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भाजपा कार्यालय का भूमिपूजन करने वाले पूर्व प्रदेशाध्यक्ष स्वर्गीय नंदकुमार सिंह चौहान के नाम का शिलालेख नाली में फेंकने पर राजपूत समाज हुआ नाराज

भाजपा कार्यालय का भूमिपूजन करने वाले पूर्व प्रदेशाध्यक्ष स्वर्गीय नंदकुमार सिंह चौहान के नाम का शिलालेख नाली में फेंकने पर राजपूत समाज हुआ नाराज 


करणी सेना ने भाजपा कार्यालय पर किया प्रदर्शन, कार्यालय का नाम कमल कुंज बदलकर स्व. नंदकुमार चौहान के नाम रखने की कि मांग

लोकमतचक्र डॉट कॉम। 

हरदा। भाजपा के नवनिर्मित कार्यालय के नामांकरण कमल कुंज रखने ओर कार्यालय के भूमिपूजन करने वाले पूर्व प्रदेशाध्यक्ष स्व. नंदकुमार चौहान के शिलालेख को नाली में फेकने पर आज शुक्रवार को करणी सेना परिवार ने भाजपा के नवनिर्मित भाजपा कार्यालय पर जाकर प्रदर्शन किया। करणी सेना परिवार का आरोप है कि हरदा भाजपा ने पार्टी के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान के नाम के शिलालेख को नाली में फेंककर उनका और राजपूत समाज का अपमान किया है। करणी सेना परिवार के सदस्य भाजपा के नए कार्यालय कमल कुंज गए। वहां पड़े शिलालेख को शुद्ध पानी से धोकर साफ किया।

जिलाध्यक्ष सुनील सिंह राजपूत ने कहा कि भाजपा के लिए अपना जीवन समर्पित करने वाले स्व. नंदकुमार सिंह चौहान भाजपा प्रदेशाध्यक्ष रहने के साथ 8 बार सांसद रहे हैं। उन्होंने हमेशा भाजपा के लिए समर्पित रहकर कार्य किया है। लेकिन हरदा भाजपा कार्यालय में उनके नाम के शिलालेख का अपमान कर उसे अलग रखकर नाली में फेंक दिया गया है। यह उनका ही नहीं पूरे राजपूत समाज का अपमान है।उन्होंने कहा कि भाजपा ने अपने कार्यकाल का नाम कमल कुंज रखा है। जिसे बदलकर स्व. नंदकुमार चौहान के नाम पर रखा जाए। पार्टी उनके अपमान का जवाब दें। नहीं तो पूरे प्रदेश में राजपूत समाज भाजपा के खिलाफ प्रदर्शन करेगी।


मामले में भाजपा जिलाध्यक्ष अमर सिंह मीणा का कहना है कि भाजपा के लिए स्व. नंदू भैया हमेशा सम्मानीय रहे हैं और रहेंगे। हमारी पार्टी में किसी भी सामान्य व्यक्ति का अपमान नहीं किया जाता तो फिर स्व. चौहान तो हम सभी के प्रेरणास्रोत और मार्गदर्शक रहे हैं। उनका अपमान करने की तो कोई सोच ही नहीं सकता। चूंकि भाजपा कार्यालय का काम अंतिम चरण में चल रहा है। यहां पर काम करने वाले किसी लेबर ने अनजाने में उस शिलालेख को रख दिया गया होगा । करणी सेना परिवार जिस शिलालेख के अपमान की बात कर रहे है, उनमें हमारा भी नाम शामिल है। उन्होंने कहा कि उस शिलालेख को ससम्मान कार्यालय में स्थापित किया जाएगा।

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