग) नहीं कर सकेगा 25 लाख तक के काम, पंचायतों को मिले अधिकार

ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग नहीं कर सकेगा 25 लाख तक के काम, पंचायतों को मिले अधिकार

महिलाएं नहीं जाएंगी बैंक, अफसरों को जाना होगा गांव

लोकमतचक्र डॉट कॉम। 

भोपाल । प्रदेश में ग्रामीण क्षेत्रों में सड़क, नाली और अन्य विकास कार्यों के लिए 25 लाख रुपए तक के काम आरईएस (ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग) नहीं कर सकेगा। राज्य शासन ने फैसला किया है कि आरईएस फंड के इन कामों को पंचायतों से ही कराया जाएगा यानी पंचायतों में 25 लाख रुपए तक की राशि के कार्य पंचायतें ही करेंगी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने साफ कर दिया है कि ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग से 25 लाख रुपए तक के कार्य नहीं कराए जाएं। निर्वाचित जन-प्रतिनिधियों को अपनी पंचायत में कार्य करने का हक है।

सांसदों और विधायकों द्वारा सांसद व विधायक निधि के साथ अन्य फंड के रूप में आरईएस द्वारा किए जाने वाले 25 लाख रुपए तक के काम आरईएस से वापस लेने की मांग मुख्यमंत्री चौहान से की गई थी। इसके बाद इस मामले में पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग ने आदेश जारी कर दिए हैं। मुख्यमंत्री चौहान ने इसी के चलते सभी कलेक्टरों और संभागायुक्तों से कहा है कि वे इसका ध्यान रखें और गांवों में टेंडर के जरिये कराए जाने वाले 25 लाख रुपए तक के आरईएस के काम पंचायतों के माध्यम से कराएं। इसमें पंचायत ही एजेंसी तय करेगी और निर्माण का काम देखेगी।

महिलाएं नहीं जाएंगी बैंक, अफसरों को जाना होगा गांव

मुख्यमंत्री चौहान ने यह भी कहा है कि लाड़ली बहना योजना के लिए डीबीटी और अन्य लिंक के संबंध में कार्यवाही को लेकर महिलाओं को बैंकों में नहीं बुलाया जाए। उन्होंने प्रदेश के लीड बैंक सेंट्रल बैंक आॅफ इंडिया के वरिष्ठ अधिकारी और राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति के संयोजक व महाप्रबंधक तरसेम सिंह जीरा को निर्देश दिए हैं कि महिलाओं को बैंक के स्तर पर कोई परेशानी न हो, उन्हें बैंक न आना पड़े, यह प्रयास करें। बैंक अधिकारी गांवों में जाकर समस्या का निराकरण करेंगे ताकि मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना से संबंधित सभी कार्य बिना बाधा के संपन्न हो सकें। वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये लाड़ली बहना योजना व जनसेवा अभियान को लेकर कलेक्टरों और संभागायुक्तों से संवाद के दौरान सीएम चौहान ने कहा है कि कमिश्नर संभाग के सभी जिलों में मॉनिटरिंग करें। किसी को भी अपने काम के लिए भटकना न पड़े। जनता के कार्य आसानी से हों। लोगों को कार्यालयों के चक्कर नहीं लगाना पड़ें। जन-प्रतिनिधि भी अभियान का प्रचार-प्रसार करें, जिससे जनता में सरकार के प्रति विश्वास बढ़े।

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