प्रदेश भर में जिला मुख्यालय पर पटवारियों ने निकाली आक्रोश रैली, 25 वर्षों से वेतनमान की लंबित मांग के निराकरण को लेकर
प्रदेश भर में जिला मुख्यालय पर पटवारियों ने निकाली आक्रोश रैली, 25 वर्षों से वेतनमान की लंबित मांग के निराकरण को लेकर
अब मध्यप्रदेश के पटवारी भी हुए सरकार के खिलाफ लामबंद
लोकमतचक्र डॉट कॉम।
भोपाल। मध्य प्रदेश पटवारी संघ के आव्हान पर आज प्रदेश भर में जिला मुख्यालय पर पटवारियों ने आक्रोश रैली निकाल कर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा । मध्य प्रदेश पटवारी संघ के प्रांताध्यक्ष उपेन्द्र सिंह बाघेल ने जानकारी देते हुए बताया कि मध्यप्रदेश के पटवारी विगत 25 से वेतनमान संशोधन की मांग कर रहे है । स्वयं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ ही पूर्व के सभी राजस्व मंत्रियों जिसमे कमल पटेल, करनसिंह वर्मा, रामपाल सिंह के साथ ही गोविंद सिंह राजपूत ने भी आश्वासन दिया, मिडिया में सार्वजनिक रूप से घोषणा की, लिखित पत्र दिया किंतु आज तक आदेश नहीं दिया ।
संघ की प्रदेश संवाद समिति के अध्यक्ष राजीव जैन ने बताया कि राजस्व व भूअभिलेख विभाग के सभी कर्मचारियों का वेतन बढ़ाया गया, किंतु राजस्व विभाग की रीढ़ की हड्डी कहे जाने वाले पटवारी 1998 से उसी वेतनमान पर काम कर रहे है। जबकि पटवारियों से शासन के 64 विभागो की सभी योजनाओं का काम लिया जाता है। साथ ही बिना संसाधन अल्प भत्ते में गैर तकनीकी पटवारी से तकनीकि कार्य दबाब बनाकर कराये जाते है। वर्तमान मे राजस्व निरीक्षक का कार्य सीमांकन भी पटवारियों को दे दिया गया है, तो पटवारियों को उनका वेतनमान भी समान कार्य समान वेतन के आधार पर दिया जाना चाहिए।
महामंत्री उमेश शर्मा ने बताया कि अभी आंदोलन के प्रथम चरण मे हमने मांगो का ज्ञापन दिया है, अगले चरण मे 24 व 25 तारीख को सांसद, विधायक, मंत्री, जनप्रतिनिधियों को मांगो के संबंध में स्मरण पत्र देंगे इसके बाद 26 जून से सभी पटवारी सारा आईडी से लॉगआउट होकर एप अनस्टाल करेंगे तथा आनलाइन सभी कार्यबंद करेंगे।
ये हैं मांगें
वेतनमान ग्रेड पे 2800 रुपए किया जाए, समयमान वेतनमान विसंगति दूर हो, विभिन्न भत्तों में बढ़ोतरी की जाए, पदोन्नति व समान कार्य समान वेतन का लाभ दिया जाए। इसके साथ सीमांकन करने के लिए ईटीएस मशीन, रोवर नहीं है, वहीं मोबाइल भी कई पटवारियों को नहीं मिले हैं। पहले जिन पटवारियों को मोबाइल मिले थे वे भी अब खराब हो गए हैं इससे मोबाइल सहित अन्य जरूरी संसाधन उपलब्ध कराए जाएं।
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